Monday, November 25, 2024

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नौशेरा में सर्च ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट, एक मेजर वीरगति को प्राप्त, दो जवान घायल

इस बार आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में रजौरी के नौशेरा में आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें इंजीनियरिंग कोर के मेजर के साथ दो अन्य गंभीर जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

गुजरात न्यूज़ एडिटर महोदय, बलिदान की संवेदना पर व्यक्तिगत घृणा थोप कर रात में कैसे सो पाते हैं आप?

गुजरात के लोग ये जानते हैं कि आपके नेतृत्व में प्रकाशित होने वाले अख़बार हमेशा सरकार विरोधी और प्रतिष्ठान विरोधी रुख़ अपनाता रहा है। यही वजह है कि बतौर संपादक आप तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के ख़िलाफ़ लिखते रहे हैं।

आतंकी आदिल के पिता का कुतर्क कहाँ तक उचित है?

क्या अकारण वीरगति को प्राप्त हुए सेना के जवान और आतंकी मनसूबों के साथ मरने वाले आतंकवादियों में कोई फर्क ही नहीं रह गया है? अपने दुख को इन जवानों के घर वालों के दुख के समान बताकर किस तरह का माहौल बनाया जा रहा है?

फैक्ट चेक: NDTV, कॉन्ग्रेस IT सेल की प्रमुख ने ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के बारे में फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई

जहाँ एक तरफ देश पुलवामा में शहीद हुए 44 सीआरपीएफ के जवानों को लेकर शोक मना रहा था, वहीं दूसरी ओर दिव्या स्पंदना ने NDTV की आधी-अधूरी रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ट्रेन-18 के बारे में झूठी ख़बर फैलाते हुए ट्रेन को विफल बताया।

आतंकियों को मानवीय बनाने की कोशिश करने वालो, बेहयाई थोड़ी कम कर लो

ऐसी हर बेहयाई के केन्द्र में ये यूजूअल सस्पैक्ट्स आते हैं, भारतीय पत्रकारिता के समुदाय विशेष, उन्हें अलग एंगल चाहिए कि बाकी लोग जवानों के परिवार से मिल रहे हैं, हम आतंकियों के घरवालों से मिल लेते हैं! उसके बाद क्या? उसके बाद यह कहना कि दोनों के माँ-बाप एक ही तरह के दुःख से गुजर रहे हैं?

सोनू और कंगना का ‘सेकुलरों’ पर तंज: ‘विपक्ष वाले फ़र्ज़ी शोक न मनाएँ’, ‘उन्हें गधे पर बिठाकर थप्पड़ मारो’

फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “अब जो भी शांति और अहिंसा की बात करेगा उस पर कालिख पोत कर, गधे पर बैठा कर चौराहे पर खड़ा कर देना चाहिए ताकि जो भी आए थप्पड़ मार कर जाए।”

पुलवामा आतंकी हमला: 7 संदिग्ध पुलिस हिरासत में, हमले की योजना में शामिल होने का शक़

दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाक़े के मिदूरा में इस भयावह आतंकी हमले की योजना तैयार की गई थी और यही जगह विस्फोटकों की व्यवस्था में मददगार भी बनी।

वो तो अपना काम कर गए, तुमने देश के लिए कुछ करना शुरू किया है?

जो मासूम ये तर्क देते पाए जाते हैं कि “हिंसा का इलाज हिंसा नहीं हो सकता”, वो क्यूट लोग अक्सर भूल जाते हैं कि हिटलर को रोकने के लिए हिंसा का ही इस्तेमाल करना पड़ा था।

कश्मीर में जिहाद को रोकने के लिए अपनाने होंगे ‘out of the box’ विकल्प

भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री लाना, उसे वाहन पर असेम्बल करना, कई दिन पहले से इलाके की रेकी करना और पूरा प्लान बनाने में अच्छा-खासा समय लगता है। यह स्थानीय सहायता के बिना संभव ही नहीं है।

हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ली जा सकती है, पुलवामा हमले के बाद सरकार ने किया बड़ा फैसला

गृह मंत्री ने शाम में कहा था कि सेना को हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया है। इस बयान के कुछ समय बाद ही सरकार द्वारा हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लेने की बात कही जा रही है।

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