Monday, March 24, 2025
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सोशल मीडिया में इस्लामी कट्टरपंथियों ने चलाया TMD (काफिरों को मार डालो) का ट्रेंड, बांग्लादेश में एक और हिंदू संत को बिना वारंट के पुलिस ने पकड़ा

हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेशी इस्लामी कट्टरपंथियों की ऐसी घृणा को देखने के बाद लोगों ने स्थिति पर चिंता जताई है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि वो स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाएँ वरना हालात हाथ से निकल जाएँगे।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 29 नवंबर 2024 को वहाँ चट्टोग्राम पुलिस ने एक और हिंदू पुजारी श्री श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार किया। ये जानकारी इस्कॉन के राधारमण दास ने अने सोशल मीडिया पर साझा की। 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में चिन्मॉय दास की गिरफ्तारी के बाद ये दूसरी कार्रवाई है।

बताया जा रहा है कि श्री श्याम दास प्रभु को उस वक्त पकड़ा गया जब वो चिन्मॉय दास से मिलने जेल गए थे। उन्हें बिन किसी आधिकारिक वारंट के गिरफ्तार किया गया और सफाई दी गई कि इस प्रकार किसी को भी हिरासत में लेकर बाद में छोड़ा जा सकता है।

गौरतलब है कि एक तरफ जहाँ प्रशासन हिंदुओं को पकड़कर उन्हें सताने में लगा है तो वहीं सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के इस्लामी कट्टरपंथी हिंदुओं को मारने का आह्वान खुलेआम कर रहे हैं। जानकारी सामने आई है कि इस्लामी कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर एक ऐसे हैशटैग- ‘टोटल मलाऊँ डेथ’ के साथ पोस्ट साझा कर रहे हैं जिसका मतलब है कि सारे हिंदुओं को मार डाला जाए। (मलाऊँ शब्द का इस्तेमाल गैर मुस्लिमों/काफिरों के लिए किया जाता है।)

देख सकते हैं कि इस हैशटैग के भीतर 200000 से ज्यादा पोस्ट साझा हो चुके हैं और इसे करने वाले सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम ही हैं। उनके लिए ‘मलाऊँ’ का अर्थ काफिर जैसा होता है जहाँ वो हिंदुओं को मारने का समर्थन करते हैं।

मालूम हो कि ये हैशटैग पहली बार सोशल मीडिया पर नहीं चलाया गया। अक्सर हिंदूविरोधी मानसिकता के लोगों को लामबंद करने के लिए इस तरह के हैशटैग चलाकर नफरत फैलाने का काम होता रहा है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।

हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेशी इस्लामी कट्टरपंथियों की ऐसी घृणा को देखने के बाद लोगों ने स्थिति पर चिंता जताई है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि वो स्थिति को संभालने के लिए कदम उठाएँ वरना हालात हाथ से निकल जाएँगे। लेकिन, अभी तक सरकार का हिंदू विरोधी घटनाओं के बाद जो रवैया रहा है उसे देख लगता है कि उन्होंने ऐसी घटनाओं के खिलाफ अपनी आँख मूंदी हुई हैं। उन्हें न हिंदुओं के खिलाफ होती हिंसा दिख रही है और न रोते-बिलखते हिंदुओं की आवाज सुनाई पड़ रही है। इस्लामी कट्टरपंथी अब भी हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। इस्कॉन को बंद करने की माँग कर रहे हैं। न्याय माँगने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। वहीं जो अन्याय कर रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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