नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट्स में केजरीवाल सरकार की करतूतें उजाकर हो रही हैं। इन रिपोर्ट्स को अरविंद केजरीवाल या आतिशी के मुख्यमंत्री रहते विधानसभा में पेश ही नहीं किया गया।
पहली बार नहीं है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची हो। इससे पहले भी साल 2004, 2010 और 2012 में अलग-अलग कारणों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी।
राज्यों के मुख्यमंत्री या इसी तरह के आधिकारिक अकाउंट किसी निजी व्यक्ति के नहीं होते। अगर उस पद पर कोई नया व्यक्ति आता है तो इन्हें उसके नाम या फोटो के साथ अपडेट कर दिया जाता है।