Wednesday, May 1, 2024
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फ्रांस में PM मोदी बने ‘सम्मानित अतिथि’, गूँज गया ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ : राष्ट्रपति मैक्रो ने हिंदी में ट्वीट करके खुशी जताई

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्विटर में हिंदी में लिखा, "विश्व इतिहास में एक विशालकाय, भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका निभाने वाला देश, रणनीतिक साझेदार, मित्र। इस साल की 14 जुलाई की परेड के लिए भारत को सम्मानित अतिथि के रूप में स्वागत करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं। जहाँ फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अगुवाई में पीएम मोदी का लगातार भव्य स्वागत किया जा रहा है। यही नहीं इमैनुएल मैक्रों ने हिंदी में ट्वीट कर भारत को भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका वाला देश और रणनीतिक साझेदार बताया है। इसके अलावा उन्होंने ‘बैस्टिल डे’ परेड में पीएम मोदी का स्वागत करने को लेकर खुशी जताई है। परेड के दौरान भारत और फ्रांस के जवान ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा…’ गाने पर कदम ताल करते नजर आए। 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्विटर में हिंदी में लिखा, “विश्व इतिहास में एक विशालकाय, भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका निभाने वाला देश, रणनीतिक साझेदार, मित्र। इस साल की 14 जुलाई की परेड के लिए भारत को सम्मानित अतिथि के रूप में स्वागत करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है।”

एक अन्य ट्वीट में मैक्रों ने लिखा, “इस 14 जुलाई को, भारत के सैनिक और राफेल लड़ाकू विमान हमारे सैनिकों के साथ परेड में शामिल हैं। हम उन लोगों की स्मृति का सम्मान करते हैं जो प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांसीसी सेना के साथ मिलकर लड़े थे। हम कभी नहीं भूलेंगें।” 

14 जुलाई क्यों है खास?

दरअसल, हर वर्ष 14 जुलाई को फ्रांस में ‘बैस्टिल डे’ मनाया जाता है। इसे फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस भी कहा जाता है। इस दिन फ्रांस में परेड समेत कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। ‘बैस्टिल डे’ को फ्रांसीसी क्रांति की याद में मनाया जाता है। 13वीं शताब्दी के अंत में फ्रांस में बैस्टिल किले का निर्माण कराया गया था। इस किले के जरिए वहाँ सामंतवादी सत्ता राज कर रही थी। समय के साथ ही यह बैस्टिल किला एक जेल में बदल गया। इसलिए बाद में इसे बैस्टिल जेल कहा जाने लगा।

जुलाई 1789 में फ्रांसीसी क्रांति पूरे देश में फैल रही थी। इसी दौरान 14 जुलाई को क्रांतिकारियों ने बैस्टिल जेल में धावा बोलते हुए 7 कैदियों को आजाद करा लिया। यही नहीं क्रांतिकारियों ने किले के गवर्नर व अन्य अधिकारियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से फ्रांस में सामंतवादी सत्ता का पतन होना शुरू हो गया। इसलिए फ्रांस में रहने वाले लोग इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। 14 जुलाई 1880 को पहली बार 14 जुलाई की परेड या बैस्टिल डे परेड का आयोजन किया गया था। इसके बाद से हर साल 14 जुलाई को यह परेड होती है। हालाँकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1940-1944 और कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में यह परेड नहीं पाई थी।

भारत के लिए क्यों खास है यह परेड?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस परेड में शामिल होने के लिए ‘सम्मानित अतिथि’ के रूप में आमंत्रित किया है। यही नहीं भारत की पंजाब रेजिमेंट के 269 जवान में इस परेड का हिस्सा हैं। इसके अलावा इस साल भारत और फ्रांस की मित्रता के 25 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी का इस परेड में शामिल होना दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों और ऐतिहासिक रिश्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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