Thursday, May 2, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयहमास के आतंकी पीट रहे थे सेफ हाउस का दरवाजा, बचाव में घंटों डटी...

हमास के आतंकी पीट रहे थे सेफ हाउस का दरवाजा, बचाव में घंटों डटी रहीं केरल की नर्सें: बताया उस दिन क्या हुआ, भारतीय महिलाओं की बहादुरी के कायल हुए इजरायली

"हमने बुजुर्ग महिला की बेटी को फिर से कॉल किया और उनसे पूछा। उन्होंने कहा कि आप सेफ हाउस का दरवाजा पकड़े रहो कहीं मत जाओ चीजें हमारे काबू से बाहर हैं। हम अपने स्लीपर छोड़ कर भागे और मजबूती से सेफहाउस के दरवाजे की कुंडी पकड़े हम आधे घंटे तक दरवाजे पर लटके रहे।"

इजरायल हमास के युद्ध के बीच बर्बरता और हैवानियत के अनगिनत किस्से हैं तो इंसानियत और बहादुरी की मिसाल पेश करते हुए लोग भी हैं। भारत के केरल की दो नर्सों सबिता और मीरा मोहन की ऐसी ही बहादुरी और इंसानियत के इजरायली कायल हो गए हैं।

ये दोनों नर्स शनिवार (7 अक्टूबर, 2023) को हमास के हमले से बुजुर्गों को बचाने के लिए डटीं रही थीं। भारत में इजरायली दूतावास ने इन दोनों नर्सों की बहादुरी को धन्यवाद देने के लिए का एक वीडियो अपने एक्स हैंडल पोस्ट किया है। इसमें इन दोनों को इंडियन सुपरविमेन कहा गया है।

“भारतीय वीरांगनाएँ! मूलतः केरला की रहने वाली सबिता जी, जो अभी इजराइल में सेवारत हैं, बता रही हैं कि कैसे इन्होंने और मीरा मोहन जी ने मिलकर इजरायली नागरिकों की जान बचाई। हमास आतंकवादी हमले के दौरान इन वीरांगनाओं ने सेफ हाउस के दरवाजे को खुलने ही नहीं दिया,क्योंकि आतंकवादी अंदर आ कर नागरिकों को मारना चाहते थे।”

इस वीडियो में नर्स सबिता 7 अक्टूबर के हमले के बारे में बताती हैं, “मैं किबुत्ज की सीमा पर 3 साल से काम कर रही हूँ। हम यहाँ दो लोग केयर गिवर का काम करते हैं और एक बुजुर्ग महिला राहिल की देखभाल करते हैं। जो दिमागी बीमारी (ALS) से जूझ रही हैं। उस दिन मेरी रात की ड्यूटी थी और मैं इसे खत्म कर जाने ही वाली थी। 6.30 पर हमने सायरन सुना हम सेफ्टी रूम की तरफ भागे। सायरन नॉन स्टॉप बज रहा था।”

उन्होंने आगे बताया, अचानक बुजुर्ग महिला की बेटी ने कॉल किया और उसने कहा कि हालात हमारे काबू से बाहर हैं। हम को समझ नहीं आया कि हमें क्या करना चाहिए। हमने सामने और पीछे का दरवाजा लॉक कर दिया, लेकिन इसके कुछ ही मिनट बाद हमें आतंकवादियों के गोलीबारी करते हुए हमारे घर में आने की आवाजें सुनाई देने लगी। वो घर के शीशे तोड़ रहे थे।”

हमास के हमले के बारे में सबिता कहती हैं, “हमने बुजुर्ग महिला की बेटी को फिर से कॉल किया और उनसे पूछा कि अब हम क्या करें। फिर से उन्होंने कहा कि आप सेफ हाउस का दरवाजा पकड़े रहो कहीं मत जाओ चीजें हमारे काबू से बाहर हैं। हमें कुछ समझ नहीं आया। हम अपने स्लीपर छोड़ कर भागे और मजबूती से सेफहाउस के दरवाजे की कुंडी पकड़े हम आधे घंटे तक दरवाजे पर लटके रहे।”

उन्होंने आगे कहा, “आतंकी भी लगभग 7.30 तक बने रहे और लगातार सेफ हाउस का दरवाजा खोलने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन हमने पूरी कोशिश से अंदर से दरवाजे पर अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी। उन्होंने दरवाजे पर मारा, गोली दागी, उन्होंने सब बर्बाद कर दिया। हम नहीं जानते थे कि वहाँ क्या हो रहा है। लगभग 1 बजे हमने फिर से गोलियों की आवाज सुनी।”

नर्स सबिता ने आगे बताया, “बुजुर्ग महिला के पति शिमोलिक ने हमें बताया कि ये इजरायल की आर्मी है जो हमें बचाने आई है। वो सेफहाउस से घर की हालत देखने के लिए बाहर निकले। घर पूरा नष्ट कर दिया गया था वो सब लूटकर ले गए थे। हमारे पास कुछ नहीं था। वो मीरा का पासपोर्ट भी लूट कर ले गए। मेरा इमरजेंसी बैग भी लेकर चले गए।”

वो आगे बोलीं,”बॉर्डर पर होने की वजह से हम किसी इमरजेंसी के लिए अपने साथ अपने दस्तावेज भी लेकर चलते हैं, लेकिन ऐसा आतंकी हमला पहले कभी नहीं हुआ और न ही इसकी आशंका थी, लेकिन बॉर्डर होने की वजह से हमें पता था कि मिसाइल कभी भी गिर सकती हैं, इसलिए ऐसा होने की आशंका में हम सेफ्टी रूम में चले जाते और जब ये सब खत्म होता है तो अपने इमरजेंसी बैग को भी सेफ्टी रूम में लेकर वहाँ रख देते है, लेकिन उस दिन हमें ऐसा कुछ करने का मौका ही नहीं मिल सका।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

TV पर प्रोपेगेंडा लेकर बैठे थे राजदीप सरदेसाई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने निकाल दी हवा: कहा- ये आपकी कल्पना, विपक्ष की मदद की...

राजदीप सरदेसाई बिना फैक्ट्स जाने सिर्फ विपक्ष के सवालों को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछे जा रहे थे। ऐसे में पूर्व सीईसी ने उनकी सारी बात सुनी और ऑऩ टीवी उन्हें लताड़ा।

बृजभूषण शरण सिंह का टिकट BJP ने काटा, कैसरगंज से बेटे करण भूषण लड़ेगे: रायबरेली के मैदान में दिनेश प्रताप सिंह को उतारा

भाजपा ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया। उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -