अशोका यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में फिलिस्तीन के समर्थन में तख्तियाँ दिखाई गईं। इससे पहले इस संस्थान में हिन्दू विरोधी नारे भी लग चुके हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी की नेता ने बेशर्मी दिखाते हुए उसकी तुलना 'लघु दृष्टि' के मरीज से कर दी और कहा कि उन्होंने काफी कुछ कहा, लेकिन उसने सिर्फ राम मंदिर को लेकर बातें सुनी।