लड़ाई मजेदार है। इस चुनाव में AAP-कॉन्ग्रेस से लेकर उन तमाम न्यूट्रल पक्षकारों की भी अस्मिता दाँव पर लगी है जो अभी तक विभिन्न संस्थाओं पर कब्ज़ा जमाकर सत्ता की मलाई खा रहे थे।
AAP दिल्ली में बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती थी और पहले उसने 5 सीटों की माँग की, जिसे कॉन्ग्रेस द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद उसने 4-2 के समीकरण की माँग की और 1 सीट पर दोस्ताना लड़ाई की बात कही लेकिन उनके इस प्रस्ताव को भी तुरंत नकार दिया गया।
ख़बर के मुताबिक घनश्याम ने तस्वीर से छेड़छाड़ करके उसे फेसबुक पर डाला था। जिसे 1 अप्रैल की देर रात भाजपा यूथ विंग के कार्यकर्ता जय सिंह परमार ने देखा और पुलिस को इसके बारे में जानकारी दी।
ट्विटर पर चल रही 2 खलिहर विधायकों की इस चकल्लस पर ट्विटर यूजर्स ने दोनों विधायकों को सलाह देते हुए कहा कि दोनों भाई-बहन कॉल कर के लड़ लो और घर के मामलों को इस तरह से सड़क पर मत लाओ।
भवानी माँ को लेकर खबरें हैं कि वह बीजेपी और अन्य दलों के नेताओं से भी टिकट की माँग कर रही थी। लेकिन उन्हें कहीं से भी मौक़ा नहीं मिला। जिसके बाद वह आप पार्टी से जुड़ीं और उन्हें लोकसभा का टिकट मिला।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जुड़े अधिकारियों ने छापा मारा, वहाँ बड़ी संख्या में ऐसी चिट्ठियाँ मिलीं और इसके बाद अधिकारियों ने उस कमरे को सील किया।
स्वस्तिक के अपमान किए जाने संबंधी ट्वीट की बीजेपी ने कड़ी आलोचना की थी। बीजेपी का कहना था कि मुख्यमंत्री ने अपने इस अभद्र कृत्य से धार्मिक आस्था को तो चोट पहुँचाया ही है साथ ही आचार संहिता कता उल्लंघन भी किया है।
यह पहली बार नहीं है जब AAP और उनके प्रोपेगेंडा फैलाने वाले समर्थकों ने अडानी के खिलाफ अपने झूठे दावों के कारण अपने ट्वीट को हटाने के लिए मजबूर हुए हों।
केजरीवाल के लिए जरूरी है कि वह अब 5 साल पूरे होने से पहले अपने पद की गरिमा को समझ लें और अगले चुनाव होने तक ऐसे गलीच किस्म की राजनीति से खुद को दूर करें, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में 'क्या-क्या' किया है, वो जनता अच्छे से जान और समझ चुकी है।
चुनाव आयोग में एक अजीबो-गरीब शिक़ायत आंध्र प्रदेश में चित्तूर ज़िले से की गई है जहाँ रामाकुप्पम मंडल में तेलगू देशम पार्टी (TDP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हर सरकारी दफ़्तर से जल्द से जल्द छत वाले पंखे हटवाए जाएँ।