उत्तर प्रदेश के संभल को राज्य सरकार धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। जिला प्रशासन शास्त्रों में वर्णित सभी तीर्थों और कूपों की खोजबीन कर रहा है। संभल के जिलाधिकारी डॉक्टर राजेन्द्र पेंसिया ने बताया कि संभल तीर्थनगरी है। संभल माहात्म्य में शहर के तीन कोनों पर तीन प्रमुख शिव मंदिर के बारे में कहा गया है। इनके बीच 87 देव तीर्थ और 5 महा तीर्थ हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि संभल में अब तक 60 देव तीर्थों की पहचान हो चुकी है और बाकी तीर्थों की खोजबीन की जा रही है। उन्होने कहा कि 44 तीर्थों से अतिक्रमण हटाकर उनके सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वंदन योजना, नगर परिषद के 15वें वित्त आयोग और पर्यटन एवं धार्मिक विभाग के बजट से इस काम को पूरा किया जा रहा है।
#WATCH | Sambhal, UP | Sambhal DM Rajendra Pensia says, "As per Sambhal Mahatmya, three Shiv temples are present on the three corners of Sambhal. Between them, there are 87 Deva Tirtha and 5 Maha Tirtha. Till now, we have found 60 Deva Tirtha and removed encroachment from 44 out… pic.twitter.com/ZZiho3Xvui
— ANI (@ANI) February 23, 2025
जिलाधिकारी ने बताया कि इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार की जा रही है, जिसे अब सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में पुराने कुँओं को भी पुनर्जीवित करने की योजना बनाई गई है, ताकि जल संरक्षण किया जा सके। ये तीर्थस्थल जलतीर्थ कहलाते थे। इसलिए इन्हें पुनर्जीवित करना जरूरी है।
जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने आगे बताया कि जब 48 किलोमीटर लंबी 24 कोसी परिक्रमा पूरी होगी और सभी तीर्थस्थलों का सौंदर्यीकरण हो जाएगा, तब संभल एक प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। बता दें कि संभल को एक प्रमुख तीर्थ एवं पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।