Sunday, September 8, 2024
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सचिन वाजे को बहाल करने के लिए उद्धव-आदित्य ने परमबीर सिंह पर डाला था दबाव, देशमुख की करतूतों के बारे में जानते थे पवार: ₹100 करोड़ की वसूली में CBI चार्जशीट

वहीं, मार्च 2021 में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन वाज़े को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा कर उन्हें देने के आदेश दिए थे। इसके बाद ही सीबीआई ने केस दर्ज कर अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए तलब किया था।

भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने CBI को बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनके बेटे तथा सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बहाल करने के लिए दबाव डाला था।

100 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में CBI द्वारा दाखिल चार्जशीट में परमबीर सिंह के हवाले से यह भी कहा प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य दो मंत्रियों ने भी वाजे के लिए उन पर दबाव बनाया था।

मुंबई के पूर्व सीपी सिंह ने यह भी कहा कि इस मामले में उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजीत पवार, NCP प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य लोगों को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के करतूत के बारे में सूचित किया था। हालाँकि, इसके बारे में वे सभी पहले से ही जानते थे।

अपने बयान में परमबीर ने कहा, “गृहमंत्री देशमुख ने एक प्रेस वार्ता के बाद वाजे की प्रशंसा की और मुझसे कहा कि उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। यह 22-23 मार्च 2020 के आसपास का समय था। कुछ दिनों बाद आदित्य ठाकरे के पीए सूरज चौहान मुझसे मिलने आए और यह कहते हुए उन्होंने मुझ पर सचिन वाज़े को बहाल करने का दबाव डाला कि ऐसा आदित्य ठाकरे चाहते हैं।”

इसके बाद उन्होंने CM उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की तो उन्होंने बहाल करने के लिए कहा। इसके बाद अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें वाजे को बहाल करने के लिए दबाव डाला और बहाली की चिट्ठी दी। इसके बाद परमबीर सिंह ने कहा कि निलंबन तुरंत रद्द नहीं किया गया था, क्योंकि समीक्षा समिति आमतौर पर हर तिमाही में केवल एक बार मिलती थी।

मार्च 2021 में पुलिस प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने सीएम ठाकरे को एक पत्र लिखा था, जिसमें देशमुख द्वारा पुलिस तबादलों में हस्तक्षेप करने सहित कदाचार के कई आरोप लगाए थे। उन्होंने यह बताया कि पत्र भेजने से पहले उन्होंने ठाकरे को देशमुख के कुकृत्यों के बारे में जानकारी दी थी, तब ठाकरे ने कहा था कि वे आपके गृहमंत्री हैं।

इसके बाद परमबीर सिंह ने देशमुख के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार, सिंचाई मंत्री जयंत पाटिल और परिवहन मंत्री अनिल परब शामिल को बताया। परमबीर सिंह ने बताया कि इन नेताओं की प्रतिक्रिया से उन्हें लगा कि देशमुख के बारे में उन्हें पहले से ही पता है।

इसके बाद परमबीर सिंह ने सीबीआई को एक सूची दी, जिसमें मुंबई से बाहर स्थानांतरित किए जाने वाले पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रैंक से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक के अधिकारियों के नामों की सिफारिश की गई थी। सिफारिश करने वालों में डिप्टी सीएम अजीत पवार, एनसीपी नेता नवाब मलिक और सांसद सुप्रिया सुले सहित कई एनसीपी नेता शामिल थे।

चार्जशीट में वाजे का बयान भी दर्ज किया गया है। वाजे ने अपने बयान में कहा है, “मुझ पर कई राजनीतिक व्यक्तियों ने दबाव डाला है और मैंने उक्त दबाव के आगे घुटने टेक दिए हैं।” वाजे ने यह भी बताया कि वह अपनी बहाली के लिए वह देशमुख के संपर्क में आए थे और 7 अप्रैल 2020 को मंत्री ने उन्हें परमबीर सिंह के पास आवेदन जमा करने के लिए कहा था। बाद में देशमुख ने उनसे बहाली के लिए 2 करोड़ रुपए भी माँगे थे।

बता दें कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एंटीलिया टेरर केस का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गिरफ्तार किया था और बाद में बल से बर्खास्त कर दिया गया था। वहीं, 100 करोड़ रुपए वसूली मामले की जाँच कर रही सीबीआई ने वाजे को सरकारी गवाह बना लिया है।

वहीं, मार्च 2021 में परमबीर सिंह ने लेटर बम फोड़ा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन वाज़े को हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा कर उन्हें देने के आदेश दिए थे। इसके बाद ही सीबीआई ने केस दर्ज कर अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए तलब किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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