Wednesday, October 9, 2024
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जिस महिला को TMC गुंडों ने नंगा कर पीटा, बंगाल पुलिस ने उसे जाँच के लिए ब्लाउज और पेटीकोट जमा कराने को कहा: हमले के बाद शफीकुल ने नग्न तस्वीरें की थी वायरल

पीड़िता पर उस समय हमला किया गया जब वह पास के पार्क से घर लौट रही थी। टीएमसी के गुंडों के एक समूह ने उस पर हमला किया, उसके कपड़े उतार दिए और फिर उसके कपड़े नदी में फेंक दिए।

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में पुलिस की शर्मनाक कार्यशैली सामने आ रही है। ममता बनर्जी की पुलिस ने टीएमसी के गुँडों के अत्याचार की पीड़ित महिला से उसने कपड़े जाँच के लिए माँगे हैं। कूचबिहार जिले की घोक्साडांगा पुलिस ने गुरुवार (4 जुलाई 2024) को महिला से उसके साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट को देने को कहा है, जो उसने घटना के दिन पहने थे।

इस मामले को बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने उठाया। उन्होंने पुलिस द्वारा CrPC की धारा 91 के तहत जारी नोटिस की कॉपी को भी साझा किया, जिसमें साफ तौर पर पीड़ित महिला से साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट (शैया) कोशनिवार (6 जुलाई) को सुबह 10 बजे पुलिस स्टेशन में जमा करने को कहा गया है। इस मामले में महिला के कपड़े उतार कर टीएमसी के गुंडों ने पानी में फेंक दिए थे। इस मामले में शफीकुल समेत 4 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।

इस मामले को बीजेपी के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी ने उठाया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “पीड़ित को परेशान करने का क्लासिक मामला! ममता पुलिस की दुस्साहसता की कल्पना करें। ममता बनर्जी की पुलिस उस महिला से, जिसे कूचबिहार जिले में टीएमसी के गुंडों ने पूरी तरह से निर्वस्त्र कर दिया, उसके साथ छेड़छाड़ की और उसे बुरी तरह पीटा, फटे कपड़े जमा करने के लिए कह रहे हैं, जो अपराधियों ने जघन्य अपराध को अंजाम देते समय जबरदस्ती उससे उतार लिए थे। जब महिला को उसके परिवार के सदस्यों ने पाया, तो वह जमीन पर बेहोश पड़ी थी, लगभग पूरी तरह नग्न अवस्था में। यह बात स्पष्ट रूप से एफआईआर में दर्ज है। इसके बावजूद पुलिस उसके कपड़े माँग रही।”

उन्होंने आगे लिखा, “मेरी माँग है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपना चाहिए, क्योंकि पश्चिम बंगाल पुलिस का इरादा अपराधियों को सजा दिलाने का नहीं, बल्कि उन्हें बचाने का है। पीड़ित की इकलौती गलती ये है कि वो बीजेपी से जुड़ी है और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के लिए काम कर रही थी। इस मामले के जाँच अधिकारी (IO) का ये घिनौना काम ये बताता है कि पुलिस सिर्फ पीड़ित को ही परेशान कर रही है। घोक्साडांगा थाने के जाँच अधिकारी और प्रभारी अधिकारी को उनके पक्षपाती काम और पीड़िता को अपमानित करने के लिए तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।”

25 जून को महिला पर बरपा था टीएमसी के गुंडों का कहर

बता दें कि 25 जून 2024 को टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी की समर्थक महिला को नंगा कर किया और उसके बाल पकड़कर एक किलोमीटर तक घसीटा। इस दौरान एक घंटे से ज्यादा समय तक उसकी पिटाई की गई। यह घटना पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के माथा भंगा-II ब्लॉक के रुईडांगा गाँव में हुई। रिपोर्ट के अनुसार, टीएमसी के गुंडों के एक ग्रुप ने राज्य में विपक्षी पार्टी बीजेपी की कार्यकर्ता होने के कारण महिला पर हमला किया। पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस शिकायत के अनुसार, स्थानीय टीएमसी कैडर ने 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद से महिला को घर से बाहर निकलने से रोक दिया था। पीड़िता पर उस समय हमला किया गया जब वह पास के पार्क से घर लौट रही थी। टीएमसी के गुंडों के एक समूह ने उस पर हमला किया, उसके कपड़े उतार दिए और फिर उसके कपड़े नदी में फेंक दिए। उन्होंने धमकी भी दी थी कि अगर वह फिर से बाहर निकली तो वे उसका घर तोड़ देंगे। कूचबिहार पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी शफीकुल समेत 4 लोगों को हिरासत में लिया था। शफीकुल ने हमले के दौरान पीड़िता की निर्वस्त्र तस्वीरें खींची और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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