Friday, May 3, 2024
Homeराजनीतिउधर 'जीजा जी' किसानों की जमीन हड़प कर बैठे हैं, इधर घड़ियाली आँसू बहा...

उधर ‘जीजा जी’ किसानों की जमीन हड़प कर बैठे हैं, इधर घड़ियाली आँसू बहा कर कॉन्ग्रेस कर रही उन्हें गुमराह: स्मृति ईरानी

"PM ने आज 18,000 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाले हैं। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में भी 39 करोड़ रुपए 1 लाख से ज्यादा किसानों तक पहुँचा है। यह उन लोगों को जवाब है जिन्होंने ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में वर्षों-वर्ष अपनी सत्ता रखी, लेकिन किसान को वंचित रखा।"

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शुक्रवार को कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार पर जमकर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस अपनी राजनीति चमकाने के लिए नए कृषि कानूनों के बारे में घड़ियाली आँसू बहा कर किसानों में भ्रम फैला रही है। वहीं स्मृति ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को किसानों के मुद्दे पर बहस करने की चुनौती भी दी।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “PM ने आज 18,000 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाले हैं। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में भी 39 करोड़ रुपए 1 लाख से ज्यादा किसानों तक पहुँचा है। यह उन लोगों को जवाब है जिन्होंने ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में वर्षों-वर्ष अपनी सत्ता रखी, लेकिन किसान को वंचित रखा।”

उन्होंने गाँधी परिवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “अमेठी जो एक वक्त में गाँधी परिवार का गढ़ कहलाता था, आज वही अमेठी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में विकास का साक्षी है। राहुल गाँधी का भ्रम जितनी जल्दी टूटे उतना अच्छा। पिछले चुनाव में वो सिमटकर लगभग 40 रह गए थे, अगले चुनाव में उनका क्या हश्र होगा वो भी जानते हैं।”

गौरतलब है कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के दौरे पर आईं स्मृति ने किसान आंदोलन पर कॉन्ग्रेस की भूमिका पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ”कॉन्ग्रेस अपनी सियासत चमकाने के लिए देश के किसानों के बीच भ्रम फैला रही है। कॉन्ग्रेस नए कृषि कानूनों के बारे में यह झूठ बोल रही है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था और मंडियों को समाप्त कर रही, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “देश के किसान कृषि की आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस को इससे तकलीफ हो रही है।” साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कर्ज माफी की थी, जिससे अमेठी के 40 हजार किसानों का 196 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री की किसान सम्मान योजना के तहत अमेठी के तीन लाख 27 हजार किसानों को लाभ मिल रहा है।

इससे पहले, स्मृति ने तिलोई विधानसभा क्षेत्र के सिंहपुर ब्लाक में किसानों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “राहुल गाँधी किसानों से झूठ बोलकर उन्हें बरगलाने का काम कर रहे हैं। आज जो किसानों पर झूठे घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं, उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनके (राहुल के) जीजा जी तमाम किसानों की जमीन हड़प कर बैठे हुए हैं।”

स्मृति ने राहुल को बहस की चुनौती देते हुए कहा, “उनमें हिम्मत है, तो अमेठी के किसान के बीच आएँ। मैं उनसे किसानों के मुद्दे पर बहस करने को तैयार हूँ। मैं गाँधी खानदान को चुनौती देना चाहती हूँ कि राहुल गाँधी अमेठी के किसानों के बीच में बता दें उनके राज में किसानों की क्या स्थिति थी? आज अमेठी के किसानों के खातों में पैसा सीधे जा रहा है।”

अमेठी सांसद ने तीनों कृषि कानून किसानों के हित में बताते हुए किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा, ”आपकी जमीन न तो बिकेगी, न गिरवी होगी। बल्कि किसानों को उनकी उपज की कीमत 72 घंटे के अंदर मिल जाएगी। लेकिन, राहुल गाँधी किसानों को गुमराह कर रहे हैं। अमेठी से उनका बोरिया बिस्तर बँध चुका है, अब देश से भी बंधने वाला है। यही कारण है कि उनमें (राहुल में) और कॉन्ग्रेस में बौखलाहट है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

तन पर भगवा, हाथों में रुद्राक्ष, हजारों की भीड़ में खड़ा एक साधु… EVM कैसे होता है हैक, PM मोदी ने बंगाल में फिर...

पीएम मोदी ने पूछा कि 'आप मेरे लिए प्रसाद लेकर आए हैं', इसके जवाब में साधु ने हाथ उठाकर अभिवादन किया।

दरबारियों सोनिया जी के बेटे पर कुछ तो रहम करो, थू-थू करवाकर बता रहे हो ‘मास्टरस्ट्रोक’: रायबरेली की जीत से भी नहीं धुलेगा ये...

राहुल गाँधी रायबरेली जीतने में कामयाब भी रहते हैं पर इससे वह दाग नहीं धुलेगा कि उनमें अमेठी के मैदान में अब स्मृति ईरानी का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -