Saturday, May 4, 2024
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शारदा की चीखों ने एक कश्मीरी पंडित को रात भर सोने नहीं दिया… The Kashmir Files के किरदारों का असर ऐसा भी

'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के प्रीमियर को देखने के बाद थिएटर में बैठे हर शख्स की रोती हुई वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल है। ऐसे में उसी प्रीमियर को देखकर आई एक कश्मीरी पंडित लड़की से जानिए कि आखिर क्यों ये फिल्म देखी जानी चाहिए।

उसका नाम शारदा (बदला हुआ नाम) था, जिसका किरदार भाषा सुंबली ने ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ में पर्दे पर निभाया है। 90 के दशक में घाटी में ‘हिंदुओं के नरसंहार’ पर बनी यह फिल्म 11 मार्च 2022 को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म का प्रीमियर देखने वालों में शिवेता भी हैं। शिवेता कश्मीरी पंडित ही हैं। पर्दे पर ‘शारदा’ की चीखों ने शिवेता को झकझोर कर रख दिया। पर्दे पर इस फिल्म को देखने के बाद वह अपने आँसू नहीं रो पा रहीं थीं।

शिवेता ने बताया, “कश्मीरी पंडितों के दर्द और पीड़ा पर अंतहीन कविताएँ और कहानियाँ लिखी गई हैं लेकिन ‘द कश्मीर फाइल्स’ इसे अलग स्तर पर ले गया है। यह फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि हर कश्मीरी पंडित की सच्ची ‘जीवनी’ है। इसलिए इसे देखने के बाद थिएटर का हर शख्स रो रहा था या आहें भर रहा था।”

बतौर कश्मीरी पंडित, उन्होंने फिल्म में किरदार निभाने वाले हर उस कलाकार की सराहना की, जिनके अभिनय कौशल और प्रतिभा के कारण उन दर्दनाक मंजरों को एक फिल्म के तौर पर समेटा जा सका। वह कहती हैं, “मैं काबिल निर्देशक विवेक अग्रिहोत्री की ऋणी हूँ जिन्होंने इस दर्दनाक सच्चाई को पूरी दुनिया के सामने दिखाने का साहस जुटाया। इस फिल्म को मिथुन चक्रवर्ती और अनुपम खेर जैसे दिग्गजों का अभिनय कौशल और चिन्मय मांडलेकर, दर्शन कुमार और प्रिय भाषा सुंबली जैसे युवा कलाकारों की प्रतिभा का आशीर्वाद मिला है। पल्लवी जोशी की आवाज ऐसी है कि निश्चित ही आपके दिलों में घर कर जाए। संगीत भी उल्लेखनीय है।”

सभी किरदारों और सभी कलाकारों के प्रयासों को सराहने के क्रम में वह कहती हैं, “सभी किरदार इतने अच्छे से निभाए गए हैं इसलिए फिल्म के दृश्यों को देखते समय लोग कांप जाते हैं। फिल्म को देखते समय मैं बुरी तरह रोई और पता ही नहीं चला कि कब लगभग ढाई घंटे बीत गए हैं। फिल्म एक समंदर की तरह जहाँ दर्शक डूब जाते हैं।”

एक कश्मीरी पंडित होने के नाते दर्शकों में बैठी इस लड़की ने अपील की कि हर कोई इस फिल्म को देखे। वह कहती हैं, “मानती हूँ कि इतना दर्द इतनी पीड़ा देखना दर्दनाक होगा, लेकिन उसी समय आप इस टीम को सराहएँगे कि उन्होंने अपना पूरा दमखम उस सच्चाई दिखाने में लगा दिया जिसे दुनिया ने अभी तक नहीं जाना।” उन्होंने नई जनरेशन से भी अपील की है कि वो सब इस फिल्म को देखें क्योंकि ये फिल्म उन सभी सवालों का जवाब है जो अचानक मन में आते हैं कि कश्मीर पंडित होना क्यों एक आशीर्वाद था।

फिल्म देखने के बाद उन्होंने ‘शारदा पंडित (एक ऐसी महिला जिसके जरिए फिल्म में गिरिजा टीकू और डॉ सरला जैसी तमाम कश्मीर पंडित महिलाओं पर हुए अत्याचारों को दर्शाया गया है)‘ का किरदार निभाने वाली भाषा सुंबली की तारीफ की। वह लिखती हैं, “भाषा सुंबली एक उत्कृष्ट कलाकार हैं। उन्होंने अपनी भूमिका के साथ जो न्याय किया उसके कारण शारदा पंडित के किरदार को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। मैं प्रीमियर देख पूरी रात सो नहीं सकी। उनकी आँखों और उनकी चीख ने मुझे डरा दिया। मैं महसूस कर सकती थी कि उन्होंने अभिनय के समय क्या महसूस किया होगा।”

दर्शन तो कश्मीरी पंडित भी नहीं है फिर भी उन्होंने अपना किरदार इतने दर्द के साथ निभाया कि हर कोई उनकी कड़ी मेहनत उस किरदार में महसूस कर सकता है। चिन्मय वह व्यक्ति हैं जिनसे फिल्म में आप नफरत करना पसंद करेंगे। मिथुन चक्रवर्ती और अनुपम खेर के लिए कोई शब्द ही नहीं है। वे अपनी एक्टिंग से आपको नि:शब्द कर देंगे। अनुपम खेर के अलावा ‘बोब जी’ का किरदार कौन इतनी बखूबी निभाता।

हर कश्मीरी हिंदू को है The Kashmir Files का इंतजार

बता दें कि द कश्मीर फाइल्स को पर्दे पर आने में अब ज्यादा समय नहीं है। दुनिया भर में बैठे कश्मीरी हिंदू इस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं। जिन्होंने इसे देख लिया है वह न फिल्म के किरदारों को भुला पा रहे हैं और न ही 90 के दशक की कल्पना कर पा रहे हैं जब कश्मीरी पंडित अपने-अपने घर छोड़ने को सिर्फ इसलिए मजबूर हुए क्योंकि इस्लामी कट्टरता वहाँ व्यापक स्तर पर विकराल रूप ले चुकी थी।

नोट- शिवेता पंडित एक आम कश्मीरी हिंदू महिला हैं। जो द कश्मीर फाइल्स के जम्मू प्रीमियर के दौरान फिल्म देखने गईं और इस फिल्म को देखने के बाद अपनी ये प्रतिक्रिया दी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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