Wednesday, May 1, 2024

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Hinduphobia

Netflix पर आई है ‘लैला’, निशाने पर हैं हिन्दू जिन्हें दिखाया गया है तालिबान की तरह

वो पीढ़ी जिसने जब से होश संभाला है, या राजनैतिक रूप से जागरुक हुए हैं, उन्होंने भारत का इतिहास भी ढंग से नहीं पढ़ा, उनके लिए ऐसे सीरिज़ ही अंतिम सत्य हो जाते हैं। उनके लिए यह विश्वास करना आसान हो जाता है कि अगर इस्लामी आतंक है तो हिन्दू टेरर क्यों नहीं हो सकता।

2005 अयोध्या हमले में इस्लामी आतंकियों की जगह इंडिया टुडे ने दिखाई बाबरी विध्वंस की तस्वीर

यह जानना आवश्यक है कि जिस पर आज फैसला सुनाया गया, वह अयोध्या में 2005 में हुआ आतंकी हमला था, जबकि बाबरी विध्वंस एक जगह पर विवाद के फलस्वरूप जन्मी घटना थी।

‘Self-Styled Godman’ या ‘धर्मगुरु’ जैसे शब्दों से मजहब नहीं मीडिया की बदनीयत पता चलती है

कुल मिलाकर 'Self-Styled godman' शब्द हमेशा हिन्दू धर्मगुरुओं के लिए इस्तेमाल होता है, यह मीडिया का आम सत्य है। लेकिन इंडिया टुडे समेत पत्रकारिता का समुदाय विशेष इस शब्द का इस्तेमाल उस हेडलाइन में करता है, जिसमें खबर आज़म नामक मौलवी द्वारा हैदराबाद में एक किशोरी के साथ बलात्कार की है।

बेबस महिलाओं को नग्न करके नचाया मजहब विशेष वालों ने, The Hindu-Wire की पत्रकार ने लिखा, ‘हिंदुत्व कल्चर’

नीना व्यास जी के विचार में अगर कुछ गौरक्षक अगर कानून अपने हाथ में लेते हैं तो उससे किसी दुकानदार की लस्सी के पैसे माँगने पर "योगी-मोदी से हम नहीं डरते" दहाड़ कर हत्या कर देना, किसी मासूम बच्ची को मार डालना या ऐसी ही किसी भी घटना को अंजाम देने का औचित्य बन सकता है?

मंदिर में देवी की मूर्तियों के साथ अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाला मुजीबुर रहमान गिरफ़्तार

विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।

अक्षय पात्र विवाद पर The Hindu में दोफाड़, दो बड़े नाम पब्लिक में फेंक रहे कीचड़

चाहे यह नूराकुश्ती हो या सच में The Hindu दोफाड़ हो गया हो, पत्रकारिता के समुदाय विशेष को यह अब समझ में आने लगा है कि हिन्दू हिट-जॉब बर्दाश्त नहीं करेंगे।

The Hindu को तमाचा: 11 घंटे में 510 लोगों ने अक्षयपात्र को दान किए ₹21 लाख

आनंद रंगनाथन ने अक्षय पात्र के समर्थकों से अपील की कि केवल जबानी समर्थन देने की बजाय अक्षय पात्र के कार्य के समर्थकों को अपना पैसा अपने समर्थन के रूप में लगाना चाहिए। तभी हिन्दूफ़ोबिक गिरोहों को जवाब मिलेगा।

राम नवमी हिन्दुओं के लिए हिंसा व सांप्रदायिकता की जगह! Scroll ने फिर उगला जहर, लेख में केवल झूठ

स्क्रॉल का लेख उसी समय आ रहा है जब रथयात्रा पर घटिया सवाल उठाने को लेकर The Hindu पहले ही घिरा हुआ है। यह संयोग नहीं, साज़िश है। फार्मूला है हिन्दू धर्म को खात्मे की तरफ ढकेलने का.....

‘टाइम’ का रेसिस्ट पत्रकार, हिंदू-घृणा जताने में ‘वायर’ के लेख चोरी कर कल्पना परोस रहा है

पूरा लेख रेटरिक यानी गाल बजाने जैसा है जिसमें वही पाँच साल पुरानी बातें हैं जिन्हें लिख कर भारत का छद्म-बुद्धिजीवी गिरोह भी बोर हो चुका है: मोदी नफरत फैलाता है, समाज को बाँट रहा है, सरकार पूर्णतः विफल रही है... ब्ला, ब्ला ब्ला...

The Print वालों, सीधे-सीधे बोलो हिन्दू प्रतीकों से सुलग जाती है (सीने में आग)

समुदाय विशेष वाले तब तक ‘बेचैन’ रहेंगे जब तक धर्म और संस्कृति, हिन्दू पंथ और सम्प्रदाय की हर अभिव्यक्ति बंद नहीं हो जाती। केवल सरकारी ही नहीं, निजी भी। यही हिन्दूफोबिया है। The Print वालों ने इस लेख से प्रोपेगेंडा को नई ऊंचाई दी है।

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