Sunday, October 6, 2024
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एक और मुश्किल में वाड्रा, अब माँ के साथ जयपुर में होगी पेशी

मनी लॉन्ड्रिंग और ज़मीन घोटालों को लकेर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दिल्ली समेत लंदन में हुए लैंड स्कैम को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनसे लगातार पूछताछ में जुटा है। आज यानी 9 फ़रवरी को उनसे इस मामले में तीसरी बार पूछताछ हुई।

वाड्रा को अब 12 फ़रवरी को अपनी माँ मौरीन के साथ जयपुर स्थित ईडी के ऑफ़िस में पूछताछ के लिए पेश होना पड़ेगा। वाड्रा यहाँ ईडी निदेशालय के सामने बीकानेर के कोलायत में हुए ज़मीन ख़रीद के मामले में अपना पक्ष रखेंगे।

ख़बर की मानें तो राजस्थान हाईकोर्ट ने बीकानेर ज़िले के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा ज़मीन ख़रीद के मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माँ को ईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। बता दें कि ईडी ने पिछले साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में वाड्रा को तीसरी बार समन जारी किया था, लेकिन उन्होंने उसकी अनदेखी की थी।

पेशी को लेकर वाड्रा के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल जाँच में सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी वो अपनी बेटी के इलाज के लिए इंग्लैंड जा रहे हैं। जिस पर न्यायलय ने कहा था कि दोनों पक्षों के वकील पेशी की तारीख़ खु़द तय कर लें। जिसके बाद 12 फ़रवरी को वाड्रा और उनकी माँ को इस मामले में पेशी का आदेश दिया गया।

सिर्फ हिन्दुओं के पूर्वज नहीं हैं भगवान राम.. – बाबा रामदेव

गुजरात के नडियाद में आयोजित तीन दिनों के योग शिविर में बाबा रामदेव पहुँचे हैं। यहाँ पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में रामदेव ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा है।

रामदेव ने आगे कहा कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं बल्कि मुस्लिमों के भी पूर्वज थे। इसके अलावा रामदेव ने कहा कि इस मुद्दे को वोटबैंक की राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।

69% लोग राम मंदिर के समर्थन में

बता दें कि पिछले दिनों इंडिया टुडे द्वारा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले देश भर में अयोध्या राम मंदिर निर्माण पर एक सर्वे कराया था।

इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले देश के 69% लोगों ने कहा कि मंदिर अयोध्या में विवादित जगह पर ही बनाया जाना चाहिए। जबकि इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 22% लोगों ने माना कि अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर नहीं बनाया जाना चाहिए।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या में विवादित स्थान पर राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इंडिया टुडे द्वारा कराए गए इस सर्वे में देश के 13,000 लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 67% लोगों ने यह भी माना कि मोदी सरकार को अयोध्या में विवादित जगह पर मंदिर बनाने के लिए संसद में अध्यादेश लाना चाहिए। जबकि इसी सवाल के जवाब में 24% ने कहा कि सरकार को अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश नहीं लाना चाहिए।

Twitter की हिम्मत! संसदीय पैनल के सामने पेश होने से किया इनकार

ट्विटर सीईओ ने संसदीय पैनल के समक्ष 11 फ़रवरी को पेश होने से इनकार कर दिया है। इस मामले में ट्विटर की तरफ से वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि संसदीय पैनल द्वारा पर्याप्त समय नहीं दिए जाने की वजह से ट्विटर, पैनल के समक्ष 11 फ़रवरी को अपना पक्ष नहीं रख पाएगा।

दरअसल, ट्विटर पर यह आरोप है कि सरकार की तरफ झुकाव रखने वाले यूजर्स की या तो पोस्ट रीच कम कर दी जाती है, या फिर ऐसे लोगों के एकाउंट्स सस्पेंड कर दिए जाते है।

5 फ़रवरी को सरकार की तरफ से संसदीय पैनल ने इस मामले में ट्विटर को एक नोटिस भेजा था। इस नोटिस में अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाने के मामले में पार्लियामेंट्री बोर्ड के सामने ट्विटर को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था।

