छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस ने केवल उस वीडियो को ही फेक नहीं बताया है, जिसमें पाकिस्तान में मुल्ले सिखों को धमकी दे रहे हैं। उसने यह भी कहा है कि "दोनों तरफ" (भारत और पाकिस्तान) से फेक वीडियो शेयर हो रहे हैं। सब जानते हैं कि यह "संघी" भाषा है।
केंचुली उतार कर ये पूरा विरोध अब 'हम बनाम वो' का हो गया है। इस पूरे विरोध का लहजा 'मुस्लिम बनाम काफिर' का हो चुका है। वो खुल कर कह रहे हैं कि 'गलियों में निकलने का वक्त आ गया है', वो चिल्ला कर जामिया की गलियों में कह रहे हैं कि उन्हें 'हिन्दुओं से आज़ादी' चाहिए।
लगभग 1000 वहाबी प्रचारक (कट्टर इस्लाम के प्रचारक) केरल में आए। विचारधारा को फैलाया, पानी की तरह पैसा बहाया। कई नई मस्जिदों का निर्माण कराया, सब सऊदी अरब स्टाइल में। लेकिन यह सुनिश्चित किया कि इन मस्जिदों से कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार किया जाएगा।
बात सिर्फ उत्तर प्रदेश पुलिस या UP में हुए दंगों की नहीं है। PFI का कनेक्शन पूरे देश में है और इसकी गतिविधियाँ देशद्रोही हैं। दिल्ली पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने साथ मिलकर जामिया मिलिया इस्लामिया में हुए दंगों के कारणों की जाँच की थी। इस पूरे मामले में भी PFI के तार जुड़े मिले थे।
पिछले कुछ सालों में जमीन और पानी की लड़ाई ने यहाँ एक भयंकर मजहबी रूप ले लिया है। जिसके चलते जनवरी 2019 से अब तक 1000 ईसाई मारे जा चुके हैं। जबकि पिछले 4 सालों में ये आँकड़ा 6000 से ज्यादा का है।
"कोयंबटूर आतंकी घटनाओं के आरोपी के लिए जेल को स्पा में बदला। अब्दुल नासिर की मालिश का खर्च वहन सरकार कर रही थी, उसकी पत्नी के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट होने के बावजूद वह नासिर से बेरोकटोक मिल सकती थी। यह तब हो रहा था जब कॉन्ग्रेस के 33 विधायक और DMK के 97 MLA थे।"
उनकी नज़र में हनुमान चालीसा का पाठ कर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने वाले छात्र 'धब्बा' हैं। लेकिन, स्टेशन पर लोगों को बंधक बना कर ट्रेन परिचालन ठप्प करने वालों से शांति की अपील करना भी उन्हें गॅंवारा नहीं। शायद इसलिए क्योंकि दंगाई अपने ही कौम के हैं।
हर भारतीय को भारत के नजरिए से बने वैध नक्शे को देखने की जरूरत है न कि पाकिस्तान-चीन के प्रोपेगेंडा वाले नक्शे को ध्यान में रख कर राजनीति करने की! लेकिन PFI तो इस्लामिक संगठन है, उसे तो पाकिस्तान में सब कुछ 'पाक' दिखता है इसलिए POK भी पाकिस्तान में मिला देना चाहता है।