Thursday, October 3, 2024
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कॉन्ग्रेसी ट्रॉल महोदय, थूक बचाकर रखें! मई में फिर काम आएगा: कुमार विश्वास

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ‘आत्ममुग्ध बौना’ कहने वाले युवाओं के चहेते कवि कुमार विश्वास आजकल लगातार आग उगल रहे हैं। अपनी हाजिरजवाबी के कारण कुमार विश्वास बहुत पसंद किए जाते हैं। लेकिन आज एक कॉन्ग्रेस के ट्रॉल को देखते ही पहचान लेने के बाद उन्होंने कॉन्ग्रेस को भी अपने कटाक्ष का निशाना बनाने में कोई चूक नहीं की।

हुआ ये कि कुमार विश्वास ने अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जयशंकर प्रसाद की एक कविता ट्विटर पर पोस्ट की। इसके बाद ट्रॉल्स ने उन्हें निशाने पर ले लिया। कमेंट की भाषा को भाँपकर कुमार विश्वास फ़ौरन समझ गए कि ये कोई कॉन्ग्रेस का इंटरनेट ट्रॉल है और उन्होंने तुरंत सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए ट्रॉल को लोकसभा चुनाव का परिणाम देखने की बात कह डाली। विश्वास के समर्थकों ने उन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले शख्स की जमकर क्लास लगाई।

जानिए क्या था असल में पंगा

अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुमार विश्वास ने जयशंकर प्रसाद की कविता ‘नारी! तुम केवल श्रद्धा हो’ का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया। जयशंकर प्रसाद की इस कविता को कुमार विश्वास ने खुद वीडियो बनाया और बोल भी दिए हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रॉल किया जाने लगा।

यह थी ‘ज़हर उद्दीन’ ट्रॉल की दिक्कत

ट्विटर पर एक यूजर ने कवि जयशंकर प्रसाद के लिए अभद्र टिप्पणी करते हुए कुमार विश्वास पर निशाना साधा। उसने लिखा, ‘‘थू है ऐसे कवि पर, जिसने इस कविता में नारी को केवल श्रद्धा माना है और ऐसी वाहियात पक्तियाँ लिखीं। ये सामंती मानसिकता की पंक्तियाँ चुनकर आपने अपनी मानसिक स्तर का परिचय दिया है।’’ ये टिप्पणी करने वाले युवक का नाम था मुबिन जहूरुद्दीन।

इस पर कवि कुमार विश्वास ने जवाब दिया

कुमार विश्वास ने जयशंकर प्रसाद परअभद्र टिप्पणी करने वाले मुबिन जहूरुद्दीन को जवाब हुए लिखा, ‘‘हे जहर उद्दीन जी, ये पक्तियाँ मेरी नहीं, बल्कि विश्व के सबसे बड़े कवियों में से एक, स्वतंत्रता सेनानी, चंद्रशेखर आजाद के मित्र, नेहरू जी के प्रिय कवि स्वर्गीय जयशंकर प्रसाद जी की हैं। आप कॉन्ग्रेस से हैं। थूक बचाकर रखें, मई में फिर काम आएगा।’’

CM कमलनाथ की ‘गाय हाँक योजना’ पर ट्विटर ने लिए मज़े

मध्य प्रदेश में पढ़े लिखे लोग जल्द ही आपको पशु हाँकते हुए नजर आ सकते हैं। दरअसल, युवा स्वाभिमान योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के बेरोजगारों को सरकार ऐसे काम सिखाएगी। कमलनाथ सरकार की इस युवा स्वाभिमान योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले बेरोजगारों ने पशु हाँकने तक की ट्रेनिंग के लिए अपना नाम लिखवाया है। वहीं बीजेपी ने इसे बेरोजगारों का मज़ाक बताया है। इस योजना में विभिन्न ट्रेड्स में इलेक्ट्रीशियन, अकाउंट्स असिस्टेंट, मोबाइल रिपेयरिंग, ड्राइवर व फोटोग्राफर के अलावा पशु हाँकने का काम भी शामिल है।

