Tuesday, March 18, 2025
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ड्रामा क्वीन होती हैं महिलाएँ, दिनभर करती हैं ‘बकबक’: महिला दिवस पर कॉन्ग्रेस का महिला विरोधी बयान

पीएम मोदी का अपमान करने के लिए संजय झा ने जो शब्द चुने हैं उनका मतलब सैकड़ों सालों की छुपी हुई वो पितृसत्तात्मक कुंठा है जहाँ किसी मर्द को औरत कह देना एक गाली माना जाता है। यानी, किसी मर्द को नीचे दिखाना हो तो उसे महिला कह दो।

अपनी चुनावी रैलियों से लेकर पार्टी मेनिफेस्टो तक में महिला सशक्तिकरण का ढोंग करने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता महिला दिवस के दिन महिलाओं के प्रति अपना दोहरा नजरिया छुपाने से खुद को नहीं रोक पाए। साथ ही कॉन्ग्रेस ने आज यह भी साबित कर दिया है कि हर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटना, चाहे वो आतंकवाद हो या फिर महिला सशक्तिकरण का मुद्दा हो, कॉन्ग्रेस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रोपेगेंडा चलाने का अवसर मात्र होती है।

कॉन्ग्रेस के पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक बनाने के चक्कर में महिला विरोधी बयान दे दिया। इस ट्वीट में संजय झा ने लिखा है, “भारत के सबसे बड़े ‘ड्रामा क्वीन’ को महिला दिवस की बधाई। वो थोड़ी ही देर में कहीं बकबक कर रहा होगा।”

ऐसे समय में जब कॉन्ग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हर वक़्त अभद्र टिप्पणी करती रहती है, उनकी पार्टी प्रवक्ता का यह महिलाओं का उपहास करता ट्वीट इसी की एक कड़ी माना जा सकता है ।  

लेकिन शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आड़ में संजय झा महिलाओं के प्रति अपनी कुंठा व्यक्त कर रहे थे। पीएम मोदी का अपमान करने के लिए संजय झा ने जो शब्द चुने हैं उनका मतलब सैकड़ों सालों की छुपी हुई वो पितृसत्तात्मक कुंठा है जहाँ किसी मर्द को औरत कह देना एक गाली माना जाता है। यानी, किसी मर्द को नीचे दिखाना हो तो उसे महिला कह दो। ट्विटर पर खाली बैठे संजय झा ने इसी बेहूदगी से अपने दिन की शुरुआत की और इस अशुभ कार्य के लिए उन्होंने महिला दिवस को चुना।

भले ही मज़े लेने के मूड में बैठे संजय कुंठित झा ने मोदी को निशाना बनाया, लेकिन बेहूदगी के कई आयाम होते हैं। उन्हीं में से एक यह है कि लिखते-लिखते कब उन्होंने महिलाओं को अपना निशाना बना लिया उन्हें पता भी नहीं चला। चला होता तो अब तक माफ़ी माँग चुके होते, लेकिन कॉन्ग्रेस की स्वस्थ परंपरा को कायम रखते हुए उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि महिलाएँ ‘ड्रामा क्वीन’ होती हैं और ‘बकबक’ करती हैं।

हास्य और सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी पुरुष की महिलाओं से तुलना करना, साथ ही इस तुलना को अपमानजनक और घृणित समझना, वो भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन, केवल कॉन्ग्रेस पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को ही साबित करता है। ये हास्यास्पद है कि संजय झा के ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी आज ओडिसा में कह रहे हैं कि केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार आने पर महिलाओं के लिए विधेयक लाया जाएगा। हो सकता है मीडिया में ऐसी बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद इस महिला विरोधी पार्टी के अध्यक्ष और प्रवक्ता अपने कार्यालय में जमकर इन बातों पर हँसी-मजाक भी करते होंगे।

संजय झा के इस ट्वीट को ट्विटर यूज़र्स ने खूब शेयर किया, लेकिन इनमे से  कॉन्ग्रेस के महिला विरोधी दृष्टिकोण को समझ पाने में असफल भी रहे।

एक नजर लोगों की प्रतिक्रियाओं पर-

कॉन्ग्रेस पार्टी चाहे महिला सशक्तिकरण पर कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें कर ले, लेकिन अक्सर मोदी घृणा और सत्ता के उन्माद में वो अपना वास्तविक चेहरा जनता के सामने लेकर आ ही जाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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