इस नोटिस में ट्विटर इंडिया को 11 फ़रवरी 2019 को दोपहर 3 बजे बोर्ड के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

बता दें कि ट्विटर इंडिया पर अक्सर दक्षिणपंथी लेखकों के विरुद्ध एक पक्षपातपूर्ण रवैया रखने के आरोप लगते रहे हैं। विगत दिनों ट्विटर ने कुछ हैंडल्स को सिर्फ़ इस कारण से प्रतिबंधित कर दिया था क्योंकि वो दक्षिणपंथी विचारधारा रखते थे। इसके विरोध में कुछ लोगों ने ट्विटर इंडिया कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था।

हिन्दुओं की जिस परिक्रमा को अकबर ने करवा दिया था बंद, योगी सरकार ने करवाई विधिवत शुरुआत

कुम्भ 2019 कई मामलों में ऐतिहासिक है। चाहे वह अकबर के समय से बंद पंचकोसी यात्रा की शुरुआत हो या भारत को संपेरो और भिखारियों का देश समझने वाले अन्य देशों को कुम्भ में लाकर नतमस्तक कर देने की पहल। आज वही देश अपने-अपने झंडों के साथ कुम्भ को विश्व धरोहर बनाने में लगे हुए हैं। यूनेस्को तो खैर पहले ही कुम्भ को विश्व धरोहर की संज्ञा दे चुका है। मोदी के साथ-साथ योगी सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह मुस्तैद है।

पंचकोसी यात्रा की बात करें तो कुम्भ में आए साधु संतों का कहना है कि ये धार्मिक परिक्रमा गंगा पूजन के बाद प्राचीन काल से ही होती रही है। लेकिन 550 साल पहले ये परिक्रमा मुगल बादशाह अकबर ने बन्द करवा दी थी। जिसके बाद यह लम्बे कालखंड तक स्थगित रही। कई दशक पहले संतों के प्रयास से किसी तरह शुरू भी हुई पर बीच में ही व्यवस्था के अभाव में 1993 में फिर बंद हो गई थी।

बता दें कि दशकों पहले से रुकी हुई परिक्रमा को चालू करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और अखाड़ा परिषद की पहल पर प्रयागराज परिक्रमा का रूट तय किया गया। प्रयागराज पंचकोसी परिक्रमा के तहत प्रयागराज के प्राचीन पावन तीर्थों की परिक्रमा की जाती है। साधु संतों की माँग पर योगी सरकार ने इस अति प्राचीन पंचकोसी परिक्रमा को फिर से शुरू किया है। संतो द्वारा मार्ग निर्धारण के बाद से पंचकोसी परिक्रमा के सभी रास्ते पुनः निर्मित किए गए। इस पहल से काशी, मथुरा और वृन्दावन की तरह अब प्रयागराज में भी श्रद्धालु परिक्रमा का लाभ उठा पाएँगे और मनोवांछित पूण्य के भागी होंगे।

प्रयागराज में पूर्व दिशा में दुर्वासा ऋषि का आश्रम है तो पश्चिम में भारद्वाज ऋषि का, उत्तर में पाण्डेश्वर महादेव विराजमान हैं तो दक्षिण में पराशर ऋषि की कुटिया बनी हुई है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रयागराज पहुँचकर इन चारों पावन स्थानों के दर्शन मात्र से ही प्रयाग की परिक्रमा पूरी मानी जाती है।

दो दिन पहले, दशकों से स्थगित प्रयागराज पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत से संतों, महात्माओं से लेकर आम श्रद्धालुओं में भी हर्ष का वातावरण है। संगम तट पर साधु संतों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने परिक्रमा का शुभारम्भ गंगा आरती से की।

