फ्रांस में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि वो दुनिया भर में मुस्लिमों के साथ तनाव कम करना चाहते हैं और माना कि पैगम्बर मुहम्मद का कार्टून शॉकिंग हो सकता है, लेकिन साथ ही इसके पीछे फ्रांस की सरकार का हाथ होने को झूठ बताया। उन्होंने कहा कि वो मुस्लिमों की संवेदनाओं को समझते हैं लेकिन जिस ‘इस्लामी कट्टरवाद’ से उनकी लड़ाई है, वो पूरी मानवता के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि आज फ्रांस के खिलाफ दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच फ़िलहाल उनका दो ही कर्तव्य है – शांति को बढ़ावा देना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना। उन्होंने कहा कि वो अपने देश में अभिव्यक्ति की, बोलने की, लिखने की, सोचने की और चित्र बनाने की स्वतंत्रता की रक्षा करते रहेंगे। उन्होंने उन नेताओं को भी आड़े हाथों लिया, जो फ्रांस को लेकर झूठ फैला रहे हैं।
इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “मेरे शब्दों को लेकर झूठ बोला गया और मेरे बयानों के साथ छेड़छाड़ हुई। लोगों ने इसी पर प्रतिक्रिया दी क्योंकि उन्हें लगा कि मैं उन कार्टून्स का समर्थन करता हूँ और इन सबके पीछे हमारी सरकार ही है।” उन्होंने कहा कि वो कार्टून्स सरकारी प्रोजेक्ट नहीं हैं बल्कि स्वतंत्र और मुक्त मीडिया संस्थान के हैं, जो सरकार से सम्बद्ध नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में इस्लाम का फ्रांस के साथ तालमेल बिठाने के लिए मजहब में सुधारों की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि आज इस्लाम के नाम पर हिंसा और हत्याओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही कहा कि आज ऐसे लोग हैं, जो इस्लाम के नाम पर हिंसक अभियान चलाते हुए हत्याओं और नरसंहार को जायज ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद इस्लाम की भी समस्या है क्योंकि इसके 80% पीड़ित मुस्लिम ही हैं और वो इसके पहले पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी कट्टरवाद के खिलाफ जंग जारी रहेगी।
“We believe in the Enlightenment, and women have the same rights as men… People who think otherwise, let them do it somewhere else, not on French soil.”
— James Bloodworth 🇫🇷 (@J_Bloodworth) October 31, 2020
Powerful comments by French President Macron 👏 👏 👏 pic.twitter.com/9jWBP0znJD
इस्लामी कट्टरवाद पर बोलते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वो शिक्षा में विश्वास रखते हैं और मानते हैं कि महिलाओं के पास भी वही अधिकार हैं, जो पुरुषों के पास। साथ ही कहा कि जो लोग ऐसा नहीं सोचते, वो ये सब कहीं और करें लेकिन फ्रांस की धरती पर ये नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सिखाते हैं कि फ्रांस का सम्मान मत करो और यहाँ के क़ानून को मत मानो। उन्होंने कहा कि जो ये शिक्षा देते हैं कि लड़कियों के पास लड़कों की तरह अधिकार नहीं हैं, वो समझ लें कि ये हमारे संस्कार नहीं।
इन सबके बीच ही फ्रांस के लियोन शहर में शॉटगन से लैस अपराधी ने एक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी को गोली मार दी। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पादरी पर हमला तब हुआ, जब वो चर्च को बंद करके लौटने की तैयारी में थे। शनिवार (अक्टूबर 31, 2020) को हुई इस घटना में नुकीले हथियार लगे शॉटगन का इस्तेमाल किया गया। 52 वर्षीय पादरी को उसके पेट में गोली मारी गई। ये घटना हेलेनिक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पास हुई।