Wednesday, April 24, 2024

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विज्ञान

भारतीय मूल की सिरिशा बांदला… वायुसेना पायलट नहीं बन सकीं, अब जा रहीं अंतरिक्ष में, होंगी तीसरी ‘इंडियन’ महिला

आंध्र प्रदेश के गुंटूंर जिले में जन्मी सिरिशा बांदला वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वॉयस प्रेसीडेंट हैं।

A फॉर Apple, I फॉर iPhone: तब 2MP का ही था रियर कैमरा, फ्रंट कैमरा था ही नहीं; पर बदल दी दुनिया

29 जून 2007। यह वह तारीख है जब पहली बार एप्पल का आईफोन (iPhone) बिक्री के लिए उपलब्ध था।

पृथ्वी की गति, आकार, समय, संख्या, अंतरिक्ष… इस्लाम-ईसाई धर्म के उदय से पहले फल-फूल चुकी थी सनातन ज्ञान परंपरा

सनातन ज्ञान परंपरा को समझेंगे तो पाएँगे कि खगोल से लेकर धातु विज्ञान, गणित, चिकित्सा और अन्य कई क्षेत्रों में भारतीयों का योगदान...

सॉफ्टवेयर से सैटेलाइट तक, एग्रीकल्चर से एस्ट्रोनॉमी तक, वैक्सीन से VR तक दुनिया का इंजन बना भारत: CSIR की बैठक में PM मोदी

"आज एग्रिकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, आपदा प्रबंधन से रक्षा तकनीक तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नोलॉजी से लेकर बैटरी टेक्नोलॉजीज तक, देश हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है।"

बड़े से बड़े जानवरों को यूँ मार गिराता था इंसान, लाखों साल पहले खाता था सिर्फ माँस, 85000 साल पहले शुरू किया शाकाहार: रिसर्च

आज के लोगों के लिए ये स्वीकार करना कठिन है कि उनके पूर्वज पूर्णतया माँसाहारी थे। लेकिन, हड्डियों में मौजूद 'Stable Isotopes' और पेट में एसिड की अत्यधिक मात्रा इसकी पुष्टि करती है।

400 वर्षों में पहली बार… एक साथ दिखेंगे बृहस्पति और शनि: जानिए कब और कैसे देख सकेंगे आप ये सुनहरा दृश्य!

बृहस्पति और शनि एक ही पिंड की तरह दिखेंगे। इसे 'Great Conjunction' कहा जाता है। ये नजारा 'Winter Solstice' के दौरान देखने को मिलता है।

साल 2020 का अंतिम सूर्यग्रहण है आज: जानिए कैसे वैदिक ऋषियों ने पृथ्वी के गोल होने का पता लगाया

पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य की किरणों को चाँद, पृथ्वी तक पहुँचने से रोक लेता है। इसी कारण सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लगता है।

क्या है एप्पल का M1 प्रोसेसर, क्यों बदल जाएगा आपका लैपटॉप सदा के लिए पावर और परफॉर्मेंस दोनों में

M1 चिप में 16 बिलियन ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया है। एप्पल का कहना है कि उसने पहली बार एक चिप में इतने ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया है।

लॉकडाउन नहीं होता तो अब तक होती 26 लाख मौतें: 10 वैज्ञानिकों की कमिटी के अध्ययन में खुलासा

साथ ही इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि ठंडी के मौसम में ये वायरस कमजोर हो जाता है, अब तक किसी भी अध्ययन से ये साबित नहीं हो सका है।

इंग्लैंड के एक छोटे से गाँव से तय हुआ पूरी दुनिया का समय: GMT की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी

एक ऐसी इकाई जिससे दुनिया के समय का आकलन लागाया जाता है। इसे साल 1884 में ठीक आज ही मान्यता दी गई थी और 1972 तक यह 'अंतर्राष्ट्रीय सिविल टाइम' का मानक बन गया था।

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