Saturday, September 28, 2024

विचार

असंगठित क्षेत्र श्रमिकों के लिए ऐतिहासिक साबित होगी ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन पेंशन योजना’

ऐसा अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों के भीतर असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिक और कामगार इस योजना का लाभ लेंगे।

रक्षा बजट ₹3 लाख करोड़ के पार जाने के मायने क्या हैं

देश की रक्षा एवं सुरक्षा देश के विकास का ही एक अंग है। हम सुरक्षित हुए बिना विकसित होने की कल्पना नहीं कर सकते।...

रवीश जी, मोदी की खुन्नस बच्चों पर क्यों? लीजिए 15 कार्य गिनिए जो मोदी ने शिक्षा के लिए किए

एक प्रधानमंत्री की पहुँच अगर इतनी है कि वो एक साथ लाखों विद्यार्थियों से जुड़ जाए, तो क्या रवीश जी यह चाहते हैं कि 10,000 बच्चे इस साल आत्महत्या कर लें, तब तक सरकार हर स्कूल में काउंसलर की वेकन्सी निकाले?

बजट 2019: 1 लाख और ‘डिजिटल गाँव’ की योजना… 10 करोड़ नए लोग जुड़ेंगे इंटरनेट से

अब पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे सस्ते मोबाइल टैरिफ उपलब्ध हैं। बजट में इस बात की जानकारी भी दी गई कि पिछले 5 वर्षों में मोबाइल डेटा के मासिक इस्तेमाल में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सबरीमाला कोई पब्लिक प्लेस नहीं, हिन्दुओं का पवित्र स्थल: संघ प्रमुख के बयान के मायने

संघ प्रमुख का मानना है कि यह समस्या किसी एक मंदिर, पंथ या राज्य की नहीं है बल्कि अन्य मंदिरों पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह वामपंथी ताक़तों के ख़िलाफ़ पूरे देश की लड़ाई है।

शाह फ़ैसल के नए गीतों में अलगाववादियों के बोल हैं

फ़िलहाल तो फैसल को अपनी राजनीतिक उड़ान में कई दिक़्कतों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि हिज़्बुल मुज़ाहिदीन संगठन ने शाह फैसल के राजनीति में आने के क़दम पर कड़ा ऐतराज जताया।

हम थोड़े बेवफ़ा क्या हुए, आप तो बदचलन हो गए: राहुल गाँधी अमेठी सभासदों से

सभी के सभी 13 सभासद 'अल्पसंख्यक' समाज से आते हैं। कॉन्ग्रेस के लिए यह घाव तब भगंदर बन गया, जब ख़बर में यह भी है कि ना सिर्फ 13 सभासदों ने बल्कि अल्पसंख्यक समाज की कई महिलाएँ और पुरुषों ने भी 'कमल' को ही अपना लिया।

हृदय से सेक्युलर और गाँधीवादी थे नाथूराम गोडसे

गाँधी जी की हत्या करने के आरोप में गोडसे पर मुकदमा चला था। उस मुकदमे की कार्यवाही में गोडसे ने अपनी बात पाँच घंटे लंबे वक्तव्य के रूप में रखी थी। यह वक्तव्य 90 पृष्ठों का था जो 1977 के बाद प्रकाशित हुआ।

गाँधी की तमाम कमज़ोरियों के बाद भी उनके योगदान को नकारना मूर्खता है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अतिरिक्त यदि कोई इस बँटवारे का प्रखर विरोधी था तो वो गाँधी थे। मुस्लिम लीग की ज़िद के आगे कॉन्ग्रेस ने घुटने टेक दिए थे, न कि गाँधी ने।

के के मुहम्मद को पद्मश्री: अयोध्या के गुनहगारों के मुँह पर ज़ोरदार तमाचा

विवादित ढाँचा गिराए जाने से पूर्व ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 14 स्तंभों को के के मुहम्मद की टीम ने प्रत्यक्ष देखा था। उसी प्रकार के स्तंभ और उसके नीचे के भाग में ईंट का चबूतरा विवादित ढाँचे की बगल में और पीछे के भाग में उत्खनन करने से प्राप्त हुआ था।

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