Friday, May 10, 2024
Homeविविध विषयअन्यदेश के बीमारू राज्यों में है केरल: सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया, कहा-...

देश के बीमारू राज्यों में है केरल: सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया, कहा- विकास कार्यों के लिए नहीं रोजमर्रा के खर्चों के लिए राज्य को चाहिए उधारी

सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार, केरल अपनी कमाई का लगभग 20% ब्याज चुकाने में दे रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि केरल कर्ज लेकर अपने रोज के खर्चे चला रहा है। यहाँ तक कि तनख्वाह और पेंशन देने के लिए भी कर्ज का सहारा लिया जा रहा है।

आर्थिक आधार पर देश के सबसे खस्ताहाल राज्यों में केरल शामिल है। खराब आर्थिक प्रबंधन के कारण उसकी हालत बेहद पतली है। विकास कार्यों की जगह वह रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए उधारी चाहता है। केंद्र सरकार ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है। अपने उधार लेने की सीमा को लेकर केरल की वामपंथी सरकार ने केंद्र के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर रखी है।

केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े कोर्ट को बताया है कि उसने केरल को वित्त आयोग द्वारा सुझाई गई धनराशि से अधिक फंड दिया है। केंद्र सरकार ने यह भी बताया है कि राज्य को दी गई आर्थिक मदद बिना किसी बकाए के दी गई है। केंद्र ने कहा है कि केरल के खर्चे बीते कुछ वर्षों में बेतहाशा बढ़े हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार, केरल का अपनी राजस्व प्राप्तियों में से खर्चा 2018-19 के दौरान 78% था जो कि 2021-22 में बढ़ कर 82.4% हो गया। यह देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि केरल का राजकोषीय घाटा भी बीते समय में तेजी से बढ़ा है। उसकी कमाई का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में ही जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार, केरल अपनी कमाई का लगभग 20% ब्याज चुकाने में दे रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि केरल कर्ज लेकर अपने रोज के खर्चे चला रहा है। यहाँ तक कि तनख्वाह और पेंशन देने के लिए भी कर्ज का सहारा लिया जा रहा है।

केरल की वामपंथी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की हुई है। इसमें केरल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने उसकी उधार लेने की सीमा घटा दी है, जिससे उसे आर्थिक प्रबन्धन में समस्याएँ झेलनी पड़ रही हैं। वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि ऐसे ही चलता रहा तो केरल जल्द ही कर्ज के जाल में फँस जाएगा।

गौरतलब है कि केरल वर्तमान में गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वामपंथी और कॉन्ग्रेस सरकारों ने राज्य का आर्थिक प्रबन्धन गड़बड़ किया है जिसके कारण राज्य को लगातार उधार के भरोसे रहना पड़ रहा है। राज्य के बजट से भी यही संकेत मिल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल पर उसकी जीडीपी का लगभग 40% कर्ज है। वित्त प्रबन्धन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार, किसी राज्य पर उसकी अर्थव्यवस्था का 20%-25% से अधिक कर्ज नहीं होना चाहिए।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकवादियों को पनाह, खराब कानून-व्यवस्था और फर्जी ‘छात्र वीजा’ उद्योग: अपनी गलती छिपाने के लिए कनाडा की ट्रूडो सरकार भारत पर मढ़ रही आरोप

हकीकत ये है कि ट्रूडो सरकार अब खुलकर खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर रही है, उन्हें बचा रही है और भारत विरोधी कार्यक्रमों को जारी रखने की छूट दे रही है।

मेवाड़ का मैराथन: स्पार्टा के योद्धाओं वाली वीरता, महाराणा का शौर्य और युद्ध कुशलता… 36000 मुगल सैनिकों का आत्मसमर्पण, वो इतिहास जो छिपा लिया...

'बैटल ऑफ दिवेर' मुगल बादशाह के लिए करारी हार सिद्ध हुआ। कर्नल टॉड ने भी अपनी किताब में हल्दीघाटी को 'थर्मोपल्ली ऑफ मेवाड़' की संज्ञा दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -