Sunday, October 13, 2024
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सचिन पायलट को बर्खास्त करते ही गहलोत ने की राज्यपाल से मुलाकात, नजरबंद MLA ने लगाया कॉन्ग्रेस पर बदसलूकी का आरोप

सचिन पायलट ने अपने ट्विटर एकाउंट पर अपना बायो अपडेट करते हुए इसे 'एमएलए, टोंक' कर दिया है। इसके साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर बॉयो से डिप्टी सीएम हटा दिया है और कहीं भी कॉन्ग्रेस का जिक्र नहीं है। सचिन पायलट के ट्विटर बॉयो में लिखा है- "टोंक से विधायक। आईटी, दूरसंचार और कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व मंत्री, भारत सरकार.....

राजस्थान कॉन्ग्रेस में दो फाड़ पूरी तरह से हो चुकी है और इसकी अब बस आधिकारिक घोषणा होनी ही बाकी रह गई है। राजस्थान कॉन्ग्रेस विधायक दल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद शामिल नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत बागी हो चुके सचिन पायलट से डिप्टी सीएम और प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की कमान छीन ली गई है।

इसके फौरन बाद ही मंत्री और कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट की पहली प्रतिक्रिया आ गई है। सचिन पायलट ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है – “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।”

ट्विटर बायो से कॉन्ग्रेस हटाया

सचिन पायलट ने अपने ट्विटर एकाउंट पर अपना बायो अपडेट करते हुए इसे ‘एमएलए, टोंक’ कर दिया है। इसके साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर बॉयो से डिप्टी सीएम हटा दिया है और कहीं भी कॉन्ग्रेस का जिक्र नहीं है। सचिन पायलट के ट्विटर बॉयो में लिखा है- “टोंक से विधायक। आईटी, दूरसंचार और कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व मंत्री, भारत सरकार। कमीशन अधिकारी, प्रादेशिक सेना।

डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ, गोविंद सिंह डोटासरा को राज्य इकाई प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद जयपुर में कॉन्ग्रेस मुख्यालय से सचिन पायलट की नेमप्लेट भी हटा दी गई है।

इसके साथ ही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों का भी पत्ता साफ हो गया है। ये सचिन पायलट समर्थक माने जाते हैं। आज, मंगलवार को ही जयपुर के फेयरमोंट होटल में सीएलपी की बैठक में उपस्थित 102 विधायकों ने सर्वसम्मति से माँग की थी कि सचिन पायलट को कॉन्ग्रेस पार्टी से निकाला जाए।

सचिन पायलट को बर्खास्त करने के फैसले के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि वो सचिन पायलट को पद से हटाने के फैसले से खुश नहीं हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी के पास दूसरा कोई विकल्प बाकी नहीं छोड़ा था।

कॉन्ग्रेस विधायकों की बैठक के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर के राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आने वाले दिनों में कैबिनेट फेरबदल के सम्बन्ध में राज्यपाल कलराज मिश्र को सूचित किया।

वहीं, कॉन्ग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बैठक में शामिल नहीं होने और पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सचिन पायलट को राजस्थान कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद समेत डिप्टी सीएम पद से सचिन पायलट को हटा दिया गया है।

सुरजेवाला ने कहा कि उनकी जगह गोविंद सिंह डोटासरा को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट बीजेपी के झाँसे में आ गए, जिनकी कमी हमेशा अखरेगी। आलाकमान के पायलट को मनाने की सारी कोशिशें बेकार गई। ऐसे में भारी मन और खेद के साथ कुछ निर्णय लेने पड़े।

भारतीय ट्राइबल पार्टी के MLA ने लगाया राजस्थान सरकार पर बदसलूकी का आरोप

राहुल सिन्हा ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है –

“राजस्थान में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच विधायक भी नाजुक हालात से गुजर रहे हैं। राजस्थान की भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनको जबरन बंधक बनाया हुआ है। अशोक गहलोत का दावा है कि उन्हें राजकुमार रोत का समर्थन मिला हुआ है। अब सवाल ये कि समर्थन करने वाले के साथ ऐसा तो विरोध करने वाले के साथ कैसा होगा?”

इस विडियो में राजकुमार रोत का कहना है कि उन्हें एक हिसाब से बंदी बना लिया है और पुलिस ने उन्हें घेर रखा है। MLA का कहना है कि उनके साथ बत्तमीजी की जा रही है, उनकी गाड़ी की चाबी भी उनसे छीन ली गई है और उन्हें कहीं आने-जाने नहीं दिया जा रहा।

जबकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट में खींचतान के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी के अध्यक्ष महेश भाई वसावा ने अपनी पार्टी के दोनों विधायकों को वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहने को कहा है।

अपने पत्र में भारतीय ट्राइबल पार्टी के अध्यक्ष महेश भाई वसावा ने कहा कि दोनों विधायक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के समय न कॉन्ग्रेस को, न अशोक गहलोत को और न सचिन पायलट को और न ही बीजेपी को वोट करें। महेश भाई वसावा ने अपने दोनों विधायकों को निर्देश दिया हैं कि वोटिंग के दौरान वे अनुपस्थित रहें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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