हालाँकि, युवा स्वाभिमान योजना पर कॉन्ग्रेस की तरफ से कहा गया है कि गाय हाँकने का मतलब गाय को भगाना नहीं है, बल्कि गाय का संरक्षण करना है। देखा जाए तो कोई भी काम बड़ा या नहीं होता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वरोजगार के लिए पकोड़े बनाने वाले का उदाहरण देने पर पकोड़े बनाने वालों का मजाक बनाने वाली यह कॉन्ग्रेस सरकार रोजगार देने के नाम पर बेरोजगारों का मजाक बनाती दिख रही है। गाय हाँकने की यह क्रिएटिव स्कीम बेरोजगारी पर कॉन्ग्रेस की दूरदृष्टि सोच का नतीजा है।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार बेरोजगारों को जल्द ही पशु हाँकने की ट्रेनिंग देगी। प्रदेश शासन के नगरीय विकास और आवास विभाग की युवा स्वाभिमान योजना के तहत पंजीकरण भी शुरू हो चुका है। हर जिले के हिसाब से पशु हाँकने के काम के लिए पद निकाले गए हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर कमलनाथ सरकार की इस योजना का जमकर मजाक उड़ाया गया। ट्विटर यूजर्स ने #HaankInIndia के साथ कटाक्ष करने वाले कुछ वीडियो और फोटो शेयर किए थे। लोगों ने इसी के साथ कहा- यह कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की ऐसी योजना है, जिससे गाय भी परेशान हैं।

कमलनाथ सरकार के इस कदम को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मजाक बताया है। पार्टी नेता उमाशंकर गुप्ता ने कहा, “कमलनाथ सरकार ने ऐसा कर बेरोजगारों का मजाक बनाया है। कमलनाथ सरकार, पढ़े-लिखे लोगों से पशु हाँकने का काम क्यों करा रही है?”

देखते हैं लोगों ने किस तरह से प्रतिक्रिया दी हैं –

दूध माँगोगे तो भी चीर देंगे: जब पाक की पूँछ के नीचे पेट्रोल डालकर भारत अपने काम करता रहा

जब अजित डोभाल ने ‘ऑफेन्सिव डिफ़ेंस’ की नीति की बात की थी, तो बहुतों को वो थ्योरेटिकल लगती थी। लगता था कि ये सब कहने की बातें हैं, इसका इस्तेमाल कब होगा। कुछ लोग यह भी मानते थे कि पाकिस्तान से शांति वार्ता ही अंतिम विकल्प है। हालाँकि, पिछले तीन सप्ताह में भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को पता चल गया ये नीति क्या है और विकल्प कितने हैं।

हमले, एयर स्ट्राइक, पाकिस्तानी घुसपैठ, F16 को गिराना, अभिनंदन की कस्टडी, अभिनंदन की वापसी, कराची-रावलपिंडी-लाहौर आदि शहरों पर गूँजते जेटों की आवाज से डरा पाकिस्तान और हरे झंडे के साथ ‘शांति’ की भीख माँगता इमरान खान। ये सब ऐसे हुआ, और इतने दिनों में कॉन्सपिरेसी में लीन पाकिस्तान अकुपाइड पत्रकारों (Pak Occupied Patrakaar) ने इतनी पलटियाँ मारीं, कि देश को दिख गया कि किसकी ज़मीन कहाँ है। 

ट्विटर पर कराची के ऊपर उड़ते पाकिस्तानी विमानों की आवाज सुनकर, ‘युद्ध होगा तो क्या होगा’ की स्थिति से डरे पाकिस्तानी लगातार ‘अल्ला रहम करे’, ‘अल्ला खैर करे’ की दुहाइयाँ दे रहे थे। वही हाल रावलपिंडी का भी था जहाँ अलर्ट जारी हो गए थे, रातों में बिजली काट दी गई थी, और अस्पतालों से कहा गया था कि बिस्तर खाली रखें। हालाँकि, पाकिस्तान द्वारा खुद को इस तरह से युद्ध के लिए तैयार दिखाने का दूसरा आयाम भी था, जिस पर हम आगे चर्चा करेंगे, लेकिन आम जनता को भारतीय हमले का ख़ौफ़ दिख रहा था।  

पहले ऐसे हर आतंकी हमले के बाद भारत, पाकिस्तान के ‘न्यूक्लिअर ब्लफ’ को कुछ ज्यादा ही गम्भीरता से लेता था। अगर सेना तैयार होती तो मनमोहन डर जाते कि न जाने पाकिस्तान क्या कर बैठेगा, वो तो एक बदमाश देश है, न्यूक्लिअर वॉर हो जाएगा आदि। इस बार भी पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लिअर कमांड अथॉरिटी की मीटिंग बुलाकर ब्लफ खेलने की कोशिश की थी, लेकिन परिणाम में उसे भारत की चुप्पी की जगह, उसके अत्याधुनिक फ़ाइटर जेट को पुराने भारतीय मिग का शिकार होना पड़ा।

इसके साथ ही, भारत ने एक के बाद एक वो सारे निर्णय लिए जो भारत-पाक मामलों के जानकार सालों से कहते आ रहे थे: मोस्ट फेवर्ड नेशन का स्टेटस हटाना, सिंधु जल समझौते को अपने फ़ायदे के लिए बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना, अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर भारत की छवि मजबूत और पाकिस्तान की छवि धूमिल करना।

