OpIndia is hiring! click to know more
Tuesday, April 15, 2025
HomeराजनीतिNCERT ने जिस फालतू मुगल इतिहास को हटाया, केरल की वामपंथी सरकार उसे पढ़ाएगी:...

NCERT ने जिस फालतू मुगल इतिहास को हटाया, केरल की वामपंथी सरकार उसे पढ़ाएगी: इसके लिए अलग से छापी जाएँगी किताबें

मुगलों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को किताबों से वामपंथी सरकार ने ही हटवाया था। अब वामपंथी सरकार ही फिर से मुगलों के फालतू और फर्जी इतिहास को पढ़ाने के पीछे पड़ी है।

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने पिछले दिनों इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिंदी के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए थे। केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने इन बदलावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। केरल की स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने तय किया है कि पाठ्यक्रम से जिन सामाग्री को NCERT ने हटाया है, उसे राज्य सरकार के स्कूली किताबों में शामिल किया जाएगा।

मंगलवार (25 अप्रैल 2023) को केरल शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एनसीईआरटी द्वारा हटाए गए पाठ्यक्रमों को शामिल करने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में केरल शिक्षा बोर्ड ने हटाए गए हिस्सों को पाठ्यक्रम में शामिल रखने का फैसला लिया। शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार से फैसले को लागू करने की अनुमति माँगी है। सरकार की तरफ से अनुमति मिलते ही हटाए गए चैप्टर्स केरल के स्कूलों में पढ़ाए जा सकेंगे।

केरल के शिक्षा मंत्री ने पहले ही कहा था कि राज्य अपने स्कूलों के पाठ्यक्रम में NCERT द्वारा हटाए गए हिस्सों को शामिल करेगा। केरल शिक्षा विभाग मुगलों का इतिहास, गुजरात दंगे और डार्विन के विकासवाद की थ्योरी को अपने सिलेबस में शामिल रखना चाहती है।

केरल सरकार की मंजूरी मिलते ही विवादित विषयों को राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए छात्रों को केरल में छपी सप्लीमेंट्री किताबें उपलब्ध कराई जाएँगी, जो NCERT की किताबों से इतर स्कूलों में पढ़ाई जाएँगी।

बता दें NCERT ने 10वीं, 11वीं और 12वीं के इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी की किताबों में बदलाव किया है। इतिहास की किताब से मुगल इतिहास से जुड़ी फालतू जानकारी हटाई गई है। वहीं हिंदी के पाठ्यक्रम से कुछ कविताएँ और पैराग्राफ हटाने का फैसला किया गया है। सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है, उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी 2023-24 से ही लागू कर दिया गया है।

माओवादी सरकार ने हटाई थी ‘मुगलों की सच्चाई’

आश्चर्यजनक है कि सीपीएम ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में रहते हुए मुगलों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को किताबों से हटवा दिया था। इसके लिए एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में साफ तौर पर लिखा हुआ था, “मुस्लिम शासन की कभी भी आलोचना नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम शासकों और आक्रमणकारियों द्वारा किए गए मंदिरों के विनाश का भी उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।”

अब उसी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद बिनय विश्वम (Binoy Viswam) ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में में उन्होंने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों से मुगलों के बारे में जानकारी हटाने को लेकर चिंता व्यक्त की।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ₹18000 करोड़+ की फंडिंग पर रोक, कैंपस में इस्लामी कट्टरपंथ के उभार को देख ट्रंप ने लिया फैसला

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2.2 अरब डॉलर की फंडिंग रोक दी है। आगे 9 बिलियन डॉलर की फंडिंग और भी रोकी जा सकती है।

मुर्शिदाबाद में इस्लामी हिंसा पर भड़के ‘बाबा बागेश्वर’, हिन्दुओं के पलायन पर जताई चिंता: कहा- इसके पीछे साजिश, लेकिन जल्दी सब बंद हो जाएगा

मुर्शिदाबाद में इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा के बाद हिन्दुओं के पलायन करने को लेकर बाबा बागेश्वर ने चिंता जताई है।
- विज्ञापन -