Friday, March 29, 2024
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कोरोना के खात्मे के लिए ब्राह्मणों ने लड़की की जीभ काट शिव मंदिर में चढ़ाई: सोशल मीडिया में वायरल दावे का सच

ब्राह्मणों को बदनाम करने के लिए ऐसा पहले भी किया जाता रहा है। अक्सर फकीरों ने कोई अपराध किया हो तो उसे तांत्रिक बता कर हिन्दू साधु की फोटो दिखाई जाती है। साथ ही मौलवियों के अपराधों को ढकने के लिए भी 'Godman' लिखकर हिन्दू संतों की तस्वीर ख़बर में चला दी जाती है।

सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों ने एक लड़की की जीभ काट डाली और फिर उसे शिव मंदिर में चढ़ा दिया। ट्विटर यूजर ‘माइग्रेंट कामरान’ ने ये दावा किया और उसके बाद सभी ने इसे हाथोंहाथ लिया। इसे ब्राह्मणवाद और हिन्दुओं के अत्याचार के रूप में फैलाया जाने लगा। साथ ही एक लड़की की जीभ कटी हुई तस्वीर भी शेयर की जाने लगी। ये तस्वीर विचलित करने वाली भी है।

वायरल दावे में कहा जा रहा है कि लड़की आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। ये भी कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से बचने के लिए ये क्रूर हरकत की। लड़की के नाबालिग होने की बात कहते हुए लोगों से पूछा गया कि क्या वो ब्राह्मणों के इस कृत्य का समर्थन करते हैं? एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा:

“ये पाखंड और अंधविश्वास की सीमा है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से बचाव हेतु ब्राह्मणों ने 8वीं कक्षा की एक नाबालिग लड़की की जीभ काट कर उसे शिवजी के मंदिर में चढ़ा दिया। लेकिन, न तो मेनस्ट्रीम मीडिया ने इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और न ही किसी सेलिब्रेटी ने इसके खिलाफ मुँह खोला।”

कामरान जैसे कितनों ने इस वायरल दावे को आगे बढ़ाया

इसके बाद ‘टाइम्स फैक्ट चेक’ ने इसका फैक्ट-चेक किया, जिसमें पाया गया कि उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के एक गाँव की रहने वाली इस लड़की ने स्वेच्छा ही गाँव को कोरोना से बचाने के लिए अपनी जीभ काटकर शिवजी के मंदिर में चढ़ा दी थी। ‘नवभारत टाइम्स’ की ख़बर के अनुसार, ये ख़बर मई 23, 2020 को ‘लाइव हिंदुस्तान’ की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी। इसमें ब्राह्मणों वाली कोई बात नहीं थी, इसलिए वायरल दावा झूठा है।

हमने भी इस ख़बर को खँगाला तो बाँदा वाली घटना तो कई न्यूज़ साइट्स पर मिली लेकिन इमेज का रिवर्स सर्च करने के बावजूद वायरल दावे के अनुरूप कुछ नहीं मिला। हाँ, हमने कीवर्ड्स को गूगल पर डाला तो बाँदा वाली ख़बर ज़रूर कुछ मीडिया वेबसाइट्स पर मिली। ‘लाइव हिंदुस्तान‘ ने अपनी ख़बर में लिखा है:

बदौसा थाना क्षेत्र के भदावल गाँव में रहने वाली गायत्री (14) शाम को बागै नदी किनारे स्थित शिव मंदिर पहुँची। पूजा के बाद गायत्री ने ब्लेड से अपनी जीभ काट ली। इसके बाद वहीं बेहोश होकर वहीं गिर गई। सूचना पर परिजन मौके पर पहुँचे और पुलिस को सूचना दी। लमेहटा चौकी से पहुँची पुलिस ने उसे जिला अस्पताल पहुँचाया। किशोरी के पिता सौखीलाल ने बताया कि वह शिव मंदिर में रोज पूजा के लिए जाती रही है।

इस खबर का अन्य मीडिया संस्थानों ने भी फैक्ट-चेक किया और सभी ने बाँदा वाली ख़बर को ही छेड़छाड़ कर पेश किए जाने की बात कही। दरअसल, ब्राह्मणों को बदनाम करने के लिए ऐसा पहले भी किया जाता रहा है। अक्सर फकीरों ने कोई अपराध किया हो तो उसे तांत्रिक बता कर हिन्दू साधु की फोटो दिखाई जाती है। साथ ही मौलवियों के अपराधों को ढकने के लिए भी ‘Godman’ लिखकर हिन्दू संतों की तस्वीर ख़बर में चला दी जाती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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