संयुक्त राष्ट्र के अनुसार तुर्की में महिलाओं और लड़कियों के प्रति हिंसा बहुत ज्यादा होती है। जहाँ 38 प्रतिशत महिलाओं को अपने ही साथी की वजह से शारीरिक और यौन हिंसा का शिकार होना पड़ता है।
इस मामले में पुलिस और कमलनाथ सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण मामले को दबाने की कोशिश की गई।
पीड़िता बीते साल ईद के त्यौहार पर ससुराल गई, तो पति ने उसे वहीं छोड़ दिया। उस वक्त ससुर पीड़िता को अकेला देखकर कभी देर रात रूम पर आ जाते, तो कभी बाथरूम में कपड़े धोते वक्त पीछे खड़े रहते। इतना ही नहीं ससुर मुझे अपना जूठा खाना खाने को कहते औऱ बोलते थे कि मेरा जूठा खाओगी तो मुझसे मुहब्बत हो जाएगी।
बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपित भगोड़े नित्यानंद के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर ब्लू नोटिस जारी किया है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने सभी देशों में भारतीय दूतावासों को अलर्ट कर रखा है। नित्यानंद बच्चियों से दुष्कर्म के बाद अलग देश कैलासा बनाने को लेकर चर्चा में आया था।
दोनों ने महीने में चार वारदात करने का टारगेट तय कर रखा था। कभी खुद को पुलिस तो कभी सेल्स टैक्स अधिकारी बताकर ये सर्राफा व्यापारियों के बैग की तलाशी लेते और सोना लेकर भाग जाते थे। इन्होंने 50 से ज्यादा ठगी कबूली है।
इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि सात बार चोरी की शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बताया जा रहा है कि जेवर चुराने की नीयत से बदमाश मंदिर में घुसे थे।
फारूक कबाड़ी की दुकान में चौकीदारी करता था। बगल की महिला को दिल दे बैठा। महिला ने उसके चाल-चलन को देखते हुए दूरी बना ली। प्यार में अँधे फारूक ने बदला लेने के लिए जिंदा जला कर मारने का प्लान बनाया और...
जान से ज्यादा प्यार का वादा किया, फिर लव मैरिज के बाद निकाह। 3 महीने पहले बेटी भी हुई लेकिन... ऑनलाइन फूड डिलीवरी का काम करने वाले अयाज अहमद को हिंदू बीवी के द्वारा सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो शेयर करने से जलन होने लगी। इसलिए रास्ते से हटाने के लिए प्लान के तहत...
CISF के DIG अनिल पांडे ने बताया कि था कि उन्हें मंगलूरू एयरपोर्ट के टिकट काउंटर पर यह बैग मिला, इसमें IED होने के सबूत मिले। इसके बाद पूरे क्षेत्र को खाली कराते हुए बैग को एयरपोर्ट से बाहर निकाल दिया गया।
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मामला सामने आया था। इसके बाद मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी।