Friday, May 3, 2024
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‘बेटी पढ़ाओ, पर बीवी नहीं’: ज्योति मौर्या नहीं तय करेगी ‘हीरा ठाकुर’ का भविष्य, वे अपने अलोक से समाज में हमेशा फैलाते रहेंगे ज्योति

अलोक भले आज पीड़ा में हैं। भले उनकी पीड़ा पर मीम बन रहे हैं। पर सच्चाई यही है कि समाज के ऐसे ही आलोक पर्दे के हीरा ठाकुर जैसी भूमिकाओं की प्रेरणा होते हैं। असल जिंदगी के हीरा ठाकुर का भविष्य कोई ज्योति तय नहीं करेगी। हीरा ठाकुर जैसे न केवल अपना भविष्य खुद लिखते हैं, बल्कि अपने साथ वालों का भविष्य भी बुनते हैं।

फिल्मों की दुनिया और असल जिंदगी दोनों अलग-अलग होती है। जरूरी नहीं जो काम असल जिंदगी में किया जा रहा है उसका अंजाम फिल्म की हैप्पी एंडिंग जैसा ही हो। हाल में ये बात लोगों को और अच्छे से समझ आई जब उन्होंने ज्योति मौर्या और अलोक मौर्या का केस सुना…। इस केस के सामने आने के बाद ट्विटर पर हीरा ठाकुर ट्रेंड हो रहा है। ऐसा क्यों है आइए बताते हैं।

दरअसल, हीरा ठाकुर, सूर्यवंशम फिल्म का एक कैरेक्टर हैं जो फिल्म में अनपढ़ दिखाया गया है लेकिन उसकी शादी एक पढ़ी-लिखी लड़की से होती है और उसका सपना आईएएस का होता है। हीरा ठाकुर अपनी पत्नी को पढ़ाता है और इतना साथ देता है कि उसे आईएएस भी बनवा देता है। बाद में वही पत्नी जब जिलाधिकारी बनती है तो अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने पति हीरा ठाकुर को देती है और आईएएस की कुर्सी पर बैठकर भी ससुर के पाँव छूकर उनका सम्मान करती है।

फिल्म में हीरा ठाकुर का कैरेक्टर ऐसा गढ़ा गया है कि यदि कोई पुरुष उसे देखे तो वो कभी अपनी पत्नी को पढ़ने से न रोके और जितना बन पड़े उसे खुद के पैरों पर खड़ा करवाए। शायद ऐसा ही सोचा होगा अलोक मौर्या ने। अलोक मौर्या एक सफाईकर्मी हैं जिनकी शादी 2010 में ज्योति मौर्या से हुई थी। अलोक को जब पता चला कि उनकी पत्नी के सपने ऊँचे हैं तो वो अपना सब कुछ छोड़कर उसे इलाहाबाद लेकर आ गए। यहाँ उन्होंने उसे उधार ले लेकर पढ़ाया। जब ज्योति ने 2016 में पीसीएस क्लियर की तो उनकी भी खुशी का ठिकाना नहीं था…।

अब यहाँ तक की कहानी तो अलोक मौर्या और हीरा ठाकुर की एक जैसी रही। मगर इसके बाद जो हुआ वो फिल्म की कहानी से बिलकुल अलग है। ज्योति मौर्या जिन्हें अलोक ने उधार लेकर पढ़ाया लिखाया वो पद पर आसित होने के बाद बदल गईं। साल 2020 में उनका प्रेमी कोई और बन गया और वो खुद अलोक को गालियाँ देने लगीं। बात जब ज्यादा बढ़ी तो ज्योति ने अलोक पर दहेज उत्पीड़न का केस करवा दिया। अलोक दर-दर भटके। रोते हुए उनकी वीडियो सामने आई। लेकिन ज्योति मौर्या के सिर का अहंकार नहीं उतरा।

जब सोशल मीडिया पर अलोक के साथ हुई नाइंसाफी की कहानी वायरल हुई तो लोग उनकी आवाज बने और उन्हें इंसाफ दिलाने की माँग शुरू हो गई। अब ये मामला प्रशासन के भी संज्ञान में भी है। जो ज्योति मौर्या कल तक अपनी कुर्सी का रौब दिखाकर अलोक को धमकियाँ दे रही थीं उनकी अब पुरानी वीडियोज सोशल मीडिया पर घूम रही हैं। किसी में वह अलोक की जाति पर उन्हें अपशब्द बोल रही हैं तो किसी में उनकी चैट वायरल है।

सोशल मीडिया पर लोगों का पूछना है कि आखिर जो इंसान इतना एहसान फरामोश है कि अपने घर-परिवार को भूल जाए वो क्या गारंटी है कि सरकारी कुर्सी पाने के बाद जनता के हित में काम करेगा? इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो इस केस के बाद महिलाओं का मजाक बना दिया है।

पुरुषों को तंज कसते हुए कहा जा रहा है कि वह लोग हीरा ठाकुर बनकर बीवियों को न पढ़ाएँ वरना अलोक मौर्या जैसा हाल हो सकता है। कुछ लोग इस मुद्दे पर मीम बना रहे हैं कि बेटी पढ़ाओ मगर बीवी नहीं। इसी तरह स्क्रीनशॉट वायरल है कि जब लड़की अपने प्रेमी को बताती है कि उसका सपना एसडीएम बनने का है तो लड़का उसे ब्लॉक मारकर दूर भाग जाता है।

अलोक भले आज पीड़ा में हैं। भले उनकी पीड़ा पर मीम बन रहे हैं। पर सच्चाई यही है कि समाज के ऐसे ही अलोक पर्दे के हीरा ठाकुर जैसी भूमिकाओं की प्रेरणा होते हैं। असल जिंदगी के हीरा ठाकुर का भविष्य कोई ज्योति तय नहीं करेगी। हीरा ठाकुर जैसे न केवल अपना भविष्य खुद लिखते हैं, बल्कि अपने साथ वालों का भविष्य भी बुनते हैं। वे आगे भी समाज में शिक्षा, नारी सशक्तिकरण की ज्योति फैलाते रहेंगे।

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