दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए असदुद्दीन औवैसी की पार्टी AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपित ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों के बाद से ही जेल में बंद है। वह पहले आम आदमी पार्टी (AAP) में था। बाद में AAP ने उसे पार्टी ने निकाल दिया था। औवैसी ने इसकी घोषणा की है।
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया साइट X पर इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा, “एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल हो गए हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उनके परिवार के सदस्य और समर्थक आज मुझसे मिले और पार्टी में शामिल हुए।”
MCD Councillor Tahir Hussain joined @aimim_national & will be our candidate from Mustafabad Assembly Constituency in the upcoming Delhi Vidhan Sabha elections. His family members & supporters met with me today & joined the party pic.twitter.com/oFnQBlJgOF
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 10, 2024
ओवैसी द्वारा अपनी पोस्ट में शेयर किए गए तस्वीर में असदुद्दीन ओवैसी ताहिर हुसैन के परिजनों और समर्थकों के साथ दिख रहे हैं। तस्वीर में शोएब जमई और AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील भी साथ हैं। इस पर भाजपा ने ओवैसी को घेरा है। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ओवैसी ने साफ कर दिया कि ये उन लोगों को सम्मानित करेंगे, जो हिंदुओं को मारते हैं और उनके घर जलाते हैं।
कौन है ताहिर हुसैन?
साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के दौरान आईबी स्टाफ अंकित शर्मा की निर्मम हत्या के मामले में पार्षद ताहिर हुसैन समेत 11 लोगों के खिलाफ 23 मार्च 2023 को कड़कड़डूबा कोर्ट में आरोप तय हुए थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल ने कहा था कि गवाहों के बयानों से स्पष्ट पता चलता है कि सभी आरोपित घटनास्थल पर मौजूद थे।
न्यायाधीश ने अंकित शर्मा हत्या केस में आरोप तय करते हुए माना था, “ताहिर भीड़ पर निगरानी रखने और उन्हें प्रेरित करने के लिए लगातार काम कर रहा था। ये सभी चीजें हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए की गई थीं।” अदालत ने कहा था, “भीड़ के इन कृत्यों से यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य हिंदुओं को उनके शरीर और संपत्ति को अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाना था।”
कोर्ट ने आगे कहा था, “यह भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि यह भीड़ जानबूझकर हिंदुओं को भी मारना चाहती थी। यह नहीं कहा जा सकता है कि इस भीड़ का हिस्सा होने के बावजूद वो ऐसे उद्देश्य से बेखबर थे। जाहिर तौर पर, यह एक गैरकानूनी भीड़ थी, जो उस उद्देश्य के लिए काम कर रही थी।” इससे पहले ताहिर हुसैन पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले और दंगों की फंडिंग में आरोप तय किए थे।
ताहिर हुसैन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 153 ए, 302, 365, 120बी, 149, 188 और 153ए के तहत आरोप तय किए गए थे। ताहिर हुसैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 505, 109 और 114 के तहत भी केस आरोप तय किए गए थे। इस मामले के अन्य आरोपितों के हसीन, नाजिम, कासिम, समीर खान, अनस फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुंतजिम हैं।
ताहिर हुसैन ने ‘काफिरों’ को मारने के लिए धर्म के नाम पर भीड़ को उकसाया था। इस बात का जिक्र दिल्ली पुलिस ने गवाह के बयानों का हवाला देते हुए दायर किए गए आरोप पत्र में किया है। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हिन्दुओं के उन सब दुकानों व मकानों का आग लगा दी। भीड़ में शामिल सभी लोग हिंदुओं को गंदी-गंदी गालियाँ दे रहे थे और हिंदुओं को खतम करने की बात बोल रहे थे।
गवाह ने आगे बताया था कि सभी लोग हिंदुओं के घर जलाने की बात व हमको काफिर कह रहे थे। उनकी बातें हमें बहुत बुरी लग रही थी। दंगाई मुस्लिम भीड़ हमारी दुकान के बाहर तोड़-फोड़ कर रहे थे व हमारी तरफ पत्थर मार रहे थे। भीड़ में शामिल सभी लोग हिंदुओं के खिलाफ नारे लगा रहे थे और कह रहे थे कि ‘इन काफिरों को देश से निकाल देंगे, मारेंगे और हिंदुओं की लड़कियों को उठा कर ले जाएँगे’।
आरोप पत्र चश्मदीदों के बयान के आधार पर तैयार किया गया है। साथ ही इलाके के सीसीटीवी फुटेज और आरोपितों के फोन कॉल रिकार्ड को भी आधार बनाया गया है। पुलिस के अनुसार चश्मदीदों का कहना है कि ताहिर हुसैन घटना वाले दोनों दिनों में 40-50 गुंडों की भीड़ का नेतृत्व कर रहा था। पहला चार्जशीट चाँदबाग के एक पार्किंग लॉट में आगजनी और दंगे से संबंधित है।
इसमें कम से कम सौ वाहनों में आग लगा दी गई थी। दूसरा मामला करावल नगर इलाके में एक गोदाम में लूटपाट और आगजनी से संबंधित है। दोनों ही घटनाओं में ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया गया था। आरोप पत्र चश्मदीदों के बयान के आधार पर तैयार किया गया है। साथ ही इलाके के सीसीटीवी फुटेज और आरोपितों के फोन कॉल रिकार्ड को भी आधार बनाया गया है।
चाँदबाग और जफराबाद में हुए दंगों को लेकर ये दायर चार्जशीट में ताहिर हुसैन पर दंगों को फंड करने और इसका मास्टरमाइंड होने की बात कही गई थी। दंगों को भड़काने में 1.3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा फूँके गए। ताहिर हुसैन के छत से मिले सबूतों के अलावा उसके खिलाफ कई अन्य सबूतों की बात भी कही गई थी। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि वह दंगे भड़का रहा था।
पुलिस को उसके पास से एक पिस्टल भी मिला था, जिसके साथ मिले कुल 200 गोलियों में से 125 गोलियाँ थीं। हालाँकि, 75 बुलेट्स गायब मिले थे। ताहिर इसका कोई जवाब नहीं दे पाया था कि 75 गोलियाँ कहाँ गईं। पुलिस ने उस वीडियो को भी सबूत के तौर पर लिया था, जिसमें ताहिर हुसैन के गुंडे पेट्रोल बम फेंकते दिख रहे थे।