अमेठी में एक दलित व्यक्ति शशांक को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पीटा। इस दौरान शशांक के साथ-साथ उसके भाई और पत्नी को भी चोटें आईं थीं। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ। अमेठी पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है। लेकिन मीडिया गिरोह में चुप्पी है, स्क्रीन काली नहीं की गई है।
गाँव के दलित समुदाय के बुजुर्गों का कहना है कि यह भेदभाव वे अरसे से झेलते आ रहे हैं। लेकिन, चाहते हैं कि उनकी नई पीढ़ी को इससे आजादी मिले। इसलिए जाति के आधार पर भेदभाव अब खत्म होना चाहिए।
गाँव में ये बात पता चलने के बाद राजपूत फौरन इसके लिए तैयार हो गए और खुद आगे बढ़कर दूल्हे को घोड़ी उपलब्ध करवाई। साथ ही वो उसके विवाह कार्यक्रम में भी शरीक हुए। इससे दूल्हे के परिजन काफी खुश हो गए।
सामाजिक समारोह में इस प्रकार की झड़प और हिंसा जौनपुर-जौनसार में आम बात है और यही वजह है कि समय-समय पर यहाँ पर 10-15 गाँव मिलकर शादी-विवाह में शराब और DJ को प्रतिबंधित करते आए हैं लेकिन ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होना बेहद चौंकाने वाला प्रकरण है।
हिंसक आंदोलनों की नाजायज़ औलादें, लाशों पर पैर रख कर संसद तक पहुँचती है। ऐसी भीड़ें ही इन नाजायज़ बच्चों को जनती है जो बाद में इन्हीं के लिए बने संसाधनों को पत्थर से बने पर्स में, और पार्कों के पिलर पर बने हाथियों में खपा देते हैं।
कॉन्ग्रेस नेता परमेश्वर ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी मेरे जैसे ही अन्य दलित नेताओं से भी भेदभाव करती है। "कॉन्ग्रेस ने बी. बासवलिंगप्पा, के.एच. रंगनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे को भी प्रदेश के सीएम की कुर्सी तक पहुँचने नहीं दिया।
इतने लोग सुबह-सुबह किसी खेत में जाते होंगे, और वहाँ खाद बनाते होंगे, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।किसानों की बात करने वाले मोदी जी का यही है असली चेहरा। खेतों से लोगों को वापस लौटा कर नीम कोटेड यूरिया बेच रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया को पता है कि पेशाब में यूरिया होता है।