Thursday, November 28, 2024

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प्राइम टाइम स्क्रिप्ट: जनता कर्फ्यू आपातकाल की टेस्टिंग, थाली बजाना गरीबों को बेइज्जत करने की मुहिम

आप ही बताइए कि क्या प्रधानमंत्री के बोलने से कोरोना मर जाएगा? तब तो हर देश के प्रधानमंत्री को माइक ले कर, संबोधन दे देना चाहिए, कोरोना मर जाएगा। जबकि हमारे फैजान मुस्तफा बताते हैं कि IPC और संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि भाषण देने से कोरोना मर जाता है।

द टेलीग्राफ को प्रेस परिषद ने भेजा कारण बताओ नोटिस, वापमंथी अख़बार ने राष्ट्रपति कोविंद को बताया था वायरस

प्रेस काउंसिल ने लिखा कि देश के प्रथम नागरिक (राष्ट्रपति कोविंद) पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ, उपहास और उन्हें नीचा दिखाने की बात गैरजरूरी होने के साथ-साथ पत्रकारिता के उचित प्रतिमानों के विपरीत जाती हैं।

दिल्ली दंगों में भड़काऊ रिपोर्टिंग: 2 चैनलों पर 48 घंटे का बैन, एक है जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित

दोनों प्रतिबंधित चैनलों पर आरोप है कि दिल्ली दंगों के दौरान रिपोर्टिंग में किसी विशेष समुदाय के पूजा स्थल पर हमले की खबर दिखाई गई है और उस पर एक समुदाय का पक्ष लिया गया। केंद्र सरकार ने अपने आदेश में कहा कि चैनलों ने दिल्ली हिंसा में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की थी।

दम तोड़ रहा है शाहीन बाग: खाली पंडाल में कैमरा देख औरतों ने बजाया हूटर, दौड़ते आए मर्द

एक चैनल की टीम आज प्रदर्शन को कवर करने पहुॅंची। वहॉं करीब 19 औरतें ही थीं। कमजोर होते प्रदर्शन की सच्चाई छिपाने के लिए औरतों ने हूटर बजाया तो कुछ मर्द वहॉं पहुॅंचे। उन्होंने डराने के लिए महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी भी की।

मुस्लिमों के खून से सना हुआ है ईसाई राष्ट्रवाद… लेकिन विदेशी मीडिया साध लेता है चुप्पी

पाकिस्तान, ईराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना लगभग 5 लाख निर्दोष मुस्लिम नागरिकों की हत्या कर चुकी है। लेकिन वहाँ की मीडिया को अत्याचारी दिखते हैं हिन्दू राष्ट्रवादी!

दिल्ली हिंसा: मौजपुर में दंगाइयों ने JK24*7News के संवाददाता को मारी गोली, हालत नाजुक

पत्रकार आकाश चैनल के लिए नार्थ-ईस्ट दिल्ली की घटनाओं को कवर करते थे। सोमवार को दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल को भी दंगाइयों ने गोली मार दी थी।

जानिए कैसे ‘निकाला’ जाता है एग्जिट पोल, और क्यों होते हैं ये अक्सर गलत

जानकारी न हो तो ठगने में आसानी रहती है। ये गणित तीन पार्टी वाले चुनाव तक चलता है, मगर कई पार्टियों के बीच होने वाले चुनावों में नहीं, ऐसा बताए बिना अगर विश्लेषण सुनाए जाएँ तभी तो लोग देखेंगे-सुनेंगे! अगर पता हो कि इसके नाकाम होने की ही संभावना ज्यादा है तो भला न्यूज़ बेचने वाले पर भरोसा कौन करेगा?

शाहीन बाग के टुकड़े-टुकड़े! देर रात चला ड्रामा… मीडिया से बात करने पर बँटे प्रदर्शनकारी

खबर है कि प्रदर्शनकारियों का एक गुट सड़क का एक हिस्सा खोले जाने के पक्ष में है। दूसरा इसका विरोध कर रहा। मतभेद उभरने के बाद एक-दूसरे पर स्टेज से चप्पलें फेंकी जाने की भी सूचना है।

रामभक्त गुलशन नाम, फेसबुक ID, पत्रकार, नारे, गोली… कितना आसान है ये सब! सवाल बहुत हैं!

इसमें गौर करने वाली बात यह है कि शख्स ने अपनी आईडी से एजाज़ ख़ान और भीम आर्मी का शेर जैसे पेजों को लाईक किया हुआ है। और, ताज़ा समाचार मिलने तक वो ID डिलीट कर दी गई है, और नई सामने आ गई।

‘हिम्मत कैसे हुई तवायफ के बच्चे की’ – शोएब ने पैनेलिस्ट को कहा, गोस्वामी ने दिखाया बाहर का रास्ता

"तवायफ के बच्चे की हिम्मत कैसे हुई औरतों और बच्चों के बारे में बोलने की।" - जब शोएब जमई ने यह कहा तो वीडियो में देखा जा सकता है कि इन शब्दों को सुनने के बाद अर्नब गोस्वामी काफी नाराज हो गए। उन्होंने तुरंत जमई को डिबेट से हटाने की माँग की और...

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