काशी का हर घर ‘रामज्योति’ से रोशन होगा, क्योंकि नाजनीन और नजमा अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं का एक समूह अयोध्या के लिए रवाना हो चुका है, जो वहाँ ‘रामज्योति’ लाया जाएगा। उसी से पूरी काशी को जगमग किया जाएगा। नाजनीन अंसारी का कहना है कि धर्म परिवर्तन कर लेने से पुरखे नहीं बदल जाया करते। भगवान श्रीराम ही हम सबके पूर्वज हैं। हिंदुस्तान में रहने वाले सभी मुस्लिमों के पूर्वज भगवान राम हैं।
काशी से नाजनीन अंसारी और नजमा अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं का जत्था भगवा वस्त्र पहनकर अयोध्या के लिए रवाना हो चुका है। काशी के डोमराजा ओम चौधरी और पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास ने उनकी यात्रा को रवाना किया। मुस्लिम महिलाओं के इस समूह को अयोध्या में महंत शंभू देवाचार्य ज्योति सौंपेंगे। ये महिलाएँ उसके बाद वापस काशी के लिए रवाना हो जाएँगी।
इस दौरान नाजनीन अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी भारतीय श्रीराम के ही वंशज हैं। किसी भी भारतीय का डीएनए अलग नहीं है। नाजनीन अंसारी ने कहा कि वो मुस्लिम इलाकों में लोगों से ‘रामज्योति’ जलाने की अपील करेंगी। नाजनीन ने कहा कि पहले भी राम नवमी और दीवाली का त्यौहार मनाती रही हैं। इस बार 21 जनवरी से पूरे काशी में ‘रामज्योति’ बाँटी जाएगी। ये पूरा ग्रुप अपने साथ अयोध्या से पवित्र मिट्टी और सरयू नदी से जल भी लाएगा।
#BREAKING वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं अयोध्या से रामज्योति लाने के लिए रवाना हुईं @NavbharatTimes pic.twitter.com/S8ffRGCUCc
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) January 6, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाजनीन अंसारी मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। नाजनीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद 22 जनवरी को उत्सव मनाने का संकल्प लिया है। वहीं, नजमा अंसारी विशाल भारत संस्थान से जुड़ी हैं। दोनों महिलाओं ने बीएचयू से ही पीएचडी की डिग्री ली है और सालों से हिंदू-मुस्लिम संवाद बढ़ाने के अभियान में जुटी हुई हैं। दोनों महिलाओं ने ही तीन तलाक के मुद्दे पर काफी लड़ाई लड़ी और मुस्लिम महिलाओं का सहयोग भी किया है। वहीं, नाजनीन ने रामचरितमानस के साथ ही हनुमान चालीसा का उर्दू में अनुवाद भी किया है।