प्रयागराज परिक्रमा के शुभारम्भ से पहले गंगा पूजन

गंगा पूजन के बाद अक्षयवट के दर्शन के बाद ये परिक्रमा शुरू होती है। जिसमे 12 माधव मंदिरों की पूजा और परिक्रमा के साथ उपरोक्त चारो तीर्थ स्थानों को परिक्रमा पथ में शामिल किया गया है। जिला प्रशासन का कहना है कि अब से इस परिक्रमा का आयोजन प्रयागराज में हर साल माघ मेले में किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग पर साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं।

दूसरी तरफ सरकार ने पहली बार कुम्भ में कार्य कर रहे कर्मचारियों, सफाई कर्मियों के लिए पाँच अस्थायी प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था भी की है। यहाँ बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर हैं और मिड-डे-मील की भी व्यवस्था की गई है। शासन द्वारा दो महीने की पढ़ाई फ्री रखी गई है। साथ ही लर्निंग कॉर्नर और आंगनबाड़ी केंद्र भी खोला गया है।

मेले में सेक्टर-2 में स्थापित प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक हितेश बताते हैं कि 15 दिसंबर से कुम्भ मेला क्षेत्र में 5 सेक्टर्स में पाँच अलग-अलग स्कूल चल रहे हैं। ये वे सेक्टर हैं, जहाँ मजदूर वर्ग के कैम्प बने हैं। चूँकि उनके माता-पिता रोज काम पर निकल जाते हैं, ऐसे में उनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ने आते हैं। यहाँ उन्हें ड्रेस, मोजे, जूते, बैग और किताबें दी गई हैं। उन्हें फल और दोपहर का खाना भी दिया जा रहा है।

जन्म लेते ही कुछ के लिए भारत रत्न तय क्यों हो जाता था: असम में PM मोदी का कॉन्ग्रेस पर तंज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम ने असम के गोवाहाटी में उत्तर-पूर्व के लिए ₹18,000 करोड़ की लागत से शुरू होने वाली ‘न्यू गेटवे ऑफ ग्रोथ’ परियोजना का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान अमीनगांव में एक जनसभा को संबोधित भी किया। पीएम ने कहा, “आज नॉर्थ ईस्ट के विकास में नया इतिहास जुड़ रहा है। असम और नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़े हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है।”

‘सच्चे भारत रत्नों को पहचानने का खेल दशकों से चल रहा’

प्रधानमंत्री नोदी ने इस दौरान कहा, “BC और AD यानि बिफोर कॉन्ग्रेस और आफ्टर डायनेस्टी का ही गौरवगान करने वालों से मैं आज यहाँ से पूछना चाहता हूँ कि आखिर आपने भारत के सच्चे रत्नों को न पहचानने का कुटिल खेल दशकों तक क्यों खेला।”

पीएम ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों रहा कि कुछ लोगों के लिए जन्म लेते ही उनके लिए भारत रत्न तय हो जाता था और देश के मान-सम्मान के लिए जिन्होंने जीवन लगा दिया उनको सम्मानित करने में दशक लग जाते थे?

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे गर्व है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ही असम के दो सपूतों, गोपीनाथ बोरदोलोई और भुपेन हजारिका को भारत रत्न देने का काम किया गया है। पीएम ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि चौकीदार की चौकसी से कैसे भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं और सुबह-शाम मोदी-मोदी के नाम की रट लगाए हुए हैं।

‘असम और उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ मेरा विशेष लगाव’

पीएम मोदी ने कहा कि आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जितना अधिकार आपका मुझ पर है, उतना ही दायित्व मेरा भी आपके प्रति है। नागरिकता संशोधन का विषय सिर्फ असम या नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में माँ भारती पर आस्था रखने वाली ऐसी संताने हैं, ऐसे लोग हैं जिनको अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा है।

पीएम ने कहा कि चाहे वो पाकिस्तान से आए हों, अफगानिस्तान से आए हों या फिर बांग्लादेश से, ये 1947 से पहले भारत का ही हिस्सा थे, जब आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ। हमसे अलग हुए देशों में जो अल्पसंख्यक यानि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, वहाँ रह गए थे उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है।

कॉन्ग्रेस का खुल गया पोल, बीच बजरिया फट गया ढोल: राफ़ेल पर BJP ने दी 10 ‘पटकनी’

राफ़ेल सौदे पर कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से मोदी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को लगातार घेरने का प्रयास किया जा रहा है। राहुल गाँधी हमेशा से ही नए-नए तरीक़ों का इस्तेमाल करके भाजपा के ख़िलाफ़ टीका-टिप्पणी करते नज़र आते हैं। फिर भले ही कॉन्ग्रेस का हर दावा झूठा ही क्यों न साबित हो जाए।

भाजपा सरकार हर बार कॉन्ग्रेस द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का पर्दाफ़ाश करती आई है। एक बार फिर भाजपा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से राफ़ेल पर कॉन्ग्रेस के झूठे दावों का जवाब दिया।

  • कॉन्ग्रेस का आरोप नंबर 1: राहुल गाँधी ने फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से बताने की कोशिश की कि भारत सरकार ने दसॉल्ट कंपनी पर अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाने के लिए दवाब बनाया।
  • BJP का जवाब: भाजपा ने ट्विट करके कॉन्ग्रेस के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और दसॉल्ट के सीईओ बता चुके हैं कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं था।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 2: राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से देश में अफ़वाह फैलाने की कोशिश की कि डील में गंभीर अनियमितता पाई गई। इस तरह कॉन्ग्रेस ने इस मामले में प्रोपेगेंडा फैलाने की भी कोशिश की।
  • BJP का जवाब: भाजपा ने कॉन्ग्रेस की इस अफ़वाह का जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस के कहने पर कोर्ट में अपील करने वालों की याचिकाएँ ख़ारिज करते हुए कहा था कि भारत सरकार ने कुछ ग़लत नहीं किया है।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 3: राहुल गाँधी ने दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी को राफ़ेल डील के विरोध में डिसेंट नोट प्रस्तुत करने के लिए मोदी सरकार ने सज़ा दी।
  • BJP का जवाब: राहुल बेनक़ाब हो गए जब ख़ुद उस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि किसी भी तरह की सज़ा उन्हें नहीं दी गई थी।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 4: राहुल ने कहा था कि फ्राँस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने पीएम मोदी को चोर कहा, ऐसा इसलिए क्योंकि भारत सरकार ने उनसे रिलायंस कंपनी को डील में शामिल करने के लिए कहा था।
  • BJP का जवाब: भाजपा ने राहुल के इस आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि ओलांद ने राहुल और उनकी पार्टी के इन आरोपों को ख़ुद ख़ारिज किया है। यही नहीं ज़रूरत पड़ने पर फ्राँस सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करके भी इस मुद्दे पर सफ़ाई दी थी।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 5: राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि फ्राँस के राष्ट्रपति मैक्रों ने उनसे स्वयं कहा कि इसमें कोई गोपनीय धारा नहीं है।
  • BJP का जवाब: फ्राँस सरकार ने राहुल के आरोपों का जवाब दिया और कहा कि समझौते में शामिल सभी पार्टियों को इससे जुड़ी किसी तरह की जानकारी साझा करने की इजाज़त नहीं थी।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 6: राहुल गाँधी ने यूपीए सरकार के दौरान राफ़ेल डील की कई क़ीमतें बताईं थी। संसद में राहुल ने ₹520 करोड़ बताया जबकि कर्नाटक में कहा ₹526 करोड़, राजस्थान में ₹540 करोड़ और दिल्ली में इसी डील की क़ीमत ₹700 करोड़ बताई थी।
  • BJP का जवाब: अपने ट्विटर पर भाजपा ने इस आरोप का जवाब देते हुए लिखा कि राहुल को झूठ बोलने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 7: राहुल गाँधी ने कहा कि मोदी सरकार ने सैन्य अधिग्रहण के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है।
  • BJP का जवाब: भाजपा ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि वास्तव में इस प्रक्रिया पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 8: राहुल गाँधी ने कहा कि यूपीए ने ₹526/ ₹520/ ₹540 में डील की, जबकि एनडीए ने यह डील ₹1600 करोड़ में की।
  • BJP का जवाब: वे सेब की तुलना संतरे से कर रहे हैं। एनडीए द्वारा बातचीत के ज़रिए राफ़ेल विमान की तय की गई क़ीमत पूरे परिचालन पैकेज़ के साथ है।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 9: राहुल गाँधी ने कहा कि 36 विमान ख़रीदने का निर्णय वायुसेना को नुक़सान पहुँचाने और दोस्त को फ़ायदा पहुँचाने के लिए किया गया।
  • BJP का जवाब: इस सवाल के जवाब में कहा गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि यह निर्णय सैन्य तैयारियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया और इससे वायुसेना ख़ुश है।
  • कॉन्ग्रेस आरोप नंबर 10: 8 फ़रवरी को राहुल ने द हिंदू में छपे आधे फोटो और रिपोर्ट को आधार बनाकर प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने का प्रयास किया।
  • BJP का जवाब: हमें पहले से पता है कि कॉन्ग्रेस, भाजपा सरकार पर आरोप लगाने के लिए फोटोशॉप एडिटेड फोटो की मदद लेते हैं। लेकिन कोई कितना भी झूठ बोले आख़िरकार जीत सत्य की ही होती है।

