बिरेन सिंह ने बताया कि 1992-97 के बीच मणिपुर में 1600 से अधिक लोग मारे गए थे। उन्होंने पूछा कि तब प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हा राव या आइके गुजराल क्यों नहीं मणिपुर पहुँचे थे।
साल 2019 में जिस जामिया में सीएए-एनआरसी के विरोध के नाम पर हिंसा को अंजाम दिया गया था, वहाँ के छात्रों ने एक बार अपने परिसर में 'ला इलाहा इल्ललाह' की नारेबाजी की।