कॉन्ग्रेस ने भाजपा पर जम्मू-कश्मीर का गलत नक्शा शेयर करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में BJP ने कॉन्ग्रेस ने आड़े हाथों लिया है और जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान और चीन के कब्जे के लिए उसे दोषी बताया है। भाजपा ने कहा कि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू के कुकर्मों का परिणाम है।
दरअसल, कॉन्ग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो किया। उसमें उसने दावा किया कि भाजपा ने अपने एनिमेशन वीडियो में जम्मू-कश्मीर का गलत नक्शा दिखाया किया। कॉन्ग्रेस का कहना है कि जब उसने इस मुद्दे को उठाया तो उसने वीडियो एडिट कर दिया। कॉन्ग्रेस ने इस गलती के लिए भाजपा से माफी की माँग की है।
इस पर जवाब देते हुए भाजपा ने देश के पहले प्रधानमंत्री एवं कॉन्ग्रेस नेता पंडित नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक को को दोषी बताया। भाजपा न कहा कि पंडित नेहरू की भ्रमित विदेश नीति के परिणामस्वरूप कश्मीर के हिस्से खो गए। नेहरू ने राष्ट्रीय हित पर अपनी स्वयं की छवि को प्राथमिकता दी।
Pakistan has been in illegal and forcible occupation of approximately 78,000 sq kms of Indian territory in Jammu and Kashmir. China continues to be in illegal occupation of approximately 38,000 sq kms in the Indian UT of Jammu and Kashmir. In addition, under the so-called… https://t.co/EN5ixFEVP2
— BJP (@BJP4India) July 15, 2023
कश्मीर नीति को लेकर कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा, “पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में लगभग 78,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है। चीन ने भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध कब्जा जारी रखा है। इसके अलावा, 1963 के तथाकथित ‘चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते’ के तहत, पाकिस्तान ने अवैध रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 5,180 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया।”
भाजपा आगे बोली, “साल 2014 के बाद से भारत की एक इंच भी ज़मीन नहीं खोई है। अगर ऐसा है भी तो भारत ने पहली बार सीमा पर किसी भी आक्रामकता का इतनी उग्रता से जवाब दिया है, जो पहले कभी नहीं देखी गई।”
पंडित नेहरू पर हमला बोलते हुए भाजपा ने कहा, “जब हमारी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने की बात हो तो कॉन्ग्रेस को जवाहरलाल नेहरू के कुकर्मों को स्वीकार करके शुरुआत करनी चाहिए। देश आज भी कॉन्ग्रेस के उन कुकर्मों की भयानक कीमत चुका रहा है, जो नेहरू से शुरू होकर मनमोहन सिंह तक जारी रहे।”