Friday, March 29, 2024

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किसान आंदोलन

गाजीपुर बॉर्डर पर एक्शन में UP पुलिस, किया फ्लैग मार्च: ‘किसानों’ पर कभी भी हो सकती है कार्रवाई!

उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस और केंद्रीय बलों ने फ्लैग मार्च किया है। गाजियाबाद पुलिस के भी बड़े अफसर...

किसने कहा था कि खालिस्तान का झंडा नहीं लहराया गया: स्वयं देख लीजिए

देश के तिरंगें की जगह खालिस्तानी झंडा देख देश के नागरिक आग बबूला हो गए। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर झंडे को लेकर बहसें शुरू हो गईं हैं।

ये दलाल है… दलाल… दलाल… कह कर लोगों ने राजदीप सरदेसाई को घेरा; ऑपइंडिया करता है कड़ी निंदा

नारेबाजी करते हुए लोग राजदीप सरदेसाई को 'दलाल' कहने लगे। अस्पष्ट आवाजों के बीच लोग जोर-जोर से कहते हैं, "दलाल है दलाल है.. राजदीप दलाल है।"

मैंने राज खोले तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा: आधी रात फेसबुक लाइव से दीप सिद्धू ने ‘घमंडी किसान’ नेताओं को दी धमकी

गद्दार कहे जाने से नाराज दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अंदर की बातें खोलनी शुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की राह नहीं मिलेगी।

व्यंग्य: गेहूँ काटते किसान को फोटो एडिट कर दिखाया बैरिकेड पर, शर्म करो गोदी मीडिया!

एक पुलिसकर्मी शरबत पिलाने और लंगर खिलाने के बाद 'अन्नदाताओं' को धन्यवाद दे रहा है। लेकिन गोदी मीडिया ने उन्हें दंगाई बता दिया।

जिस राम मंदिर झाँकी को किसान दंगाइयों ने तोड़ डाला, उसे प्रथम पुरस्कार: 17 राज्यों ने लिया था हिस्सा

17 राज्यों की झाँकियों ने 26 जनवरी को राजपथ की परेड में हिस्सा लिया था। इनमें से उत्तर प्रदेश की ओर से आए भव्य राम मंदिर के मॉडल को...

UP पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से हटाया ‘किसान’ प्रदर्शनकारियों को, लोग कह रहे – बिजली काट मार-मार कर भगाया

नेशनल हाईवे अथॉरिटी के निवेदन पर बागपत प्रशासन ने किसान प्रदर्शकारियों को विरोध स्थल से हटाते हुए धरनास्थल को शांतिपूर्ण तरीके से खाली करवा दिया है।

दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा पर FIR दर्ज, नाम उछलते ही गायब हुए पंजाबी अभिनेता सिद्धू

26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में हुई हिंसा के संबंध में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

किसान नहीं बल्कि पुलिस हुई थी हिंसक: दिग्विजय सिंह ने दिल्ली पुलिस को ही ठहराया दंगों का दोषी

कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली में किसान उग्र नहीं हुए थे बल्कि दिल्ली पुलिस उग्र हुई थी।

‘छात्र’ हैं, ‘महिलाएँ’ हैं, ‘अल्पसंख्यक’ हैं और अब ‘किसान’ हैं: लट्ठ नहीं बजे तो कल और भी आएँगे, हिंसा का नंगा नाच यूँ ही...

हिन्दू वोट भी दे, अपना कामधाम भी करे और अब सड़क पर आकर इन दंगाइयों से लड़े भी? अगर कल सख्त कार्रवाई हुई होती तो ये आज निकलने से पहले 100 बार सोचते।

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