इस सभी सवालों के जवाब में बीजेपी ने कॉन्ग्रेस की भ्रम फैलाने वाली राजनीति पर विराम लगाया। रक्षा सौदों में कुछ बातें गोपनीय रखना राष्ट्रहित में होता है, लेकिन कॉन्ग्रेस इस राष्ट्रहित को किनारे करके बेवजह ही उलझाने वाली नीति को अपनाती है जो देश के लिए सही नहीं है।

कॉन्ग्रेस में ‘G’ प्रथा को तोड़िए चिदंबरम जी, सबरीमाला-राम मंदिर आपसे न हो पाएगा

लोकसभा चुनाव को अब ज्यादा समय नहीं बाक़ी बचा है। कुछ ही महीनों बाद यह तय हो जाएगा कि सत्ता की कुर्सी पर आने वाले पाँच सालों के लिए जनता किसे चुनेगी। चुनाव चाहे पंचायत का हो या फिर नगर निगम का, हवाओं में ऑक्सीजन से ज्यादा राजनीति अपने आप ही महसूस होने लगती है। और ऐसे में फिर, साल 2019 हो- लोकसभा के चुनाव हों- सत्ता में भाजपा की सरकार हो… तो सोचिए! विपक्षी पार्टियों में कितना हड़कंप होगा। हवा छोड़ दीजिए, खाने-पीने की चीजों तक पर राजनीति होगी। न सरकार के फैसलों को छोड़ा जाएगा और न देश की सेना को।

ऐसे ही थोड़ी बुआ-बबुआ ने सालों पुरानी दुश्मनी को भुलाकर अपने मेल को महागठबंधन का नाम दिया है… ‘राजनीति में कभी न आऊँगी’ कहने वाली प्रियंका ऐसे ही कॉन्ग्रेस की महासचिव थोड़ी बनी हैं… ज़हरीली शराब के मुद्दे पर ऐसे ही अखिलेश योगी सरकार को दोषी थोड़ी बता रहे हैं… ऐसी अनेकों अनेक बातें आपको सिर्फ़ यही बता रही हैं कि चुनाव नज़दीक है और अब कुर्सी की लड़ाई के लिए हर हथकंडा आज़माया जाएगा। अब इन हथकंडों में फिर चाहे राहुल को मशीन से आलू डालकर सोना ही क्यों न निकालना पड़ जाए, वो निकालेंगे और ऐसे करके एक बार फिर वो देश को सोने की चिड़िया जरूर बनाएँगे।

लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं लेकिन राजनैतिक दल अपने मेनिफ़ेस्टो पर फ़ोकस करने से ज्यादा बयानबाज़ी करने में व्यस्त हैं। यह बात देश का लगभग हर नागरिक जानता है कि राम जन्मभूमि और सबरीमाला दो ऐसे संवेदनशील मामले हैं जिनसे हिंदू लोगों की धार्मिक भावनाएँ जुड़ी हुई हैं। एक तरफ जहाँ अयोध्या में भगवान राम को छत दिलाने के लिए लोगों की जद्दोजहद ज़ारी है तो वहीं सबरीमाला में भगवान अयप्पा द्वारा लिए मूल प्रण को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

ऐसे में लोकतांत्रिक देश की सबसे ‘सेकुलर’ पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का इस मामले पर बयान है कि राम मंदिर विश्वास का मामला है जबकि सबरीमाला ‘प्रथा’ है। चिदंबरम का मानना है कि इन मामलों को एक दूसरे के साथ मिलाना नहीं चाहिए। चिदंबरम ने यह टिप्पणी अपनी किताब ‘अनडॉटेड: सेविंग द आइडिया ऑफ इंडिया’ किताब के विमोचन के दौरान कही है।

पूर्व वित्त मंत्री ने सबरीमाला और राम मंदिर पर पूछे सवालों का जवाब देते हुए कहा, “राम मंदिर प्रथा का मामला नहीं है, यह विश्वास का मामला है, जबकि सबरीमाला एक प्रथा है जो कि आधुनिक संवैधानिक मूल्यों के ख़िलाफ है।”

चिदंबरम का कहना है कि बीते चार साल देश के लिए त्रासदी से कम नहीं है, हर ओर तानाशाही ही नजर आई है। साथ ही पिछले चार सालों में किसानों के साथ इतना बुरा बर्ताव हुआ है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है। चिदंबरम ने पूरी बातचीत में अपनी पार्टी को स्पष्ट तौर पर सेकुलर पार्टी बताते हुए कहा कि भाजपा की छवि साफ़ तौर पर मुस्लिम और अल्पसंख्यक विरोधी बनी है।

चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेता का ऐसा बयान वाकई किसी को भी सोचने पर मजबूर करेगा कि क्या वाकई भाजपा के काल में यह सब चल रहा है। क्या वाकई सबरीमाला मात्र एक प्रथा है। ऑपइंडिया पर लिखे आर्टिकल में  स्पष्ट रूप से इस बात का वर्णन है कि सबरीमाला मंदिर कोई प्रथा नहीं हैं बल्कि यह एक विश्वास है, ठीक उसी तरह जैसे हिंदू का विश्वास राम मंदिर में है, मुस्लिम का विश्वास अल्लाह में है और ईसाईयों का विश्वास ईशु में।

सबरीमाला में औरतों के प्रवेश पर जो निषेध है वो सिर्फ इसलिए क्योंकि उस मंदिर में विराजमान अयप्पा भगवान ने ब्रहमचर्य का प्रण लिया था, जिसके कारण उस मंदिर में तय उम्र की महिलाओं का जाना मना है। अब खुद सोचिए, अगर यह विश्वास नहीं है तो फिर क्या है… कल को अगर चिदंबरम राम मंदिर बनने पर ही कहने लगें कि राम तो मात्र एक कल्पना है ऐसे में उनके लिए इतना विवाद सिर्फ़ लोगों की अंधभक्ति को दिखाता है… तो क्या कर लिया जाएगा… शायद कुछ भी नहीं। क्योंकि जिन्हें भावनाओं को बिना जाने-समझे प्रथा का नाम देना है, वो कल को क्या कह दें, कुछ नहीं पता। ख़ास यह है कि ऐसे लोगों को फ़र्क़ भी कुछ नहीं पड़ता कि उनके कहने से कितने लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं। अपने अधिकारों पर लड़ने वाले ‘सेकुलर’ लोग भगवान की निजता के अधिकार को ‘प्रथा’ बताकर छीनने की कोशिश कर रहे हैं… कलयुग यही है।

