भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब दे दिया है। भारतीय सेनाओं ने बुधवार तड़के (7 मई, 2025) को पाकिस्तान में ऑपरेशन सिन्दूर चला कर 9 जगह आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है और उन्हें तबाह कर दिया है।
भारत ने 5 जगह पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर और 4 जगह पाकिस्तान के भीतर हमले किए हैं। भारत ने यह कोटली, मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, भिंबर, गुलपुर, सियालकोट, बाग और चक अम्मू इलाके में किए हैं। इन हमलों के लिए सेना और वायुसेना ने मिसाइलें दागी हैं। नीचे जानिए कौन से निशाने भारत ने उड़ाए हैं।
मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर
ANI ने बताया है कि मरकज़ सुभान अल्लाह बहावलपुर के बाहरी इलाके में नेशनल हाइवे-5 (कराची-तोरखम हाईवे) पर स्थित है। यहाँ जैश-ए-मोहम्मद 15 एकड़ में ट्रेनिंग कैम्प चलाता है यह मरकज़ जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर है। यहाँ पुलवामा हमले की प्लानिंग की गई थी।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मरकज़ में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी सरगना मौलाना मसूद अज़हर, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और बाक़ी सभी रहते हैं। यहाँ पर तैराकी, घुड़सवारी और आतंक से सम्बंधित बाकी ट्रेनिंग दी जाती है। यह 2015 से ही एक्टिव है। इसके लिए अरब देशों से फंडिंग जुटाई गई थी।
यहाँ नवम्बर, 2024 में मौलाना मसूद अजहर भी आया था। उसने इस दौरान बाबरी मस्जिद का बदला लेने की बात कही थी। सेना के इस हमले में यह ठिकाने तबाह हो गए हैं। यहाँ पर हमले क चलते कई ट्रेनिंग ले रहे आतंकी हताहत हुए हैं।
मरकज तालिबा, मुरीदके
मरकज तालिबा को लश्कर-ए-तैयबा ने वर्ष 2000 में स्थापित किया था। नांगल साहदान, मुरीदके, शेखपुरा, पंजाब, पाकिस्तान में स्थित है। यह 82 एकड़ में फैला है, इसमें मदरसा, आतंकियों के रहने की जगह मछली फार्म और कृषि भूमि तक हैं।
#OperationSindoor | Established in the year 2000, Markaz Taiba is the ‘alma mater’ and the most important training centre of LeT located in Nangal Sahdan, Muridke, Sheikhupura, Punjab, Pakistan: Sources to ANI pic.twitter.com/M0jrudZlj1
— ANI (@ANI) May 7, 2025
यहाँ हथियार और शारीक ट्रेनिंग दी जाती है, इसके अलावा यहाँ ब्रेनवॉश के लिए भी मौलाना भड़काया करते हैं। यहाँ हर वर्ष 1000 जिहादी भर्ती किए जाते हैं। लश्कर और जमात उद दावा यहाँ काम करते हैं। यहाँ ओसामा बिन लादेन ने भी निर्माण के लिए लगभग ₹82 करोड़ दिए थे। यहाँ दाउद हेडली और तहव्वुर राणा जैसे आतंकी भी ट्रेन किए गए हैं।
मेहमूना कैम्प, सियालकोट
मेहमूना में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) का कैम्प है। यह पाकिस्तान के पंजाब के सियालकोट जिले में है। यहाँ आईएसआई ने इस छुपाने के साथ में ही सरकारी इमारतें बनाई हैं। इस कैम्प का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।
इसका मुखिया मोहम्मद इरफान खान उर्फ इरफान टांडा है। इरफ़ान कई हमले भारत में करवा चुका है। 26 जनवरी 1995 को जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में इरफान टांडा द्वारा किए गए बम धमाकों में 8 लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे।
यहाँ से आतंकी अत्ता अल रहमान अल्फेजी उर्फ अबू लाला और माज़ भाई भी काम करते हैं। यहाँ वर्तमान में 20-25 आतंकियों की मौजूदगी बताई गई है। इसे भी सेना ने उड़ा दिया है। यहाँ भी बड़ा नुकसान आतंकियों को हुआ है।
मरकज अहले हदीस, POJK
मरकज अहले हदीस पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैम्प के तौर पर काम करता है। इसका इस्तेमाल पुंछ-राजौरी-रियासी सेक्टर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए होता है। यह मरकज़ बरनाला शहर के बाहरी इलाके में है।
लश्कर के आतंकी कासिम गुज्जर उर्फ महरोर, कासिम खंडा, अनस जरार यहाँ मौजूद रहते हैं। हैंकासिम गुज्जर और खुबैब पर भारत सरकार ने UAPA लगाया हुआ है। यहीं से आए आतंकियों ने रियासी में आतंकी हमला किया था और 9 हिन्दू तीर्थयात्रियों को मार दिया था।
सरजाल आतंकी कैम्प, नरोवाल
पाकिस्तान के शकरगढ़ जिले में स्थित सरजाल आतंकी कैम्प का इस्तेमाल भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के होता है। यह जैश-ए-मोहम्मद की मुख्य लॉन्चिंग साइट है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर के अंदर स्थित है ताकि इस पर जवाबी कार्रवाई ना हो सके।
यह जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 06 किलोमीटर की दूरी पर है। यह सुरंगों की खुदाई के लिए बेस के रूप में कार्य करती है। सरजाल ड्रोन लॉन्चिंग बेस के रूप में भी काम करती है, इससे नशीले पदार्थ और हथियार भारत में गिराए जाते हैं। यह भी भारत ने स्ट्राइक में उड़ा दी है।
मरकज अब्बास, कोटली, POJK
मरकज अब्बास पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में स्थित है। यहाँ लगभग 100 से अधिक जैश ए मुहम्मद के आतंकी रहते हैं। इसका इस्तेमाल भी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के लिए होता है। यहाँ काजी जर्रार और काजी माज जैसे आतंकी रहते हैं। इसे भी सेना ने एक मिसाइल हमले में तबाह कर दिया है।
मरकज राहिल शहीद, कोटली, POJK
मरकज राहिल शहीद भी पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में स्थित है। यह भी कोटली इलाके में है। यह हिजबुल मुजाहिदीनका एक ठिकाना है। यह सूनसान इलाके में मौजूद है। इसमें चार कमरे हैं जिनका उपयोग हथियार और आतंकियों को ठहराने के लिए होता है। इसे पाकिस्तान ने एक विशेष बिजली लाइन दे रखी है।
इसमें करीब 150-200 हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी रह सकते हैं। इस शिविर में आमतौर पर करीब 25-30 हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी मौजूद रहते हैं और यहां आयोजित आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी करते हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी खास तौर पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए इस कैंप में आते हैं। यहाँ स्नाइपर ट्रेनिंग भी होती है।
भारतीय सेनाओं के हमले में यह भी नष्ट कर दिया गया है।
सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद
पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित शवाई नाला कैंप को भी भारत ने तबाह किया है। यह लश्कर का एक कैम्प है। यह कैंप 2000 से चल रहा है। यहाँ लश्कर का एक मदरसा और करीब 40 कमरे हैं।शवाई नाला कैंप लश्कर के आतंकवादियों के लिए एक बड़ा ठिकाना है। यहाँ ट्रेनिंग भी होती है।
#OperationSindoor | 8. Shawai Nallah Camp is one of the most important camps of LeT and is used for recruitment, registration and training of LeT cadres. This camp has been functional since early 2000:Sources to ANI pic.twitter.com/OAVjVR1WFu
— ANI (@ANI) May 7, 2025
यहाँ दौरा ए आम यानी ब्रेनवाश होता है। जीपीएस, राइफलों और ग्रेनेड के लिए हथियार ट्रेनिंग दी जाती है। लश्कर सरगना हाफ़िज़ सईद भी कैम्प में रह चुका है। लश्कर के इस कैम्प में पाकिस्तान की ISI भी आतंकियों को ट्रेनिंग देती है।
रिपोर्ट्स में सामने आया है कि ऑपरेशन सिंदूर में 80 आतंकी मार गिराए गए हैं। सबसे बड़ा नुकसान बहावलपुर और मुरीदके को पहुँचाया गया है। बताया गया है कि बहावलपुर में 30 मौतें हुई हैं। पाकिस्तान से हमले के बाद की कई वीडियो सामने आई हैं।
इनमें दिखता है कि आधी रात को पाकिस्तान में मिसाइलें गिर रही हैं और आग के शोले उठ रहे हैं। यह भी जानकारी सामने आई है कि सेनाओं ने एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान जम्मू कश्मीर की हवाई सीमाओं में मार गिराया है। इसके अखनूर के पास गिरने की सूचना है।
— Alpha Defense™ (@alpha_defense) May 6, 2025
पाकिस्तान के अस्पतालों में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है, इसकी वीडियो भी सामने आई हैं। भारत ने इस आतंक विरोधी अभियान का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा है। यह नाम उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया है, जिनके पतियों को उनके सामने इस्लामी आतंकियों ने पहलगाम में बर्बरतापूर्वक धर्म पूछने के बाद मार दिया था।
भारतीय सेनाएँ इस विषय पर 6 मई को सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली हैं। यहाँ वह इस हमले की पूरी जानकारी देंगी।