इन सबका रिजल्ट यह हुआ कि न सिर्फ यूएन में पाकिस्तान के खिलाफ एक लॉबी खड़ी हुई, बल्कि हर बड़े देश ने भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक्स को सही बताते हुए, भारत के हमले करने की स्वतंत्रता का सम्मान किया क्योंकि वो आतंकवादियों के लिए था। साथ ही, सिक्योरिटी काउंसिल से प्रस्ताव पारित कराना भी अपने आप में एक उपलब्धि ही है। इसी पर आगे, मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चीन भी साथ आता दिख रहा है।

जब 55 घंटे के अंदर भारतीय पायलट वापस ले आया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि वो तो समझौते के तहत हुआ। लेकिन वो लोग कैप्टन सौरभ कालिया वाला घटनाक्रम भूल गए। ये भारत की बहुत बड़ी जीत थी, और मोदी ने बार-बार अपने रैलियों के बयानों में पाकिस्तान पर और भी बड़ी कार्रवाइयों के होने का ज़िक्र करना नहीं छोड़ा।

इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान ने, प्रोपेगेंडा के लिए ही सही, दुनिया को यह दिखाना शुरु किया कि उसने दर्जनों आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है, और आतंकियों को गिरफ़्तार किया जा रहा है। फिर ख़बर फैली कि पाकिस्तान ने कई मदरसों को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है। उसके बाद ख़बर आई कि जैश-ए-मोहम्मद संचालित संगठनों पर सरकार ने कार्रवाई की है।

ये हुआ या नहीं हुआ, ये पाकिस्तान ही बेहतर जानता है, लेकिन ये इसलिए हुआ क्योंकि भारत ने विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी के बाद भी अपने ढीले होने के संकेत नहीं दिए। मोदी ने एक रैली में बस यह कह दिया कि ये तो ‘पायलट प्रोजेक्ट‘ था, और पाकिस्तान में युद्ध से निपटने की तैयारी के लिए नियंत्रण रेखा पर सेना और हथियारों की मूवमेंट बढ़ा दी गई। 

ये काम करते हुए पाकिस्तान दो तरह से गेम खेलना चाह रहा था। पहला यह कि अपनी सहमी हुई जनता को यह बताना कि वो लोग तैयार हैं। दूसरी यह कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाए कि पाकिस्तान अपने तरफ से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन भारत शांति की जगह युद्ध का बिगुल फूँक रहा है।

खैर, दोनों ही बातों से भारत को कोई असर नहीं पड़ा और नियंत्रण रेखा के पार से होती गोलीबारी का लगातार जवाब दिया जाता रहा।

इन सबके बीच, पाकिस्तान जैसे देश की, जो भीख माँगकर गुज़ारा करने पर मजबूर है, लगातार दस दिनों से हवाई परिवहन को बंद करने की मजबूरी से उसे कितना नुकसान पहुँचा है, ये भी वही बता पाएगा। गधे बेचना, भैंस बेचना, कार बेचना और अपने बजट से आतंकियों को स्पॉन्सर करना पाकिस्तान की वो नियति है, जिससे वो भाग नहीं सकता।

दो-चार इस्लामी देश और चीन की शह पर कूदने वाले पाकिस्तान को चार हिस्सों में बाँटने की भी नीति की बात होती रहती है। बलूचिस्तान एक संवेदनशील इलाक़ा है, और वहाँ लगातार विद्रोह होते रहते हैं। आतंरिक कलह, शिया-सुन्नी के आपसी बम धमाकों के आतंक और लगातार बर्बाद होती अर्थव्यवस्था से उबर पाना पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।

नया पाकिस्तान‘ का नारा लगाने से वो नया नहीं हो जाता, जबकि सिवाय इस बात के कि वहाँ का पीएम एक क्रिकेटर बन गया है, पाकिस्तानियों के लिए नया कुछ नहीं है। बुनियादी अधिकारों से वंचित लोग, कट्टरपंथी इस्लामी आतंक और आम समाज में दूसरे मतों को लिए घृणा पालते लोग, बिजली-पानी जैसी बुनियादी ज़रूरतों से हर दिन लड़ते बड़े शहर, करप्शन और सामंतवादी सोच से चलते पोलिटिकल सिस्टम ने पाकिस्तान को हर तरफ से जकड़ा हुआ है।

वहीं, भारतीय जनमानस में जो संवेदनाजन्य आक्रोश था, उसके लिए हमारी सेना जितना कर सकती थी, उन्होंने उससे कहीं ज़्यादा किया। यह बात एक सत्य है कि जो बलिदान हो गए, वो वापस नहीं आ सकते, लेकिन शत्रु को उसकी औक़ात बताना, और बलिदानियों के परिवार के बेहतर भविष्य के साथ इस महान देश की सीमाओं को भी सुरक्षित रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

