Sunday, September 8, 2024
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CAA के लिए मोदी को सलाम, विरोधी सत्ता के लिए फैला रहे गलतफहमी: हैदराबाद उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर

सीएए विरोध के नाम पर देश के कई शहरों में हिंसा भी हो चुकी है। हिंदुओं के खिलाफ नारे लगे हैं। हिंदू घृणा से सने पोस्टर और वीडियो सामने आए हैं। इन सबसे विरोध-प्रदर्शन के मंसूबों पर सवाल उठते हैं।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) के चांसलर फिरोज बख्त अहमद ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सत्ता के लिए इसका विरोध किया जा रहा है। अहमद ने कहा है कि सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बीच कोई संबंध नहीं है। बावजूद कुछ लोग सत्ता के लिए दोनों को जोड़कर गलतफहमी फैला रहे हैं।

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उनके अनुसार इन सबके पीछे कुछ विपक्षी दल और नेता शामिल हैं। अहमद ने सीएए पारित कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, मोदी और उनके साथियों इस बात के लिए सलाम कि उन्होंने ऐसे लोगों (पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों) को नागरिकता देने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि बीते दिनों सोशल मीडिया से लेकर देश के कोने-कोने में सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। हालाँकि, ये बात सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि सीएए का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन फिर भी दिल्ली के शाहीन बाग, लखनऊ के घंटाघर समेत कई अन्य जगहों पर लोग इसे रोल बैक करवाने के लिए चक्का जाम करके बैठे हैं। कुछ राजनेता इन विरोध प्रदर्शनों को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं। साथ ही मोदी सरकार को घेरने के लिए लोगों को भड़का भी रहे हैं।

सीएए विरोध के नाम पर देश के कई शहरों में हिंसा भी हो चुकी है। हिंदुओं के खिलाफ नारे लगे हैं। हिंदू घृणा से सने पोस्टर और वीडियो सामने आए हैं। इन सबसे विरोध-प्रदर्शन के मंसूबों पर सवाल उठते हैं। देशद्रोह में आरोप में गिरफ्तार किए गए शाहीन बाग के मास्टरमाइंड शरजील इमाम के देश तोड़ने के लिए समुदाय विशेष को उकसाने वाले वीडियो भी सामने आ चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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