मुझे लगता है कि माननीय पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को अर्थशास्त्र से जुडे़ मुद्दों पर ही सीमित रह जाना चाहिए। उन्हें गौर करना चाहिए कि राहुल की न्यूनतम आय की घोषणा पर उनके द्वारा लगाया अनुमान गलत कैसे हो सकता है, क्योंकि समाजिक मुद्दों पर दिए गए उनके बयान तो किसी भी रूप में संतोषजनक नहीं हैं, ऐसे में वो अर्थशास्त्र पर ही फोकस करें।

‘विश्वास और आस्था’ को ‘प्रथा’ का नाम देने वाले चिदंबरम जी को पहले इन शब्दों में फर्क समझने की अति आवश्यकता है। प्रथा वो है, जिसमें कॉन्ग्रेस पार्टी की विचारधारा लीन है। ‘परिवारवाद’ है प्रथा चिदंबरम जी… और अगर ये प्रथा नहीं है तो ‘राहुल गाँधी’ ही क्यों कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं… आप बन जाइए! आँकड़ों पर तो आप ‘गल्त’ हो ही चुके हैं अब सामाजिक मुद्दों पर भी बोलने लगे हैं, हद है। और इतनी उम्मीद तो हमें आप से है ही कि आप आज़ादी से पहले अस्तित्व में आई कॉन्ग्रेस पार्टी की साख़ यह कहकर तो बिलकुल धूमिल नहीं करेंगे कि हम एक तरफ से आलू डालेंगे तो वो दूसरी तरफ से सोना आएगा… उसके लिए राहुल गाँधी ही ‘परफ़ेक्ट’ हैं क्योंकि ‘प्रथा-वश’ वो अध्यक्ष भी हैं आपके।

मैं बतौर देश की नागरिक आप राजनेताओं की राजनीति को लगातार समझने का प्रयास कर रहीं हूँ, थोड़ा आप भी हम नागरिकों की जरूरतों और भावनाओं को समझने का प्रयास कीजिए। वरना आप सिर्फ मौक़ापरस्त होकर बयानबाजी करते रहेंगे और अपने लिए मौके की माँग करते रह जाएँगे।

शानदार ख़बर: 179 कश्मीरी छात्रों को IAF के विशेष विमान से भेजा गया जम्मू ताकि परीक्षा न छूटे

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी और बारिश की वजह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले चार दिनों से बंद पड़ा है। हाइवे बंद होने और उड़ानों की आवाजाही ठप होने के चलते लोगों को काफ़ी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा।

राज मार्ग बंद होने से सबके चलते दिक्कत खासकर उन छात्रों को हो रही थी, जिनको शुक्रवार (7 जनवरी) को ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट यानी (गेट) के दूसरे चरण के परीक्षा में शामिल होना था। छात्रों की समस्या को देखते हुए सरकार ने सराहनीय कदम उठाते हुए श्रीनगर के 179 छात्रों को विशेष विमान से जम्मू पहुँचा।

ख़बरों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मामले में संज्ञान लेते हुए श्रीनगर और दिल्ली में फंसे ऐसे सभी लोगों के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने का निर्देश दिया था। बता दें की राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से मदद का अनुरोध किया था। राज्य सरकार के अनुरोध के बाद छात्रों को एयरलिफ्ट करने के लिए वायुसेना का विशेष विमान श्रीनगर से जम्मू लाया गया। इसके अलावा सऊदी अरब से उमरा करके लौटे 180 यात्रियों को भी दिल्ली से श्रीनगर पहुँचाया गया।

कॉन्ग्रेस का ‘हाथ’ नहीं कमलनाथ के साथ! गोहत्या पर चिदंबरम-दिग्विजय का अलग राग

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा गोहत्या और गायों की अवैध तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत की गई कार्रवाई को गलत बताया है।

दरअसल, प्रदेश के खंडवा जिले में गोहत्या के आरोप में तीन लोगों को, जबकि आगर मालवा जिले में गौ वंश की अवैध तस्करी के आरोप में दो लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। चिदंबरम ने रासुका के तहत हुई तीन लोगों की गिरफ़्तारी को गलत बताते हुए इस मामले को मध्य प्रदेश सरकार के सामने उठाया है।

