Friday, April 25, 2025
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क्लोजर रिपोर्ट में खुलासा – दलित नहीं था रोहित वेमुला… अब उसके नाम पर क़ानून बना रहे राहुल गाँधी-सिद्धारमैया, जाति की राजनीति छोड़ नहीं रहे कॉन्ग्रेस

बीते साल तीन मई को तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना हाइकोर्ट को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी जिसमें यह साफ तौर पर लिखा था कि रोहित दलित नहीं था बल्कि उसने अपनी असली जाति के उजागर होने के डर से आत्महत्या की थी।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखा है। इस पत्र में राहुल ने कर्नाटक में ‘रोहित वेमुला एक्ट’ नाम से एक कानून बनाने की अपील की है। राहुल का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में जातिगत भेदभाव को खत्म करना है। अपने पत्र में राहुल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ हुए भेदभाव के बारे में भी लिखा है। इस पत्र को राहुल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किया है।

राहुल गाँधी ने डॉ. BR अंबेडकर को उद्धृत करते हुए लिखा, “हमारे पास बहुत सारा भोजन था। हमारे भीतर भूख की आज जल रही थी – फिर भी हमें बिना भोजन के सोना पड़ा, ऐसा इसीलिए हुआ क्योंकि हमें पानी नहीं मिल सकता था और हमें पानी इसलिए नहीं मिल सकता था क्योंकि हम अछूत थे।”

राहुल ने लिखा कि सिद्दारमैया इस बात से सहमत होंगे कि अंबेडकर ने जो झेला वह भारत के किसी बच्चे को नहीं झेलना चाहिए। बकौल राहुल गाँधी, यह शर्म की बात है कि आज भी जनजातीय, दलित और OBC समुदायों के लाखों छात्रों को हमारी शिक्षा प्रणाली में इस तरह का भेदभाव झेलना पड़ता है।

रोहित की बात पर आते हुए राहुल ने लिखा, “रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे प्रतिभाशाली युवाओं की हत्या क़तई स्वीकार्य नहीं है। इसे पूरी तरह से खत्म किए जाने का वक्त आ गया है। मैं कर्नाटक सरकार से ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ लागू करने की अपील करता हूँ ताकि भारत का कोई भी बच्चा वह न सहे जो डॉ. BR अंबेडकर, रोहित वेमुला और लाखों अन्य लोगों ने सहा।”

रोहित वेमुला की आत्महत्या

कई लोगों का मानना है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में 17 जनवरी, 2016 को जातिगत भेदभाव के कारण PhD छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। हालाँकि, बीते साल तीन मई को तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना हाइकोर्ट को एक क्लोजर रिपोर्ट सौंपी जिसमें यह साफ तौर पर लिखा था कि रोहित दलित नहीं था बल्कि उसने अपनी असली जाति के उजागर होने के डर से आत्महत्या की थी।

19 अप्रैल 2025 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने राहुल गाँधी को ‘X’ पर लिखकर बताया कि उन्होंने रोहित वेमुला एक्ट के लिए ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दे दिए हैं। राहुल गाँधी के लिए उन्होंने अपने पत्र में दावा किया, “मैं भी आपकी भावनाओं से पूरी तरह सहमत हूँ। हमें दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए कदम बढ़ाना चाहिए। हमारी शिक्षा प्रणाली में वंचित वर्गों को अब किसी भी तरह का भेदभाव नहीं सहना पड़ेगा। मैं और मेरी सरकार समाज में सभी के प्रति समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

रोहित की मौत के बाद राहुल गाँधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने उसे दलित विद्यार्थी का चेहरा देकर उसकी आत्महत्या को हत्या का रूप देने की कोशिश की। सच्चाई को उजागर करने में किसी की दिलचस्पी नहीं थी। इसके बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखा। रोहित वेमुला की मौत को वोटों की ख़ातिर दलितों और गैर-दलितों को बाँटने वाले राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया गया। प्रशासन की रिपोर्ट ने विपक्ष का झूठ उजागर कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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