पाकिस्तान को जितनी डिप्लोमैटिक समझदारी से अलग-थलग करते हुए, पीएम द्वारा उसको उसकी औक़ात बताते हुए कि तुम्हारा नाम लेना भी ज़रूरी नहीं क्योंकि तुम उतनी बड़ी समस्या नहीं हो, पाकिस्तान को उसकी जगह बता दी गई। वहीं, सेना ने जितनी जल्दी, जिस स्तर से पाकिस्तान को क्षति पहुँचाई है, उस हिसाब से न्यूक्लिअर कमांड अथॉरिटी की मीटिंग बुलाकर इमरान जो दबाव बनाना चाहता था, वो कितना बना, सबके सामने है। 

अब हालत यह है कि पाकिस्तान को अमेरिका भी पूछ रहा है कि उसका F16 क्यों इस्तेमाल किया गया, और पाकिस्तान इस बुरी स्थिति में है कि अपने एक शहीद पायलट का नाम तक नहीं ले पा रहा है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान ने ही बताया था कि उन्होंने दो पायलट पकड़े हैं, एक हमारे विंग कमांडर अभिनंदन थे, और दूसरे के बारे में कहा गया कि उनका उपचार चल रहा है। 

बाद में पता चला, वो उन्हीं का पायलट था, और सोशल मीडिया में उस शहीद को उसका हक़ दिलाने के लिए पाकिस्तान में खूब कैम्पेन चले। लेकिन, पाकिस्तानी मीडिया से अचानक उस पायलट की कवरेज तक गायब हो गई, और विंग कमांडर शहज़ाज़ुद्दीन को पाकिस्तानी हुकूमत ने, अपनी पुरानी करतूतों की ही तरह, भुला दिया। नहीं भुलाते तो उन्हें अमेरिका को जवाब देने में और भी मुश्किल होती कि उन्होंने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किस विमान का इस्तेमाल किया था।

कुल मिलाकर बात यह है कि पाकिस्तान का पुराना ब्लफ बाहर आ गया, और भले ही विदेशी प्रोपेगेंडा अख़बारों में ‘साउथ एशिया में न्यूक्लिअर वॉर के आसार’ लिखे जाते रहें, लेकिन पाकिस्तान को बेहतर पता है कि भारत इस बार क्या कर सकता है। युद्ध में क्षति तो होती है, दोनों तरफ से होती है, लेकिन पाकिस्तान ने अगर ऐसा चाहा तो उसके समूचे अस्तित्व पर बड़ा संकट आ सकता है। 

भारत का क्या है, यहाँ सामान्य गति से हर संस्था अपना कार्य कर रही है। आम नागरिकों से लेकर बड़े, रसूखदार लोगों ने हर बलिदानी के परिवार तक अपनी मदद पहुँचाई है। देश सेना के साथ खड़ा है, विकास के कार्य लगातार शुरु और खत्म किए जा रहे हैं। वहीं पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी शुद्ध हिन्दी में कश्मीर समस्या के समाधान के लिए शांति और मानव विकास के मार्ग प्रशस्त करने वाले के लिए नोबेल पुरस्कार की बात कर रही है। 

..तो इसलिए राहुल गांधी को कहा जाता है इमरान खान का खोया हुआ भाई

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी आज ओडिशा के कोरापुट में भाषण दे रहे थे। इस दौरान राहुल गाँधी ने कहा कि कुछ दिन पहले, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर हमला किया और साथ ही बम गिराए, जिसमें हमारे भी कुछ जवान शहीद हो गए। इसके साथ ही राहुल गाँधी ने एक बाार फिर से राफेल को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पीएम मोदी ने एयरफोर्स से पैसे लेकर अंबानी की जेब में डाल दिए।

राहुल ने यहाँ अपने भाषण में पुलवामा हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले, भारत ने पाकिस्तान पर ‘हमला किया’ और बम गिराए। राहुल गाँधी कहते हैं कि भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया है, तो इसका मतलब यही निकल कर आता है कि भारत ने एक संप्रभु राज्य के खिलाफ आक्रामकता का कार्य किया। मगर इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी भी किसी दूसरे राष्ट्र पर हमला नहीं किया। बालाकोट में किया गया हमला कोई हमला नहीं था। भारत ने केवल आत्मरक्षा और बमबारी करने वाले आतंकवादी शिविरों पर अपना कार्रवाई की, जो कि आत्मघाती हमलावरों को बढ़ावा देते थे एवं पुलवामा हमले और इसी तरह के कई आतंकवादी हमले के जिम्मेदार थे।

