Friday, May 3, 2024
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बेंगलुरु, माल्मो, ऑस्लो: इस कोढ़ का क्या इलाज है? | Ajeet Bharti speaks on Sweden riots

स्वीडन में दंगे इसलिए हुए क्योंकि वहाँ पर ‘कुरान जलाओ रैली’ निकाली गई। माना कि यह रैली निकालना गलत और अवैध है। अवैध है तो उस स्टेट के पुलिस सिस्टम, नेता या प्रतिनिधियों के पास जाने के बजाए खुद को कानून मान लेना कहाँ तक उचित है।

पिछले दिनों स्वीडन और नॉर्वे में हुए दंगे के बारे में आपने काफी कुछ पढ़ा और सुना होगा। आपने कई लिबरल्स को इन दंगों को जस्टिफाई करते भी देखा होगा कि उनका कुरान जला दिया गया तो उन्होंने थोड़ा सा ये कर दिया तो क्या हो गया। किसी ने लिखा कि वहाँ तो सिर्फ 300 लोगों ने दंगे किए। यूपी में रेप हो रहा, तो कहीं पर कुछ और समस्या है, लेकिन भक्तों को सिर्फ स्वीडन का दंगा दिख रहा है।

सच्चाई यह है कि वहाँ पर 300 की संख्या काफी मायने रखती है, क्योंकि वहाँ की जनसंख्या काफी कम है। स्वीडन में दंगे इसलिए हुए क्योंकि वहाँ पर ‘कुरान जलाओ रैली’ निकाली गई। माना कि यह रैली निकालना गलत और अवैध है। अवैध है तो उस स्टेट के पुलिस सिस्टम, नेता या प्रतिनिधियों के पास जाने के बजाए खुद को कानून मान लेना कहाँ तक उचित है। नॉर्वे में भी यही हुआ।

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Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

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अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

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