Thursday, May 2, 2024
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सांसदों ने संसद की गरिमा को भंग किया, माफी माँगे तो निलंबन वापस, कल गाँधी प्रतिमा के सामने धरना देगा विपक्ष

"कल भी हमने उनसे कहा कि आप लोग माफी माँग लीजिए, खेद जाहिर कीजिए। लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया। इसलिए मजबूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा। उन्हें सदन में माफी माँगनी चाहिए।"

संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते दिन भर में कुल तीन बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामा नहीं थमने पर दोपहर 3 बजे के बाद लोकसभा की कार्यवाही बुधवार (1 दिसंबर 2021) तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष ने इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया।

दरअसल, राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों के मामले पर विपक्ष भड़का हुआ है। इन सांसदों को संसद के मानसून सत्र में मार्शलों के साथ बदसलूकी करने के आरोप में निलंबित किया गया है। अब 12 निलंबित विपक्षी सांसद राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखेंगे और अपने निलंबन के खिलाफ दलील पेश करेंगे। साथ ही वे कल संसद में गाँधी प्रतिमा के समक्ष धरना भी देंगे।

सांसदों का निलंबन रद्द करने से सभापति का इनकार

इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की माँग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह निलंबन का फैसला संवैधानिक है और इसे वापस नहीं लिया जाएगा। नायडू की इस घोषणा के बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। 

‘निलंबित सांसदों को माफी माँगनी चाहिए’

सरकार का कहना है कि निलंबित किए गए सांसदों को माफी माँगनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “कल भी हमने उनसे कहा कि आप लोग माफी माँग लीजिए, खेद जाहिर कीजिए। लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया। इसलिए मजबूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा। उन्हें सदन में माफी माँगनी चाहिए।”

12 सांसदों के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “पिछले सत्र में विपक्ष की मंशा सत्र को ना चलने देने की थी। अध्यक्ष का अपमान किया गया, पेपर फेंके गए। लेडी मार्शल को चोट लगी। इसे देखते हुए आवश्यक था कि ये कार्रवाई की जाए। सदस्य को माफी माँगनी चाहिए।”

राहुल बोले- किस बात की माफी?

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्वीट करके कहा कि किस बात की माफी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं! वहीं, अधीरंजन चौधरी ने कहा कि रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट चल रहा है। सरकार का ये नया तरीका है। हमें डराने का, धमकाने का, हमें जो अपनी बात रखने का अवसर मिलता है उसे छीनने का नया तरीका है। उन्होंने कहा, “यहाँ पर जमींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और माफी माँगे। ये जबरदस्ती क्यों माफी मँगवाना चाहते हैं। इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।”

बताया जा रहा है कि राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में आठ विपक्षी दलों का एक गुट उपसभापति वेंकैया नायडू से भी मिला। नायडू ने यहाँ विपक्ष को साफ कर दिया कि सांसद अगर माफी नहीं माँगेंगे तो उनका निलंबन जारी रहेगा।

बता दें कि 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामा करने वाले 12 सांसदों को मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में 6 सांसद कॉन्ग्रेस पार्टी के हैं, 2-2 सांसद शिवसेना तथा तृणमूल कॉन्ग्रेस तथा एक सांसद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का है। निलंबित होने वाले सांसदों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर मानसून सत्र के दौरान हंगामा किया था। 

निलंबित होने वाले सांसदों में शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल हैं। कॉन्ग्रेस से फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामनी पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम है। तृणमूल कॉन्ग्रेस से डोला सेन और शांता छेत्री एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से बिनॉय विश्वम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से एलमराम करीम का नाम शामिल है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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