भारत सरकार ने भी अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि ये आतंकवादियों के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम था। किसी राष्ट्र पर कोई हमला नहीं किया गया।

वास्तव में, यह पाकिस्तान था जिसने भारत के खिलाफ हमला किया। जब उसने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया, तो जवाब में भारत ने आतंकी शिविरों के खिलाफ कार्रवाई की। इस तरह से राहुल गाँधी का यह कहना कि भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया, वह भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार करता है।

खैर, ये तो बोलने वाले पर निर्भर करता है कि वो किस तरह से सोचता है। यदि कोई पाकिस्तानी है, या पाकिस्तान का ‘पोस्टर बॉय ’है, तो कोई निश्चित रूप से कह सकता है कि हमारे आदमी शहीद हो गए, यह मानते हुए कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी उनके अपने ही लोग हैं। हालाँकि, यदि कोई भारतीय पक्ष से देखेगा, तो पता चलेगा कि बालाकोट हवाई हमला एक साफ-सुथरा ऑपरेशन था, जिसमें 12 मिराज 2000 ने LOC पार किया, आतंकी शिविरों को समतल किया और फिर बिना रुके वहाँ से वापस आ गए।

यहाँ पर दिलचस्प बात यह है कि राहुल गाँधी ने इस भाषण में जो लाइनें बोली है, वह पूरी तरह से पाकिस्तान से ली गई है। राहुल गाँधी और उनके बैंड ऑफ बफ़ून ने खुद को पाकिस्तान का पोस्टर बॉय साबित किया है, और इस भाषण में भी राहुल गाँधी ने फिर से साबित कर दिया कि क्यों देश उन्हें पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का खोया हुआ भाई समझने लगा है।

कुटाई काण्ड 3: अब मुजफ्फरनगर में सरकार विरोधी बयान पर नाराज समर्थकों ने किए हाथ साफ

‘विरोधियों के सुतान में, समर्थक भी मैदान में।’ देश में राजनीतिक सरगर्मी का दौर उफान पर है। पिछले तीन दिनों में इस प्रकार की ये लगातार तीसरी निंदनीय घटना सामने आई है। पहली घटना में भाजपा के ही सांसद और विधायक आपस में एक बहस के चलते भिड़ पड़े। दूसरी घटना कल की है जिसमें उत्तराखंड के कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता आपस में एक दूसरे की सुताई कर बैठे। अब ये नया मामला है जिसमें अपने नेताओं की ही तर्ज पर समर्थक भी मैदान में उतरते नजर आए हैं। ये मामला है उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का जिसमें सरकार विरोधी बयान देने पर जनता ने युवक पर हाथ साफ कर दिए।

कल एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ जो असल में बुधवार (मार्च 06, 2019) को हुई एक मारपीट का मामला था। एक टीवी न्यूज चैनल के लिए बुलाए गए युवक को भीड़ ने जमकर कूट दिया। हुआ ये कि TV चर्चा के दौरान एक युवक ने सरकार पर बुनियादी सुविधाओं और रोजगार से सम्बंधित इल्जाम लगाए जिससे नाराज भीड़ ने कैमरे के सामने ही ताबड़तोड़ तरीके से पीट दिया। कहा जा रहा है कि पिटाई करने वाले भाजपा के कार्यकर्ता थे। हालाँकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर सैनी ने इन आरोपों का खंडन किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने युवाओं के साथ मारपीट की थी। उनका कहना है कि युवक की पिटाई करने उतरे युवा सिर्फ सरकार का समर्थन करने वाले आम लोग थे, जो जज्बात में उग्र होकर मैदान में उतर गए थे।

इंटरनेट पर जारी किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक सरकार पर कटाक्ष करते हुए कह रहा है, “घुसना है तो पाकिस्तान में घुस के दिखाओ। तुम आतंकवादियों को अंदर घुसाते हो।” इसी बात पर वहाँ पर उपस्थित जनता युवक से नाराज हो गई।

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना मुजफ्फरनगर के कंपनी गार्डन पार्क में हुई, जहाँ बुधवार को पत्रकार नरेंद्र प्रताप द्वारा एक सार्वजनिक चर्चा की मेजबानी की जा रही थी। बाद में ऑनलाइन जारी की गई वीडियो फुटेज में नरेंद्र प्रताप को जनता के सदस्यों से बात करते हुए दिखाया गया है।  पत्रकार प्रताप का जनता से सवाल था कि क्या वर्तमान सरकार के तहत उनके जीवन में सुधार हुआ है? जब प्रताप ने युवाओं से अपना पूछा तो पीड़ित युवक ने कहा, “सड़कों की हालत पहले जैसी ही है। बेरोजगारों के लिए कोई अवसर नहीं आए हैं। इसके अलावा, शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो गई है।”

पीड़ित युवक के इन बयानों से नाराज भीड़ ने युवक की तब ताबड़तोड़ कुटाई शुरू कर दी, जिससे वह भागने पर मजबूर हो गया। वीडियो में  कि लगभग 25 से 30 लोगों ने पीड़ित युवक जमकर हाथ साफ़ किए।

पत्रकार प्रताप ने इस पर कहा, “भीड़ में ऐसे लोग थे, जिन्होंने पीड़ित युवक को बीच में कई बार रोका। इसके तुरंत बाद हाथापाई शुरू हुई और मैं सिर्फ भीड़ को युवक पर हमला करते हुए देखता रह गया।”

इसके बाद यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। हालाँकि, भीड़ में से ही कई लोगों को युवक को छोड़ने की बात कहते हुए सुना जा सकता है। जिसका मतलब ये है कि भीड़ में सब मारने वाले ही नहीं बल्कि कुछ लोग पीड़ित युवक की सहायता करने के लिए गए थे।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस मामले पर ट्वीटर पर जवाब देते हुए कहा, “उक्त के सम्बन्ध में Co नगर द्वारा अवगत कराया गया कि थाना सिविल लाइन क्षेत्र में हुई उक्त मारपीट की घटना के सम्बन्ध में थाना सिविल लाइन पर पीड़ित के माध्यम से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। उसके उपरांत भी उक्त प्रकरण में जाँच कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।”

सरकार के समर्थन और विरोध में जनता को भीड़ बनने से बचना चाहिए। इस प्रकार के कृत्य नेता, जनता और समर्थकों को शोभा नहीं देते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र में आवश्यक है और किसी भी बयान पर हाथ छोड़ने के लिए हर समय तैयार रहना अच्छी बात नहीं है।

फिर हो सकता है पुलवामा जैसा हमला, दो आतंकी समूह कर रहे घुसपैठ की कोशिश: रिपोर्ट

अभी कुछ दिनों पहले ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फिदायीन हमला हुआ था और अब ज़ी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के आतंकी एक बार फिर से भारत पर पुलवामा जैसे हमले की तैयारी में है।

खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गए इनपुट के मुताबिक, दो भारी हथियारों से लैस पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह एलओसी के पास राजौरी जिले से भारत में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे थे। बता दें कि PoK में कोटली आतंकी कैंप से कम से कम पाँच पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी शामिल हैं और कहा जा रहा है कि हाजी आरिफ नाम के उनके हैंडलर द्वारा समूह को बचाया जा रहा है। उसे हाल ही में राजौरी सेक्टर में सीमा के दूसरी तरफ एलओसी के पास स्पॉट किया गया था।

वहीं जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के छ: आतंकवादियों के एक अन्य समूह को नियंत्रण रेखा पर मोहरा शीद गाँव के पास स्पॉट किया गया है और कहा जा रहा है कि वो भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में था। जानकारी के अनुसार, मसूद अजहर के नेतृत्व वाली आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड और अनंतनाग में एक IED हमले को अंज़ाम देने की योजना बनाई है। बता दें कि इस बार वो अपनी योजनाओं को निष्पादित करने के लिए एक टाटा सूमो एसयूवी का उपयोग कर सकता है।

सुरक्षा बलों को मिले खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, ये आतंकी पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप के कुछ सदस्यों के साथ मिले हुए हैं। सुरक्षा एजेंसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आतंकी सरगना जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर से पुलवामा जैसे आतंकी हमले को अंज़ाम दे सकता है। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।

यह चेतावनी 7 मार्च को जम्मू में एक बस स्टॉप पर ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के कुछ घंटों बाद आई, जिसमें उत्तराखंड के हरिद्वार के एक 17 वर्षीय मोहम्मद शारिक की मौत हो गई और कम से कम 30 अन्य घायल हो गए।

सुरक्षा एजेंसियों ने शाम को जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड हमले के सिलसिले में हिजबुल-मुजाहिदीन के सदस्य यासिर अरहान को गिरफ्तार कर लिया और फिर बाद में जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना अपराध कबूल कर करते हुए खुलासा किया कि इस हमले में कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर फारूक अहमद भट्ट उर्फ उमर का हाथ था।

ड्रामा क्वीन होती हैं महिलाएँ, दिनभर करती हैं ‘बकबक’: महिला दिवस पर कॉन्ग्रेस का महिला विरोधी बयान

अपनी चुनावी रैलियों से लेकर पार्टी मेनिफेस्टो तक में महिला सशक्तिकरण का ढोंग करने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता महिला दिवस के दिन महिलाओं के प्रति अपना दोहरा नजरिया छुपाने से खुद को नहीं रोक पाए। साथ ही कॉन्ग्रेस ने आज यह भी साबित कर दिया है कि हर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटना, चाहे वो आतंकवाद हो या फिर महिला सशक्तिकरण का मुद्दा हो, कॉन्ग्रेस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रोपेगेंडा चलाने का अवसर मात्र होती है।

