छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों पर सुरक्षाबल काल बन कर टूट रहे हैं। बीजापुर में हुए एक हालिया एनकाउंटर में 31 नक्सली मार गिराए गए। जवानों ने 4 तरफ से घेर कर उन्हें मारा। गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। सुरक्षाबल लगातार एक के बाद एक नक्सली गढ़ तोड़ते जा रहे हैं। उन इलाकों में भी अब जवान पहुँच रहे हैं, जहाँ पहले नक्सली खुला घूमते थे। बस्तर से लेकर गढ़चिरौली तक नक्सली जान बचाते फिर रहे हैं।
बीजापुर में किया सफाया
नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई 9 फरवरी, 2025 को इन्द्रावती नेशनल पार्क, बीजापुर में हुई। यहाँ नक्सलियों की एक सीक्रेट मीटिंग पर हमला बोलकर छत्तीसगढ़ पुलिस, DRG, STF, बस्तर टाइगर और केन्द्रीय सुरक्षाबलों ने 31 नक्सली मार गिराए। नक्सली इस हमले से चौंक गए। पुलिस को सूचना मिली थी कि इन्द्रावती नेशनल पार्क में छोटाकाकलेर और लोद्देड इलाके में नक्सलियों की एक बैठक हो रही है। यह बैठक नक्सलियों ने आगे रणनीति बनाने के लिए बुलाई थी। इस बैठक में तेलंगाना, बस्तर, इन्द्रावती एरिया के नक्सली शामिल थे।
सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। इसमें जवानों ने नक्सलियों को चौंकाने के लिए महाराष्ट्र सीमा का भी उपयोग किया। लगभग 1000 जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे। यह बीजापुर के अलावा महराष्ट्र की तरफ भी घुसे। इसके लिए जवानों को 100 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। जवान कुछ दिन पहले ही इस ऑपरेशन के लिए निकल ह्चुके चुएक थे। नक्सली इससे चौंक गए। पहाड़ी पर यह मुठभेड़ चालू हुई। तेलंगाना के नक्सलियों ने भागने की कोशिश की लेकिन मारे गए। फायरिंग के बाद यहाँ 31 शव और बड़ी संख्या में हथियार मिले।
लगातार हो रहे बड़े ऑपरेशन
सिर्फ इन्द्रावती नेशनल पार्क ही नहीं इससे पहले 2 फरवरी को कोरचोली में हुए एक ऑपरेशन 8 नक्सली मारे गए थे। 20 जनवरी, 2025 को ही गरियाबंद में भी पुलिस एनकाउंटर हो चुका है। इस एनकाउंटर में 29 नक्सली मारे गए थे। 16 जनवरी को हुए ऑपरेशन में सुकमा में 18 नक्सली मारे गए थे। इससे पहले अबूझमाड़ में 5 नक्सली मार गिराए गए थे। यह एनकाउंटर छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अलग-अलग इलाकों में हुए हैं। इनमें अबूझमाड़ और गरियाबंद आदि नक्सलियों के गढ़ रहे हैं। अब इन इलाकों में सुरक्षाबलों के सैकड़ों कैम्प हैं।
आत्मसमर्पण पर भी जोर
सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों के बड़े गुट साफ़ कर रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, 2024 में ही छत्तीसगढ़ के भीतर 239 नक्सली मार गिराए गए थे। 2025 में छत्तीसगढ़ में 87 नक्सली मार गिराए जा चुके हैं। सुरक्षाबल नक्सलियों को मार ही नहीं रहे बल्कि उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। 2024 में छत्तीसगढ़ के भीतर 925 नक्सली गिरफ्तार भी किए गए थे। इसके अलावा 738 ने नक्सलवाद की राह छोड़ कर आत्मसमर्पण किया था।
छतीसगढ़ की विष्णु देव साय की सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि नक्सलियों के बहकावे में आए लोग वापस मुख्यधारा में जुड़ जाएँ। हालाँकि, सुरक्षाबलों को लगातार निशाना बनाने वाले नक्सली मान नहीं रहे। ऐसे में उसने उनका सफाया करने का निर्णय कर रखा है।
हिंसा में तेजी से आई कमी
नक्सली हिंसा में बीते कुछ वर्षों में तेजी से कमी आई है और उन इलाकों में विकास भी हुआ है। लोकसभा में गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए एक जवाब के अनुसार, 2010 में देश में 126 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे लेकिन यह संख्या 2024 में घट कर 90 आ गई। 2010 में देश में 1000 से अधिक नक्सली हिंसा की घटनाएँ हुई थीं। यह 2024 में घट कर 374 पर आ गईं। इसके अलावा सुरक्षाबलों को 2010 में 1000 से अधिक जवान खोने पड़े थे। यह संख्या घट 2024 में घट कर 105 पर आ गई है।
मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने की योजना
नक्सलियों पर हो रही इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के पीछे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दी हुई डेडलाइन सुरक्षाबलों के लिए मंत्र की तरह काम कर रही है। गृह मंत्री शाह ने अगस्त 2024 में रायपुर में ऐलान किया था कि देश में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुँची है। उन्होंने कहा था कि मार्च 2026 तक देश से नक्सली समस्या खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि अब छत्तीसगढ़ के अलावा देश के बाकी राज्य नक्सली समस्या से मुक्त हो चुके हैं। वहीं महाराष्ट्र में समस्या केवल एक जिले सीमित है।
नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को ढेर करने के साथ ही भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गयी है।
— Amit Shah (@AmitShah) February 9, 2025
मानवता विरोधी नक्सलवाद को समाप्त करने में आज हमने अपने दो बहादुर…
बीजापुर में हुए एनकाउंटर के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का प्रण दोहराया है। उन्होंने कहा, “साथ ही पुनः यह संकल्प दोहराता हूँ कि 31 मार्च 2026 से पहले हम देश से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त कर देंगे, ताकि देश के किसी भी नागरिक को इसके कारण अपनी जान न गँवानी पड़े।”