बता दें कि, इससे पहले इस मामले पर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि गोहत्या कानून के तहत आरोपितों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, पर इस मामले में एनएसए लागू करना अनावश्यक था। ख़बर की मानें तो तीन आरोपित नदीम, उसके भाई शकील व आजम पर रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए तीनों को जेल भेजा दिया गया था।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार द्वारा यह दूसरी बार है जब राज्य में रासुका के तहत कार्रवाई की गई हो। कॉन्ग्रेस ने कहा कि ऐसे मुद्दे संवेदनशील हैं, इसलिए इन पर रासुका के तहत कार्रवाई करना जरुरी है। बता दें कि कई लोगों ने कड़े कानून और कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा इसके उपयोग के खिलाफ़ अपनी चिंता जाहिर की है। ख़बरों की मानें तो कमलनाथ सरकार पूरे राज्य में 1000 गौशाला भी खोलने जा रही है। इस योजना के प्रथम चरण के तहत पूरे राज्य से करीब 1 लाख गायों को इसमें सुरक्षित रखने का लक्ष्य रखा गया है।

अरुणाचल ने जो आज हासिल किया है, वो बहुत ही जल्द पूरे देश में होने वाला है: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (फ़रवरी 9, 2019) अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में 4,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज अरुणाचल ने जो हासिल किया है, वो बहुत ही जल्द पूरे देश में होने वाला है।

PM मोदी ने कहा, “सौभाग्य योजना के तहत देश में करीब 2.5 करोड़ परिवारों के घरों से अंधेरे को दूर किया जा चुका है। विकास की इसी कड़ी में आज अरुणाचल में एक साथ दो एयरपोर्ट का उद्घाटन और शिलान्यास हो रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लिए तो ये और भी अहम अवसर है, क्योंकि आज़ादी के इतने वर्षों बाद तक यहाँ एक भी ऐसा एयरपोर्ट नहीं था जहाँ नियमित रूप से बड़े यात्री जहाज़ उतर पाएँ।

PM मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास के इस मंत्र पर चलते हुए, बीते साढ़े 4 वर्षों में अरुणाचल और उत्तर पूर्व के विकास के लिए ना तो फंड की कमी आने दी गई और ना ही इच्छाशक्ति की।

प्रधानमंत्री ने अपने ही अंदाज़ में विकास की पंचधारा पर बात करते हुए कहा, “हमारी सरकार विकास की पंचधारा, बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत बेहतर होगी और अरुणाचल की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।”

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता उजागर करते हुए कहा, “केंद्र सरकार देश के हर क्षेत्र की संस्कृति, भाषा, खान-पान, रहन-सहन को संरक्षित करने, उनका और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि हमारी सरकार ने अरुणाचल की संस्कृति को ताकत देने के लिए यहाँ के अपने 24 घंटे के टीवी चैनल अरुण प्रभा को लॉन्च किया है।”

वहाँ की प्राकृतिक आभा की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “अरुणाचल के लिए ना तो प्रकृति ने कोई कमी छोड़ी है और ना ही अध्यात्म और आस्था से जुड़े स्थानों की यहाँ कमी है। नए एयरपोर्ट बनने से, नई रेल लाइन बिछने से, यहाँ देश विदेश के टूरिस्टों की संख्या भी बढ़ेगी। इससे युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक नए अवसर बनेंगे। मैं अरुणाचल प्रदेश को सौभाग्य योजना के तहत करीब हर परिवार तक बिजली पहुँचाने के लिए बहुत बधाई देता हूँ।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से अरुणाचल प्रदेश की दूसरे राज्यों से कनेक्टिविटी तो सुधरेगी ही साथ ही राज्य के पावर सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया के अपने संकल्प दोहराते हुए कहा कि मैं बार-बार कहता आया हूँ, “न्यू इंडिया तभी अपनी पूरी शक्ति से विकसित हो पाएगा, जब पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट का तेज़ गति से विकास होगा। ये विकास संसाधनों का भी है और संस्कृति का भी। ये विकास अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ने का भी है और दिलों को जोड़ने का भी।”