उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (6 नवंबर 2021) को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के 1.80 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खातों में 1320 करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर किया। इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान उन्होंने शिक्षकों को राष्ट्र नायक और राष्ट्रद्रोही में अंतर स्पष्ट करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हर बच्चे के अभिभावकों के खातों में 1100-1100 रुपए ट्रांसफर किए। ताकि इन पैसों से बच्चे स्कूल के लिए दो जोड़ी यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग और जूते-मोजे खरीद सकें। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों को प्रतिदिन बच्चों के नाखूनों को चेक करने और यूनिफॉर्म की जाँच करने का निर्देश दिया। बीते चार सालों में राज्य के स्कूलों में हुए विकास का दावा करते हुए सीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षा स्कूलों की सूरत बदली है। विद्यालयों का रंग रोगन करने के साथ ही बेहतर संसाधन भी उपलब्ध कराए गए हैं।
सीएम योगी के मुताबिक, ये स्कूलों के बदले माहौल का ही नतीजा है कि 2017 में परिषदीय स्कूलों में 1.30 करोड़ छात्र थे जो अब बढ़कर 1.80 करोड़ हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उम्र में बच्चों को सही और गलत की बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है। इसलिए जब स्कूलों में प्रार्थना सभाएँ हों तो बच्चों को मित्र और शत्रु के बारे में बताएँ। सीएम के मुताबिक, संस्कार और शिष्टाचार रहित शिक्षा बच्चों को गलत रास्ते पर लेकर जाती है।
गौरतलब है कि इससे पहले अखिलेश यादव ने सरदार पटेल की जयंती पर कहा था, “सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे, इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे। सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बने थे। वह बैरिस्टर बने उन्होंने आजादी दिलाई अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे।”
उनके इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘शर्मनाक’ और ‘तालिबानी मानसिकता’ वाला बताया था और साथ ही कहा था कि इसके लिए अखिलेश यादव को माफी माँगनी चाहिए। शनिवार (6 नवंबर 2021) को औरैया में इस मामले में तंज कसते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल देश को जोड़ने वाले हैं, जबकि जिन्ना तोड़ने वाला। वहीं, अखिलेश जिन्ना वाले बयान पर अब भी कायम हैं।