भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज की उम्र में करीब साल भर का ही अंतर है। लेकिन अपनी उपस्थिति से नरेंद्र मोदी जो प्रभाव पैदा करते हैं, उसके आगे शरीफ कहीं नहीं टिकते। यह फर्क भारतीय वायुसेना के आदमपुर एयरबेस की नरेंद्र मोदी की यात्रा और उनकी देखादेखी शरीफ का सियालकोट के पसरूर फौजी छावनी जाने के दौरान भी दिखा।
आदमपुर एयरबेस गए PM मोदी, दिखाया S-400 और MIG 29
पाकिस्तान की तरफ से यह प्रोपेगेंडा चलाया गया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में उसने पंजाब में स्थित भारतीय वायुसेना के आदमपुर एयरबेस को तबाह कर दिया है। साथ ही यह अफवाह भी फैलाई गई कि पाकिस्तान ने इस बेस पर तैनात एयर डिफेंस सिस्टम S-400 को भी नुकसान पहुँचाया है। उल्लेखनीय है कि इस एयरबेस को पाकिस्तान ने 1965, 1971 और 1999 के युद्ध दौरान भी निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहा था।


सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुँचकर पाकिस्तान के सारे प्रोपेगेंडा को दुनिया के सामने ध्वस्त कर दिया। इस दौरान दुनिया ने उस S-400 को भी देखा, जिसे नुकसान पहुँचाने का दुष्प्रचार चलाया गया था। MIG-29 को भी उसी एयरबेस के रनवे पर देखा, जिसे तबाह करने के दावे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर जवानों तक के हावभाव, उत्साह और बातचीत सब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की कहानी बता रहे थे। साथ ही पाकिस्तान के झूठों की पोल भी खोल रहे थे।
फौजी छावनी जाकर शहबाज शरीफ ने दिखाया टैंक
प्रधानमंत्री मोदी की नकल कर शहबाज शरीफ ने अपने मुल्क के पंजाब प्रांत स्थित सियालकोट के पसरूर फौजी छावनी की यात्रा कर ली। लेकिन उनमें से किसी भी एयरबेस पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, जिन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने तबाह कर पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया था।

AI जेनरेटेड तस्वीर छपवाकर ‘आसमान का शहंशाह’ होने का मुगालता पालने वाला पाकिस्तान इस यात्रा के दौरान कुछ भी ऐसा प्रदर्शित नहीं कर पाया, जिससे उसकी सेना की क्षमता का दुनिया को पता चले। सबसे हास्यास्पद तो यह रहा कि जिस लड़ाई में लड़ाकू विमानों, मिसाइल, ड्रोन, यूएवी, एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल हुआ, उसके बारे में संदेश देने के लिए टैंक पर चढ़कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने फोटो सेशन कराया।
इस लड़ाई में टैंक का भारत और पाकिस्तान की तरफ से कोई उपयोग नहीं हुआ। फिर यह समझ से परे है कि प्रतीक के तौर पर पाकिस्तान ने इसकी प्रदर्शनी क्यों की? क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के पास टैंकों के सिवा ऐसा कुछ भी नहीं बचा है, जिससे वह दुनिया को अपनी फौजी क्षमता का संदेश दे सके?
PM मोदी का सीधा संदेश, शरीफ की घिसीपिटी बातें
भारत से बदला लेंगे– यह पैदाइश के बाद से ही पाकिस्तान की सियासत और फौज का तकिया कलाम है। 1947, 65, 71, 99 के युद्ध में पराजय, मुल्क का विभाजन होने के बाद भी पाकिस्तान इस एक लाइन से आगे नहीं बढ़ पाया। बदला लेने की यह बात कहते-सुनते पाकिस्तान की कई पीढ़ियाँ खाक हो गई, उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक या फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत ने पाकिस्तान को घर में घुसकर लगातार मारा, लेकिन वह इस एक लाइन से आगे नहीं बढ़ पाया।
मंत्री तो मंत्री ऐसा लगता की इस देश का प्रधानमंत्री भी सूखा नशा लेता है!
— Madhurendra kumar मधुरेन्द्र कुमार (@Madhurendra13) May 15, 2025
जिसके 9 आतंकी ठिकाने उड़े,
11 एयर बेस धराशाई हुए, एयर डिफेंस सिस्टम चूर चूर हो गया, हाइब्रिड वॉर फेयर के चीनी और तुर्की ड्रोन कटी पतंग की तरह गिर गए , आतंकी ठिकाने में 100 और वर्दी में 40 मरे , वह बदला पूरा… pic.twitter.com/eWvihYoSxx
टैंक पर चढ़कर भी लस्त-पस्त शहबाज शरीफ ‘1971 की जंग का आपने इस जंग में बदला ले लिया’ वाला डायलॉग से आगे नहीं बढ़ पाए। जिस मुल्क की सीमा में घुसकर भारत ने आतंकी ठिकानों से लेकर एयरबेस तक तबाह कर दिए, एयर डिफेंस सिस्टम और हथियारों को भोथरा कर दिया, जिसके ड्रोन-मिसाइल भारतीय सेना ने पतंग की तरह काट गिराए, उस मुल्क का प्रधानमंत्री जब बदला लेने का दंभ भरता है तो न उसके हावभाव में विश्वास दिखता है, न उसके शब्दों में। यही शरीफ के इस संबोधन में परिलक्षित भी हो रहा था। मार खाई फौज में मरे हुए आत्मविश्वास से भरोसा पैदा नहीं किया जा सकता। लिहाजा शरीफ की यात्रा के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें पाकिस्तानी फौजियों का निस्तेज दिखना आश्चर्यजनक नहीं है।
Interacted with the air warriors and soldiers at AFS Adampur. Their courage and professionalism in protecting our nation are commendable. https://t.co/hFjkVIUl8o
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2025
इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन ‘नया भारत’ का उद्घोष था। उनके हर एक शब्द से ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना के पराक्रम का जयघोष हो रहा था। संबोधन के दौरान उनका हावभाव, भारत माता के जयकारे बता रहे थे कि भारत का मनोबल और खुद में विश्वास किस स्तर का है।
आतंक के विरुद्ध भारत की लक्ष्मण रेखा अब एकदम स्पष्ट है। अब फिर कोई टेरर अटैक हुआ, तो भारत जवाब देगा, पक्का जवाब देगा। ये हमने सर्जिकल स्ट्राइक के समय देखा है, एयर स्ट्राइक के समय देखा है, और अब तो ऑपरेशन सिंदूर, भारत का न्यू नॉर्मल है। भारत ने अब तीन सूत्र तय कर दिए हैं। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर, अपने समय पर जवाब देंगे। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। दुनिया भी भारत के इस नए रूप को, इस नई व्यवस्था को समझते हुए ही आगे बढ़ रही है।
PM मोदी की नकल कर ली, पर वह लकीर नहीं खींच पाए शरीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के एक-एक शब्द की तरह आदमपुर की उनकी यात्रा के संदेश भी स्पष्ट हैं। आदमपुर उस मजबूत भारत का प्रतीक है, जो आतंकी मुल्क की गुहार पर अपनी सैन्य कार्रवाई स्थगित कर सकता है। लेकिन जिसमें फिर से आतंकी गतिविधि या फौजी दुस्साहस का मुँहतोड़ जवाब अपनी शर्तों और अपने तरीकों से देने का पराक्रम भी है। जो बताता है कि वह शांति का पक्षधर है, लेकिन दुश्मन को मिट्टी में मिलाना भी अच्छी तरह से जानता है।
दूसरी तरफ शहबाज शरीफ के शब्द उतने ही पुराने, घिसेपिटे और उलझे हुए हैं, जितना पुराना पाकिस्तान। उनकी यात्रा के संदेश उतने ही ऊर्जाहीन हैं, जितनी पाकिस्तानी फौज की हालत है।