कॉन्ग्रेस के पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक बनाने के चक्कर में महिला विरोधी बयान दे दिया। इस ट्वीट में संजय झा ने लिखा है, “भारत के सबसे बड़े ‘ड्रामा क्वीन’ को महिला दिवस की बधाई। वो थोड़ी ही देर में कहीं बकबक कर रहा होगा।”

ऐसे समय में जब कॉन्ग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हर वक़्त अभद्र टिप्पणी करती रहती है, उनकी पार्टी प्रवक्ता का यह महिलाओं का उपहास करता ट्वीट इसी की एक कड़ी माना जा सकता है ।  

लेकिन शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आड़ में संजय झा महिलाओं के प्रति अपनी कुंठा व्यक्त कर रहे थे। पीएम मोदी का अपमान करने के लिए संजय झा ने जो शब्द चुने हैं उनका मतलब सैकड़ों सालों की छुपी हुई वो पितृसत्तात्मक कुंठा है जहाँ किसी मर्द को औरत कह देना एक गाली माना जाता है। यानी, किसी मर्द को नीचे दिखाना हो तो उसे महिला कह दो। ट्विटर पर खाली बैठे संजय झा ने इसी बेहूदगी से अपने दिन की शुरुआत की और इस अशुभ कार्य के लिए उन्होंने महिला दिवस को चुना।

भले ही मज़े लेने के मूड में बैठे संजय कुंठित झा ने मोदी को निशाना बनाया, लेकिन बेहूदगी के कई आयाम होते हैं। उन्हीं में से एक यह है कि लिखते-लिखते कब उन्होंने महिलाओं को अपना निशाना बना लिया उन्हें पता भी नहीं चला। चला होता तो अब तक माफ़ी माँग चुके होते, लेकिन कॉन्ग्रेस की स्वस्थ परंपरा को कायम रखते हुए उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि महिलाएँ ‘ड्रामा क्वीन’ होती हैं और ‘बकबक’ करती हैं।

हास्य और सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी पुरुष की महिलाओं से तुलना करना, साथ ही इस तुलना को अपमानजनक और घृणित समझना, वो भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन, केवल कॉन्ग्रेस पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को ही साबित करता है। ये हास्यास्पद है कि संजय झा के ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी आज ओडिसा में कह रहे हैं कि केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार आने पर महिलाओं के लिए विधेयक लाया जाएगा। हो सकता है मीडिया में ऐसी बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद इस महिला विरोधी पार्टी के अध्यक्ष और प्रवक्ता अपने कार्यालय में जमकर इन बातों पर हँसी-मजाक भी करते होंगे।

संजय झा के इस ट्वीट को ट्विटर यूज़र्स ने खूब शेयर किया, लेकिन इनमे से  कॉन्ग्रेस के महिला विरोधी दृष्टिकोण को समझ पाने में असफल भी रहे।

एक नजर लोगों की प्रतिक्रियाओं पर-

कॉन्ग्रेस पार्टी चाहे महिला सशक्तिकरण पर कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें कर ले, लेकिन अक्सर मोदी घृणा और सत्ता के उन्माद में वो अपना वास्तविक चेहरा जनता के सामने लेकर आ ही जाते हैं।

लोकसभा चुनाव: सपा ने जारी की छः उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, देखें कौन लड़ेगा कहाँ से चुनाव

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने छः उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के मुताबिक सपा संस्थापक एवं संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे, जबकि धर्मेंद्र यादव बदायूँ से। वहीं फिरोजाबाद से अक्षय यादव चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएँगे। इसके अलावा इटावा से कमलेश कठेरिया, राबर्ट्सगंज से भाईलाल कोल व बहराइच से शब्बीर बाल्मीकि चुनावी मैदान में उतरेंगे।

आपको बता दें कि यूपी में सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। सपा 37 सीटों पर बसपा 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी तो रालोद को तीन सीटें दी गई हैं।

समाजवादी पार्टी की ओर से जारी की गई सूची पर पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के हस्ताक्षर हैं। गौरतलब है कि बीते महीने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने यह ऐलान कर दिया था कि कौन किस सीट से लड़ेगा चुनाव।

इससे पहले गुरुवार को कॉन्ग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इसमें उत्तर प्रदेश की 11 और गुजरात की चार लोकसभा सीटों के लिए नाम तय कर दिए गए हैं। इस लिस्ट से एक चीज यह भी साफ हो गई है कि रायबरेली से इस बार प्रियंका गांधी नहीं, बल्कि सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ेंगी। वहीं, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी एक बार फिर से अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे।

