दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है। उसके मुखिया अरविन्द केजरीवाल तक हार गए हैं। AAP की 10 वर्ष की सत्ता खत्म हो गई है। इसी चुनाव में भाजपा के एक उम्मीदवार ने मुस्लिम बहुल इलाके मुस्तफाबाद में पार्टी को जीत दिलाई है। मुस्तफाबाद में भाजपा उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने AAP, AIMIM और कॉन्ग्रेस को पटखनी दी है।
मुस्तफाबाद सीट पर मोहन सिंह बिष्ट ने AAP के अदील अहमद को हराया है। मोहन सिंह बिष्ट को 85 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। उन्होंने अदील अहमद को 17 हजार वोटों से हराया है। इस सीट पर AIMIM ने भी दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन को टिकट दिया था।

ताहिर हुसैन को इस सीट पर 33 हजार वोट मिले हैं। वहीं कॉन्ग्रेस को इस सीट पर 11 हजार 763 मिले हैं। मुस्तफाबाद विधानसभा चुनाव की मतगणना में मोहन सिंह बिष्ट किसी भी राउंड में पीछे नहीं हुए। मुस्तफाबाद वही विधानसभा है, जो दिल्ली में 2020 के हिन्दू विरोधी दंगों के समय काफी प्रभावित रही थी।
मोहन सिंह बिष्ट भाजपा के पुराने और बड़े नेता हैं। वह 1990 के दशक से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं। बिष्ट 1998 में पहली बार करावल नगर से भाजपा के ही टिकट पर विधायक बने थे। वह लगातार 2015 तक इस सीट से विधायक रहे। वह 2015 में AAP उम्मीदवार से हार गए थे।
2020 में वापस वह करावल नगर से विधायक चुने गए थे। उन्होंने यहाँ दुर्गेश पाठक को हराया था। मोहन सिंह बिष्ट कि 2025 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीट बदल दी थी। करावल नगर सीट भाजपा ने हिन्दू छवि वाले नेता कपिल मिश्रा को उतारा था।
मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद सीट उतारा गया था। उन्होंने मुस्लिम बहुल सीट होने के बावजूद यहाँ जीत हासिल की है। यहाँ लगभग 45% वोट मुस्लिम है। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोट कॉन्ग्रेस, AAP और AIMIM के बीच बंट गया है, ऐसे में मोहन सिंह बिष्ट की और मजबूत जीत हुई।