Friday, September 20, 2024
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हिंदुओं की सूची, महिलाओं के नाम… भागने के हर रास्ते पर बंदूक लेकर कट्टरपंथी: बांग्लादेश में टारगेट पर काफिर, 2200 जमात-ए-इस्लामी आतंकी जेल से रिहा

बांग्लादेशी हिन्दुओं का आरोप है कि उन्हें जान-बूझ कर एक-दूसरे से दूर रखने की साजिश की जा रही है, ताकि वे साथ ना आ पाएँ। हमें बताया गया कि बांग्लादेश में हिंसा जारी है और महज कुछ ही घटनाएँ लोगों तक पहुँच पा रही हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की जेलों में बंद जमात के 2,200 से अधिक कट्टरपंथियों को जमानत दे दी गई। इससे हिन्दुओं की हालत और खराब हो सकती है।

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंसा का दौर जारी है। इस हिंसा में वहाँ के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इनमें हिन्दू समुदाय प्रमुख है। हिन्दुओं के घरों और मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है। कई हिन्दुओं को प्रताड़ना देकर मार डाला गया। शासन-प्रशासन, मानवता या नियम-कानून नाम की कोई चीज कहीं नहीं दिख रही है। ऐसे में ऑपइंडिया ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के कुछ हिन्दुओं से बात करके वहाँ के ताजा हालातों की जानकारी जुटाई।

उनके परिवार के जान-माल की सुरक्षा दाँव पर लगी है। उन्होंने बताया कि शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद इ्स्लामी कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के दंगाई हिंदू के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की लिस्ट बना रहे हैं। एक हिन्दू ने हमें बताया, “कुछ ही स्थानीय लोग हमारी मदद कर रहे हैं, जबकि हजारों की तादाद में हिंसक भीड़ हम लोगों की हत्या करने पर तुली हुई है।”

कुछ अन्य पीड़ितों ने बताया कि हिंसा रात भर जारी रही और डर से हिन्दू घरों में छिपे रहे। बताते चलें कि विश्व हिंदू महासंघ, बांग्लादेश चैप्टर ने भी बांग्लादेश में हुई हिंसक घटनाओं की एक सूची जारी की है। इस लिस्ट में कम-से-कम 3 ऐसी हिंदू महिलाओं के नाम शामिल हैं, जिनका इस्लामी दंगाइयों ने अपहरण कर लिया है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दू सहमे हुए हैं।

सुरक्षा कारणों से अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ हिंदुओं ने यह भी कहा कि वो कहीं सुरक्षित जगह भागकर जा भी नहीं पा रहे हैं, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी समूह और अन्य चरमपंथी संगठनों के उपद्रवी बंदूक लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट को बीच-बीच में बंद कर दिया जा रहा है, जिससे वो अपने अन्य परिजनों का हाल-चाल भी नहीं ले पा रहे हैं।

बांग्लादेशी हिन्दुओं का आरोप है कि उन्हें जान-बूझ कर एक-दूसरे से दूर रखने की साजिश की जा रही है, ताकि वे साथ ना आ पाएँ। हमें बताया गया कि बांग्लादेश में हिंसा जारी है और महज कुछ ही घटनाएँ लोगों तक पहुँच पा रही हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की जेलों में बंद जमात के 2,200 से अधिक कट्टरपंथियों को जमानत दे दी गई। इससे हिन्दुओं की हालत और खराब हो सकती है।

कुछ अन्य क्षेत्रों में रहने वाले हिन्दुओं ने ऑपइंडिया को बताया कि उनकी तरफ हिंसा कुछ थमी सी लग रही है, लेकिन यह तूफ़ान आने से पहले की शांति है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा अभी भी जारी है। BBC की रिपोर्ट में स्कूल चलाने वाली एक हिन्दू माँ ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी द्वारा बनाई गई हिन्दुओं की सूची में उनका नाम भले अभी तक नहीं है, लेकिन रिश्तेदारों ने उन्हें सावधान रहने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि भारत सरकार के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई है। इससे पहले ऑपइंडिया ने बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद द्वारा जारी किए गए कई हमलों की सूची और बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार द्वारा रिपोर्ट किए गए हमलों के बारे में बताया था। सोशल मीडिया पर हिंदुओं पर हमलों के कई वीडियो और तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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