अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में घोषणा की कि श्रीराम कृष्णन व्हाइट हाउस ऑफ़िस ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए नीतियाँ बनाने में उनकी सहायता करेंगे। इसके बाद एक्स (पहले ट्विटर) पर भारतीयों के खिलाफ ट्रम्प समर्थक एक धड़े ने भारतीयों के खिलाफ अभियान चला दिया। इस मुहिम को अमेरिकी पत्रकार अमेरिकी पत्रकार और रोज नई साजिश का दावा करने वाली लॉरा लूमर ने चालू किया।
इन लोगों ने भारतीयों के रहन-सहन, खानपान और भारत का मजाक उड़ाया कहा कि उनके देश को भारतीयों की कोई जरूरत नहीं है। लूमर ने H1-B वीज़ा पर श्रीराम के रुख़ को गलत तरीके से पेश किया। इसमें दावा किया गया श्रीराम ने कहा है कि अमेरिकियों की तुलना में बाहरी देशों के कामगारों को काम पर लगाएँगे। इसके बाद भारतीयों पर ऑनलाइन हमले चालू हो गए।
Deeply disturbing to see the appointment of Sriram Krishnan @sriramk as Senior Policy Advisor for AI at the Office of Science and Technology Policy.
— Laura Loomer (@LauraLoomer) December 23, 2024
It’s alarming to see the number of career leftists who are now being appointed to serve in Trump’s admin when they share views… https://t.co/pf0WiViy32 pic.twitter.com/nR0TkZpNK7
भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणी
लॉरा लूमर ने उनकी नियुक्ति को ‘निराशाजनक’ करार दिया। लॉरा लूमर ने अपने जहरीले ट्वीट में कृष्णन की नियुक्ति को ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति पर सवाल उठाने वाला बता दिया लॉरा लूमर ने भारतीयों को तीसरी दुनिया से आने वाले हमलावर तक बता डाला। जहर उगलने के क्रम में लॉरा लूमर ने कहा कि भारतीय साफ़ सफाई नहीं रखते। लॉरा लूमर ने यहाँ तक कि कहा कि अगर भारतीय इतने सक्षम हैं तो वह अमेरिका क्यों आते हैं। इसके बाद लॉरा लूमर की काफी आलोचना हुई।
Our country was built by white Europeans, actually. Not third world invaders from India. @Cloudwatch199
— Laura Loomer (@LauraLoomer) December 24, 2024
You know, it was white Europeans who created the American Dream, and we didn’t create it so that it could be exploited by pro open border techies like you.
PS: why are… https://t.co/as4swH3PXz
जब लॉरा लूमर को एक व्यक्ति ने इस बात का जवाब दिया कि कैसे अमेरिका की प्रगति में बड़ा हाथ बाहर से आने वाले लोगों और विशेषकर भारतीयों का भी है, तो वह नीचता पर उतर आई। लॉरा ने इसके बाद तर्क से जवाब देने के बजाय भारतीयों के लिए अभद्र भाषा लिखी। लॉरा ने दावा किया कि भारतीय उसी पानी में शौच करते हैं, जिसे वह पीते और नहाते हैं। लॉरा ने कहा कि इसके उलट अमेरिका में पानी नल से आता है। लॉरा को इस बीच उन अमेरिकियों से समर्थन मिला जो खुद को पूरी दुनिया से श्रेष्ठ समझते हैं।
कमला हैरिस के खिलाफ भी की थी टिप्पणी
यह पहली बार नहीं है जब लॉरा ने भारत या भारतीय मूल के लोगों पर नस्लवादी टिप्पणी की हो। इससे पहले उसने डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस को लेकर भी यही टिप्पणी की थी। उसने कहा था कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति चुनाव जीत गईं तो व्हाइट हाउस भारतीय सब्जियों की तरह महकेगा और उनके भाषण कॉल सेंटर से चलेंगे। गौरतलब है कि ‘करी‘ (सब्जी) और ‘कॉल सेंटर’ को अमेरिका में भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बाद में लॉरा लूमर ने इस मामले में माफ़ी माँगी और कहा कि यह राजनीतिक व्यंग्य था। हालाँकि, दिन रात भारतीयों के खिलाफ प्रलाप करने वाली लॉरा लूमर मात्र ऐसे हवा हवाई दावे ही कर सकती है, इसके इतर चुनावी राजनीति में वह फेल है। उसने दो बार अमेरिकी कॉन्ग्रेस में जाने के लिए चुनाव लड़ा लेकिन हार चुकी है। उसने यह चुनाव फ्लोरिडा से लड़े थे।
