Monday, June 17, 2024

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Narendra Modi

ऑपइंडिया के फ़ैक्ट-चेक के बाद बिज़नेस स्टैण्डर्ड ने हटाया अपना आर्टिकल

इस से पहले BBC को भी हमारे फ़ैक्ट-चेक के बाद अपनी रिपोर्ट एडिट करनी पड़ी थी। एक अलग मामले में 'द वायर' को भी हमारे फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट के बाद अपनी स्टोरी को एडिट करना पड़ा था।

9 सेकंड का खेल… PM मोदी ऐसे जीत लेते हैं अपने कार्यकर्ताओं का दिल

हालाँकि उनकी आलोचना करने वाले इस पर भी नुक्ताचीनी से बाज़ नहीं आएंगे। शायद कल तक कोई कह भी दे - मोदी ने अपने कार्यकर्ता को मारा थप्पड़!

गुरु गोबिंद सिंह के सम्मान में PM मोदी ने जारी किया 350 रुपए का स्मारक सिक्का

'गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, दार्शनिक, कवि और गुरु थे। उन्होंने अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनकी शिक्षा हमेशा धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़ने के लिए रही'

जस्टिस काटजू ने अलोक वर्मा कांड पर ‘फ़र्ज़ी मीडिया’ की निकृष्टता पर जमकर ली क्लास

जिन पत्रकारों ने इस मुद्दे पर लिखा है, उनमें से किसी ने भी (उस महिला पत्रकार को छोड़कर, जिसने एक मिनट से भी कम बात की) जस्टिस सिकरी या जस्टिस पटनायक से संपर्क नहीं किया, न ही करने की कोशिश की

26 जनवरी और 15 अगस्त के बीच का अंतर भूले जिग्नेश मेवानी

पीएम पर कटाक्ष करते समय जिग्नेश मेवानी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच का अंतर भूल गए। अपने ट्वीट में जिग्नेश ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री 26 जनवरी के लिए भी कुछ बोलना बाक़ी रखेंगे?

‘नरेंद्र मोदी का उत्साह और विदेश नीति के प्रति जुनून आखिरी बार नेहरू में देखा गया था’

अपर्णा पांडे ने कहा कि भारत देश में एक दूसरी बड़ी समस्या सैन्य है, जिसे कम से कम दो दशक पहले आधुनिकीकरण की आवश्यकता थी।

हम मज़बूत सरकार चाहते हैं, विपक्ष मज़बूर सरकार चाहता है ताकि देश को लूट सके: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति तर्कों के धरातल पर होती है, ये पहली बार है जब राजनैतिक पार्टियाँ एक दूसरे के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, वो भी सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए।

‘देशहित’ में मायावती भूलीं ‘गेस्टहाउस काण्ड’; त्रिवेदी ने कहा सपा-बसपा बचा रही है ज़मीन

मायावती ने संबोधन की शुरूआत नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए की और कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नींदें उड़ जाएंगी।

पानीपत की लड़ाई जितना ही अहम है लोकसभा चुनाव: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि इस युद्ध में एक तरफ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण की विचारधारा है जबकि दूसरी तरफ स्वार्थ और सत्ता के लिए एकजुट लोगों का जमघट है, जिनके पास ना ही कोई नेता है और ना ही कोई नीति

आलोक वर्मा एक दीमक था, जो CBI को लंबे समय से कर रहा था खोख़ला! ये रहे सबूत

PM मोदी और जस्टिस सीकरी ने सीवीसी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आलोक वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला किया जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन दोनों के फ़ैसले पर अपनी आपत्ति दर्ज़ की

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