Sunday, September 8, 2024
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‘पूरे बिल में कहीं भी POK का ज़िक्र नहीं, क्या हिंदुस्तान ने गुलाम कश्मीर को पाने की आशा छोड़ दी?’

"इतने बड़े बिल (जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल) में कहीं भी POK भूभाग का ज़िक्र नहीं है। इसका अर्थ यह है कि हिंदुस्तान ने गुलाम कश्मीर को पाने की आशा छोड़ दी है।"

लोकसभा में कॉन्ग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के विवादस्पद बयानों की झड़ी लगी हुई है। पहले कश्मीर के हिन्दुस्तान का आंतरिक मसला होने और सरकार के उस पर बिल लाने के अधिकार पर ही सवाल उठाने के बाद अब वह सरकार पर POK (पाक-अधिकृत, गुलाम कश्मीर) से पल्ला झाड़ लेने का आरोप लगाते पाए जा रहे हैं।

मैंने पूछा था POK का क्या होगा

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्होंने सवाल यह पूछा था कि अब (जबकि सरकार ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण विधानसभा वाला केंद्र-शासित प्रदेश बना दिया है) POK की स्थिति क्या होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें उन्होंने गलत क्या कहा है?

‘कहाँ लिखा है POK?’

अधीर चौधरी ने यह भी कहा कि इतने बड़े बिल (जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल) में कहीं भी POK भूभाग का ज़िक्र नहीं है। उनके अनुसार इसका अर्थ यह है कि हिंदुस्तान ने गुलाम कश्मीर को पाने की आशा छोड़ दी है।

इसके पहले उन्होंने कश्मीर मसले पर बिल लाने की सरकार की हैसियत को ही चुनौती दे डाली थी। उनके इस बयान पर भड़के गृह मंत्री और भाजपा सुप्रीमो अमित शाह ने तो उन्हें खरी-खोटी सुनाई ही, खुद सोनिया गाँधी भौंचक्की नज़र आईं। शाह ने सदन में यह भी साफ़ किया कि भाजपा नेता कश्मीर के लिए जान भी दे देंगे, और वह जब भी “कश्मीर” बोलेंगे, तो उनका तात्पर्य पाकिस्तान और चीन के कब्ज़े वाले गुलाम कश्मीर से भी होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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