केरल: यौन उत्पीड़न के आरोप में इमाम शफीक गिरफ्तार, 15 वर्ष की थी लड़की

केरल पुलिस ने एक 15 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में, थोलिकोड (तिरुवनंतपुरम) के पूर्व इमाम शफीक अल कासिमी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कल (मार्च 07, 2019) तमिलनाडु के मदुरै से हिरासत में लिया गया।

केरल में 12 फरवरी को एक मौलवी पर 15 साल की एक लड़की का उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वीथुरा के थलीकोड की एक ग्रामीण मस्जिद में सेवा दे रहे मौलवी शफीक अल कासिमी को इस घटना के प्रकाश में आने के बाद पद से हटा दिया गया था।

मस्जिद समिति की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर मौलवी के खिलाफ POCSO (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। बयान के अनुसार वह 15 वर्षीय लड़की को इस क्षेत्र में एक सुनसान स्थान पर ले गया और उसका यौन उत्पीड़न किया। यह घटना उस समय प्रकाश में आई, जब स्थानीय महिलाओं के एक समूह ने मौलवी को लड़की के साथ जंगल में देखा और पूछताछ की।

आरोपित की पहचान शफीक अल कासिमी के रूप में हुई थी जो थोलिकोड मस्जिद का मुख्य इमाम था और साथ ही केरल इमाम काउंसिल का सदस्य भी था।

रिपोर्ट के अनुसार, कई गवाहों द्वारा नाबालिग के यौन उत्पीड़न की पुष्टि की गई है। मस्जिद के अध्यक्ष बदुशा (Badusha) द्वारा इन गवाहों के बयान का एक ऑडियो क्लिप जारी की गई थी। मस्जिद के सदस्यों द्वारा जाँच शुरू करने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जब स्थानीय महिलाओं ने इमाम से सवाल किया, तो उसने झूठ बोला कि बच्ची उसकी पत्नी थी। जब महिलाओं ने बच्ची के यूनिफॉर्म और स्कूल के बैज पर ध्यान दिया, तो उन्हें संदेह हुआ।

जब महिलाओं ने सवाल किया कि 15 साल की लड़की 40 वर्षीय व्यक्ति की पत्नी कैसे हो सकती है, तब इमाम आपा खोने लगा और ख़ुद ही चिल्लाता हुआ वहाँ से भाग निकला।

बता दें कि मदरसों और चर्च में एक के बाद एक यौन उत्पीड़न के मामले सामने आ रहें हैं, कुछ दिन पहले केरल के एक पादरी पर चर्च की ननों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: एयरलाइंस कंपनियों की अनोखी पहल, महिला कर्मचारियों को दिया ये खास तोहफा

पूरी दुनिया में आज महिला दिवस मनाया जा रहा है। आज का दिन महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के प्रति सम्मान जाहिर करने का दिन है। एयर इंडिया ने भी महिलाओं को सम्मान देते हुए आज एक अहम पहल की है। एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने सभी महिला चालक दल के सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए आज के दिन अपनी 52 उड़ानों की कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में दे दी है। बता दें कि आज एयर इंडिया की 12 इंटरनेशनल फ्लाइट्स और 40 डोमेस्टिक यानि घरेलू उड़ानों की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला पायलट्स के ऊपर होगी।

इन उड़ानों में दिल्ली-सिडनी, मुंबई-लंदन, दिल्ली-रोम, दिल्ली-लदंन, मुंबई-दिल्ली-शंघाई, दिल्ली-पेरिस, मुंबई-न्यूयॉर्क, मुंबई-न्यूयॉर्क, दिल्ली न्यूयॉर्क, दिल्ली-वाशिंगटन, दिल्ली-शिकागो और दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को रूस्ट की फ्लाइट्स शामिल हैं।

एयर इंडिया के साथ ही और भी एयरलाइंस कंपनियाँ अपने अपने तरीके से आज के दिन को महिलाओं के लिए खास बनाने की कोशिश कर रही है। इस कड़ी में गोएयर ने घोषणा की है कि “उपलब्धता और पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर महिला यात्री बिजनेस क्लास में सीट पाने की हकदार होंगी।

वहीं स्पाइसजेट इस दिन को यादगार बनाने के लिए सभी-महिला क्रू के साथ 22 उड़ानें संचालित करने के साथ ही महिला उड़नदस्तों को बोर्डिंग के दौरान एक स्वागत योग्य गुलाब के अलावा ‘प्राथमिकता वाली चेक-इन’ और ‘प्राथमिकता बोर्डिंग’ की भी व्यवस्था की गई है।