Sunday, May 19, 2024

देश-समाज

विश्व की सबसे बड़ी सेनिटेशन योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से हमें क्या मिला

साठ के दशक के आरंभिक दिनों में जब विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल अपने पुरखों की भूमि भारत आए थे तब उन्हें कश्मीर से लेकर मद्रास...

बलात्कार आरोपित बिशप मुलक्कल के विरोध में उतरी एक और नन का तबादला

बलात्कार के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल रही एक नन को उनके समूह ने तबादला आदेश जारी कार दिया है।...

MP में 16 साल की दलित बच्ची का रेप, राजनैतिक हत्याओं के बाद अराजकता का माहौल

आरोप है कि दो शिक्षकों, लखन कुशवाहा और श्याम प्रजापति, ने अंजुम ख़ान को स्कूल का एक कमरा उपलब्ध करवाया और दोनों को कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया।

पत्थरबाज़ों के बीच सुरक्षाबलों ने किया 3 आतंकियों को ढेर

पुलिस की मानें तो शेरमल गांव में चार से छह आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद इलाके मे सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया था

राहुल गाँधी जी, हवाबाज़ी थोड़ा कम कीजिए! ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ने ज़िंदगियाँ बदली हैं

'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की प्रमुख ज़रूरत देशव्यापी जागरूकता अभियान भी है। पर राहुल और उनके पिट्ठू मीडिया को वास्तविक तथ्यों से अवगत हो और उसे सच्चाई के साथ पेश करने की उम्मीद करना बड़ा सवाल है।

‘मंदिर वहीं बनाएँगे’: इंडिया टुडे सर्वे में हिस्सा लेने वाले 69% लोगों ने कहा

चुनाव से ठीक तीन महीने पहले इंडिया टुडे ने इस मुद्दे पर देश के लोगों की राय जानने के लिए एक सर्वे कराया है। इंडिया टुडे द्वारा कराए गए इस सर्वे में देश के 13,000 लोगों ने हिस्सा लिया।

बाल ठाकरे स्मारक निर्माण के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने किए ₹100 करोड़ मंजूर

शिवसेना प्रमुख रहे स्वर्गीय बाल ठाकरे के स्मारक के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने ₹100 करोड़ की मंजूरी दे दी है। इसकी माँग लम्बे समय से उठ रही थी।

यायावरों को पंख देकर वरदान साबित हुई है UDAN योजना

UDAN योजना के कारण पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, जो केंद्र सरकार का घूमने के शौकीनों के लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा माना जा सकता है।

98 ईसाई आदिवासियों ने पुनः अपनाया हिंदू धर्म, 9 साल पहले प्रलोभन से कराया गया था धर्मान्तरण

इससे पहले क्रिसमस के मौक़े पर मैनपुरी में बजरंग दल ने 20 ईसाईयों की हिन्दू धर्म में वापसी कराई थी।

मैं तो बस एक झूठ लेकर चला था, ‘वायर’ जुड़ते गए, और ‘कारवाँ’ बनता गया…

कारवाँ एक ऐसा मैगजीन है जिसके बारे में आप तभी सुनते हैं जब रवीश कुमार फ़ेसबुक पर लेख लिखकर जताते हैं कि उस शाम के प्राइम टाइम में क्या कवर किया जाएगा।

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