Tuesday, May 14, 2024

राजनैतिक मुद्दे

रक्षा बजट ₹3 लाख करोड़ के पार जाने के मायने क्या हैं

देश की रक्षा एवं सुरक्षा देश के विकास का ही एक अंग है। हम सुरक्षित हुए बिना विकसित होने की कल्पना नहीं कर सकते।...

शाह फ़ैसल के नए गीतों में अलगाववादियों के बोल हैं

फ़िलहाल तो फैसल को अपनी राजनीतिक उड़ान में कई दिक़्कतों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि हिज़्बुल मुज़ाहिदीन संगठन ने शाह फैसल के राजनीति में आने के क़दम पर कड़ा ऐतराज जताया।

हम थोड़े बेवफ़ा क्या हुए, आप तो बदचलन हो गए: राहुल गाँधी अमेठी सभासदों से

सभी के सभी 13 सभासद 'अल्पसंख्यक' समाज से आते हैं। कॉन्ग्रेस के लिए यह घाव तब भगंदर बन गया, जब ख़बर में यह भी है कि ना सिर्फ 13 सभासदों ने बल्कि अल्पसंख्यक समाज की कई महिलाएँ और पुरुषों ने भी 'कमल' को ही अपना लिया।

हृदय से सेक्युलर और गाँधीवादी थे नाथूराम गोडसे

गाँधी जी की हत्या करने के आरोप में गोडसे पर मुकदमा चला था। उस मुकदमे की कार्यवाही में गोडसे ने अपनी बात पाँच घंटे लंबे वक्तव्य के रूप में रखी थी। यह वक्तव्य 90 पृष्ठों का था जो 1977 के बाद प्रकाशित हुआ।

गरीबों को गारंटी करके न्यूनतम आमदनी देंगे: राहुल गाँधी का ‘ऐतिहासिक निर्णय’

शुरुआत के लिए उन्हें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करना चाहिए, और फिर लोगों को समझाना चाहिए कि ये करना भी है, तो कॉन्ग्रेस की तरह करो।

5 सवाल अखिलेश यादव जी से पूछती उत्तर प्रदेश की एक लड़की

सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले देशहित और जनता की बात करते हैं! अखिलेश यादव जी आप किसी पर भी सवाल उठाने से पहले अपने कार्यकाल का समय आखिर क्यों भूल जाते हैं?

हेमा मालिनी पर बेहूदा कॉमेंट से पहले इंदिरा के पोस्टर को भी देख लो ‘दुर्जन’ सिंह

चिकने चेहरों की बात करने वाले सज्ज्न सिंह ये बताने का कष्ट करेंगे कि क्या वो इस नेता नगरी में कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीत कर आए थे, या उन्हें मंत्री पद दान में मिल गया था ?

6 साल में 111 केस: AAP ने राजनीतिक शुचिता की चिता जला दी

रामलीला मैदान में जब अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू हुआ था तब लोगों में एक उम्मीद जगी थी।

अगर ‘JNU कांडियों’ और नम्बी नारायणन में से आप सिर्फ़ पहले वालों को जानते हैं, तो समस्या आपके साथ है

नम्बी नारायणन को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री पूरी करने में मात्र 10 महीने लगे थे। मात्र 10 महीने? जेएनयू के ‘सेलेब्रिटी छात्रों’ ने अकेले टीवी स्टूडियो में ही 10 महीने से अधिक समय बिता दिया होगा।

26 जनवरी विशेष: क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद? जानिए भारत जैसे देश के लिए इसकी अहमियत

जानकारों की माने तो अब NSCS के अधिकारी रक्षा, गृह और विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के अतिरिक्त लगभग हर मंत्रालय जैसे कि रेलवे, नागरिक उड्डयन, पर्यावरण आदि के सचिवों से भी लगातार परामर्श करते रहेंगे।

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