इजरायल में आतंकी हमला करने वाले हमास ने 5 फरवरी को कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे इस्लामी संगठनों से हाथ मिला लिया। रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में आयोजित ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ और ‘हमास ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड कॉन्फ्रेंस’ नामक कार्यक्रम में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने मंच से इसकी घोषणा की।
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने धमकी देते हुए कहा, “फिलिस्तीन के मुजाहिदीन और कश्मीर के मुजाहिदीन अब एक हो गए हैं। दिल्ली में खून-खराबा करने और कश्मीर को भारत से अलग करने का समय आ गया है।” इस कार्यक्रम में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई तल्हा सैफ, जैश कमांडर असगर खान कश्मीरी और मसूद इलियास और लश्कर के शीर्ष नेता शामिल हुए थे।
ईरान में आतंकी संगठन हमास के प्रतिनिधि डॉक्टर खालिद अल-कदौमी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। यह हमास नेता की पहली कश्मीर यात्रा थी। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में कई फिलिस्तीनी नेताओं ने भी भाग लिया। बता दें कि पाकिस्तान 5 फरवरी को ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मनाता है। इसके साथ ही वह ऐसी गतिविधियाँ करता है, जो भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाती हैं।
इस तरह के आयोजनों के जरिए इस्लामी आतंकी संगठन भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों ने भारत पर कई आतंकवादी हमले किए हैं। इनमें साल 2001 का संसद हमला, साल 2008 का मुंबई हमला और साल 2019 का पुलवामा बम धमाका प्रमुख है।
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल के इतिहास का सबसे भयानक हमला किया था। फिलिस्तीनी आतंकियों ने गाजा पट्टी से इजरायल में सैकड़ों रॉकेट दागे थे। साथ ही हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने इज़रायली क्षेत्र में घुसपैठ की और अंधाधुन फायरिंग करके 1300 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी और 250 से अधिक महिला, बुजुर्ग एवं बच्चों को बंधक लिया था।
हमास (Hamas) का पूरा नाम ‘हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया’ है। इसका अर्थ है ‘इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन’। हमास की स्थापना मिस्र में रहने वाले फिलिस्तीनी मौलवी शेख अहमद यासीन ने 1987 में की थी। काहिरा में इस्लामी पढ़ाई करने के बाद वह आतंकी संगठन ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ की स्थानीय शाखाओं से जुड़ गया था। साल 1960 के दशक में यासीन ने वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में तकरीर दी।
इसके बाद दिसंबर 1987 में यासीन ने गाजा में मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा के रूप में हमास की स्थापना की। यह पहले ‘इंतिफादा’ यानी वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरुशलम में कथित अत्याचारों के लिए इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनी हमले पर आधारित था। साल 1993 से हमास आत्मघाती हमले कर रहा है। सन 1997 में संयुक्त राष्ट्र ने हमास को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर दिया।
साल 2004 में एक हवाई हमले में इजरायल ने मौलवी शेख अहमद यासीन को मार गिराया। साल 2006 से हमास ने गाजा पट्टी पर कब्ज़ा कर रखा है। उस समय इसने अपने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल फतह को चुनावों में हराया था। बाद में हमास ने वहाँ कोई चुनाव नहीं कराया। आतंकी संगठन हमास के कई बड़े नेता तुर्की मे बैठकर गाजा पट्टी में आतंकी गतिविधियों को संचालित करते रहे हैं।