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saffron terrorism
स्वामी असीमानंद और कर्नल पुरोहित के बहाने: ‘सैफ्रन टेरर’ की याद में
कल दो घटनाएँ हुईं, और दोनों ही पर मीडिया का एक गिरोह चुप है। अगर यही बात उल्टी हो जाती तो अभी तक चुनावों के मौसम में होली की पूर्व संध्या पर देश को बताया जा रहा होता कि भगवा आतंकवाद कैसे काम करता है। चैनलों पर एनिमेशन और नाट्य रूपांतरण के ज़रिए बताया जाता कि कैसे एक हिन्दू ने ट्रेन में बम रखे और समुदाय विशेष को अपनी घृणा का शिकार बनाया।
असीमानंद समझौता केस में बरी, ‘भगवा आतंक’ चिल्लाने वालों के लिए तमाचा
यूपीए सरकार और जाँच एजेंसियों ने ‘हिन्दू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराते पर धमाका करने का आरोप लगाया था। अदालत ने आरोप को नकार असीमानंद को रिहा किया।