हैती के लोगों को बताया जानवर खाने वाला
सितंबर में राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया कि हैती से आए अवैध अप्रवासी ओहायो शहर में पालतू जानवरों को खा रहे हैं, जिससे अमेरिकी सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ आ गई। इसी बहस से एक दिन पहले लॉरा लूमर ने एक्स पर कहा कि “नरभक्षी हैती के लोग अब लोगों के पालतू जानवरों को मार रहे हैं और ओहायो की सड़कों पर पालतू जानवरों का शिकार कर रहे हैं।” लॉरा ने इसको लेकर एक ट्वीट किया था और कहा था कि डेमोक्रेट सरकार ने 20,000 हैती के नरभक्षी अमेरिका में बढ़ा दिए हैं।
Disturbing reports came out this weekend about Haitian immigrants eating people’s pets in Ohio where Democrats like @SenSherrodBrown and the Biden-Harris regime imported over 20,000 cannibalistic Haitians who are now killing people’s pets and hunting domestic animals on the… https://t.co/TKReL5HEkN
— Laura Loomer (@LauraLoomer) September 9, 2024
लूमर की साजिश वाली थ्योरी
जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के ठीक दो दिन बाद, लूमर ने एक्स पर पोस्ट किया कि वह मरने वाले हैं हैं और उन्होंने अपने कुछ काम को दूसरों को सौंपना शुरू कर दिया है। लूमर ने दावा किया कि ‘उनका समय सीमित है’ और उनका परिवार और कर्मचारी ‘अभी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’ लूमर ने यह दावा व्हाइट हाउस द्वारा की गई एक प्रेस रिलीज पर किया।
लेकिन लूमर के एक्स पोस्ट पर कम्युनिटी नोट लगा दिए गए। इनमें बताया गया कि लूमर जैसी साजिश केशरा कर रही हैं वैसा कुछ नहीं है और ऐसी ही घटनाएँ ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौर भी हुई हैं। लूमर ने एक और मौके पर बायडेन के विमान की लैंडिंग के बारे में झूठ फैलाया और कहा कि उन्हें मेडिकल इमरजेंसी थी। जो बाद में गलत साबित हुआ।
लूमर इससे पहले 9/11 के हमले पर भी शक जता चुकी है। लूमर का दावा है कि 9/11 के हमले अल-कायदा के इस्लामी आतंकी की बजे अंदर के किसी आदमी ने किए। लूमर ने कोविड महामारी को भी साजिश और घोटाला बताया था। हालाँकि, बाद में उसे खुद ही कोविड झेलना पड़ा और इसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई।
23 years later, and there’s still a lot of unanswered questions.
— Laura Loomer (@LauraLoomer) September 13, 2024
The 9/11 documents are still classified to this day. The American people deserve to know the entire truth. Not just what our lying government chose to tell us.
There’s so many unanswered questions… Why? pic.twitter.com/0NLpMcV1DS
गिरफ्तार भी हो चुकी है लॉरा लूमर
लॉरा लूमर जून 2017 में भी सुर्खियों में आई थी, उसने न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक थिएटर के शेक्सपियर इन द पार्क में शेक्सपियर के “जूलियस सीज़र” नाटक के शूट में बाधा डाली थी। इस शो पर विवाद था क्योंकि इसमें जूलियस सीज़र को डोनाल्ड ट्रम्प जैसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया था, जिसे बाद में कहानी के अनुसार मार दिया जाता है। लूमर को सुरक्षाकर्मियों ने मंच से उतार कर गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उसे अदालत में पेश किया गया था।
लॉरा लूमर को जहाँ एक ओर दिन भर साजिश की बातें रटने वालों का समर्थन है तो वहीं बड़ी संख्या में उसके एजेंडे की आलोचना भी हुई है। लूमर की नस्लवादी और विभाजनकारी बयानबाजी ने अक्सर रिपब्लिकन नेताओं को न्नुक्सान ही पहुँचाया है। लूमर अब ट्रम्प की सहायता करने के बजाय मणिशंकर अय्यर जैसे बन गई है।
यह लेख अंग्रेजी में श्रद्धा पांडेय ने लिखा है। इसे आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं।